प्रोस्टेट अखरोट के आकार की एक ग्रंथि है जो कि पुरुषों में मूत्रमार्ग के पास होती है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रोस्टेट से एक तरल पदार्थ का स्राव (निकलता) होता है। यह तरल वीर्य (स्पर्म) का हिस्सा है और महिला प्रजनन पथ में शुक्राणुओं को जीवित रखने में मदद करता है। प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने की स्थिति को बिनाइन प्रोस्टेट हाइपरट्रॉफी (बीपीएच) या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया कहते हैं। यह व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करने के साथ-साथ मूत्रमार्ग को भी बाधित कर सकता है, जिससे मूत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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प्रोस्टेट बढ़ना 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में आम है और 80 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 90 प्रतिशत पुरुषों में यह स्थिति विकसित होती है। बीपीएच कैंसर का रूप नहीं है। आमतौर पर यह न तो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और न ही यह प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

प्रोस्टेट के बढ़ने का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। हालांकि, उम्र बढ़ने से संबंधित कुछ कारक, वृषण कोशिकाओं में बदलाव के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर और मेडिकल हिस्ट्री (चिकित्सक द्वारा पिछली बीमारियों व उनके इलाज से जुड़े प्रश्न पूछना) प्रोस्टेट ग्रंथि के विकास में भूमिका निभा सकती है। बीपीएच का पारंपरिक रूप से दवाओं और सर्जरी के माध्यम से इलाज किया जाता है।

होम्योपैथी उपचार की एक वैकल्पिक प्रणाली है, जो व्यक्तिगतकारण (individualisation) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका मतलब है कि किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक स्थिति और बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाइयां निर्धारित की जाती हैं। इसके अलावा मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, जेनेटिक हिस्ट्री और मनोवैज्ञानिक लक्षणों का भी ध्यान रखा जाता है। होम्योपैथी दवाईयों को प्राकृतिक पदार्थों से तैयार किया जाता है और इसीलिए इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के उपचार के लिए बरयेटा कार्बोनिका (baryta carbonica), चिमाफिला अम्बेलाता (chimaphila umbellata), कोनियम मैक्यूलेटम (conium maculatum), डिजिटलिस परप्यूरिया (digitalis purpurea), लाइकोपोडियम क्लैवेटम (lycopodium clavatum), सबल सेरुलता (sabal serrulata), स्टैफिसैग्रिया (staphysagria) और थुजा ओसिडेंटलिस (thuja occidentalis) सहित दवाओं का उपयोग किया जाता है।

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  1. प्रोस्टेट बढ़ने की होम्योपैथिक दवाएं - Enlarged prostate homeopathic medicine in Hindi
  2. होम्योपैथी के अनुसार प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या खाएं क्या नहीं - According to homeopathy, what not to eat when the Enlarged prostate in Hindi
  3. प्रोस्टेट बढ़ने पर होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी - How effective are homeopathic medicines on prostate enlargement in Hindi?
  4. बढ़े हुए प्रोस्टेट में होम्योपैथिक दवाओं और उपचार के साइड इफेक्ट - Homeopathic medicine side effects on enlarged prostate in Hindi
प्रोस्टेट बढ़ने की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ होम्योपैथिक दवाएं :

रोगी की स्थिति तब बिगड़ जाती है जब वे लक्षणों के बारे में सोचते रहते हैं, लेकिन खुली हवा में चलने पर इन लक्षणों से राहत मिलती है।

  • चिमाफिला अम्बेलाता
    सामान्य नाम : पिप्सिसेवा
    लक्षण : इस दवा के इस्तेमाल से निम्नलिखित लक्षणों के उपचार में मदद मिल सकती है -
    • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
    • सेंशेसन महसूस होना जैसे गुदा और अंडकोष/योनीमुख के बीच के भाग में उभार हो।
    • पेशाब के समय जलन होना और रोगी को पेशाब से पहले तनाव महसूस होना। इस स्थिति में मरीज को पेशाब के दौरान अपने पैरों को फैलाने और घुटने को थोड़ा मोड़ने की आवश्यकता होती है। (और पढ़ें - तनाव कम करने के उपाय)
    • मूत्राशय में चुभन जैसा तेज दर्द 
    • पेशाब में चिप​चिपा या खूनी बलगम सा पदार्थ आना
    • किडनी वाले हिस्से का फड़फड़ाना
    • अचानक से प्रोस्टेट में सूजन
    • प्रोस्टेटिक ​फ्लूइड (पुरुषों में स्खलन के दौरान निकलने वाला द्रव) का डिस्चार्ज होना

(और पढ़ें - शीघ्रपतन का इलाज)

सभी लक्षण फुटपाथ पर बैठने या किसी ठंडे पत्थर पर बैठने या नम मौसम में खराब हो जाते हैं।

  • कोनियम मैक्यूलेटम
    सामान्य नाम : पॉइजन हेमलॉक
    लक्षण : कोनियम उन लोगों में अच्छा काम करता है जो चिंतित, उदास हैं और अकेले होने से डरते हैं। इसके अलावा जो लोग किसी भी चीज में रुचि नहीं ले पा रहे हैं। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों से राहत देने में मदद करता है -

सभी लक्षण सेक्स करने या नीचे लेटने, शारीरिक और मानसिक थकान और ठंड के मौसम में बदतर हो जाते हैं, लेकिन चलने-फिरने, खाली पेट रहने से इनमें सुधार होता है।

  • डिजिटलिस परप्यूरिया
    सामान्य नाम : फॉक्सग्लोव
    लक्षण : फॉक्सग्लोव उन लोगों में बेहद असरदार है, जिनमें प्रोस्टेट बढ़ने के साथ-साथ हृदय संबंधी समस्याएं या कभी गोनोरिया हुआ हो। इसके अलावा जिनमें उत्साह की कमी होती है, चिंतित और ऐसे भयभीत लोग जो बहुत उदास रहते हैं, उन्हें भी इस उपाय से फायदा हो सकता है। फॉक्सग्लोव निम्नलिखित लक्षणों से छुटकारा पाने में मदद करता है -

यह लक्षण भोजन के बाद और बैठे रहने पर बिगड़ जाते हैं, जबकि खुली हवा में बाहर जाने पर खाली पेट बेहतर महसूस होता है।

  • लाइकोपोडियम क्लैवेटम
    सामान्य नाम : क्लब मॉस
    लक्षण : लाइकोपोडियम उन व्यक्तियों में अच्छा काम करता है जो बेहद संवेदनशील हैं। जिनकी याद्दाश्त कमजोर है, भ्रमित हैं और अकेले होने से डरते हैं। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए निर्धारित है -
    • पेशाब लगना लेकिन, मूत्राशय खाली न कर पाना, अक्सर मूत्र पारित करने के लिए तनाव होना
    • मूत्र प्रवाह शुरू में धीमा होना
    • पेशाब से पहले पीठ में दर्द होना और पेशाब करने के बाद दर्द बंद हो जाना
    • रात में असामान्य रूप से ज्यादा पेशाब करना
    • पेशाब में गाढ़ा पदार्थ निकलना
    • नपुंसकता
    • शीघ्रपतन (और पढ़ें - शीघ्रपतन में क्या खाएं)
    • जननांगों का संक्रमण (और पढ़ें - पेनिस इन्फेक्शन का इलाज)

यह लक्षण 4 से 8 बजे तक, गर्म वातावरण में या गर्म हवा के संपर्क में आने से खराब हो जाते हैं। वॉर्म एप्लीकेशन (जैसे गर्म सिकाई) भी लक्षण को खराब कर सकते हैं, लेकिन जब रोगी चलता फिरता है, गर्म भोजन या पेय लेता है तो ऐसे में लक्षणों में सुधार होता है।

  • सबल सेरुलता
    आम नाम : सॉ पैलमेटो
    लक्षण : यह दवा क्रोनिक गोनोरिया के साथ बढ़े हुए प्रोस्टेट के रोगियों में फायदेमंद है। सबल सेरुलता निम्नलिखित लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है -
    • थकान, उदासीनता और रुचि न होना
    • सेक्सुअल एंजाइटी
    • यूरिन पास करने में कठिनाई
    • रात में बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
    • अनैच्छिक रूप से पेशाब होना
    • मूत्राशय में सूजन की वजह से पेशाब के दौरान दर्द होना (और पढ़ें - सूजन कम करने के तरीके)
    • प्रोस्टेटिक फ्लूइड का डिस्चार्ज होना
    • यौन शक्ति में कमी के साथ वृषण का सिकुड़ना
    • स्खलन के समय तेज दर्द होना
    • यौन अंगों में ठंड लगना

(और पढ़ें - मूत्राशय संक्रमण के लक्षण)

  • स्टैफिसैग्रिया
    • ऐसा एहसास होना जैसे पेशाब की बूंद का रिसाव हो रहा हो
    • लगातार पेशाब आना
    • पेशाब के दौरान और बाद में मूत्रमार्ग में जलन होना
    • पेशाब की तेज इच्छा और पेशाब के बाद भी तेज दर्द
    • अनैच्छिक रूप से स्खलन होना
    • सेक्स के बाद सांस लेने में कठिनाई
    • पीठ में दर्द, कमजोरी और सेक्सुअल न्यूरेस्थेनिया (थकावट) के साथ स्खलन
  • सामान्य नाम : स्टेवसैक्रे
    लक्षण : स्टैफिसैग्रिया उन लोगों में अच्छी तरह से काम करता है, जो अत्यधिक संवेदनशील और हाइपोकॉन्ड्रिएक (भयभीत रहने वाला) हैं। जो सेक्स से संबंधित वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस उपाय का उपयोग अक्सर निम्नलिखित लक्षणों को संबोधित करने के लिए किया जाता है -

यह लक्षण हस्तमैथुन, दुख, क्रोध, अपमान की स्थिति में खराब हो सकते हैं। संभोग में बाधा और अत्यधिक सेक्स करने से भी रोगी की स्थिति खराब हो सकती है। हालांकि, रात में आराम करने और नाश्ता करने के बाद रोगी बेहतर महसूस करता है।

  • थुजा ओसिडेंटलिस
    सामान्य नाम : आर्बर वाइटे
    लक्षण : थुजा ऑसिडेंटलिस भावनात्मक रूप से संवेदनशील लोगों के लिए एक उपाय है, जो संगीत सुनते समय रोते या कांपते हैं और निश्चित विचार रखते हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में मदद करता है -
    • मूत्रमार्ग में सूजन और जलन
    • सही से पेशाब न होना
    • पेशाब के बाद रिसाव का एहसास होना
    • पेशाब करने की तीव्र इच्छा व दर्द
    • पेशाब के बाद चुभन जैसा तेज दर्द
    • पेशाब करने की अचानक और तत्काल इच्छा, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है
    • लिंग के अगले सिर में सूजन
    • लिंग में दर्द
    • वृषण का कठोर होना (और पढ़ें - अंडकोष में सूजन के कारण)
    • गोनोरियल संक्रमण

यह लक्षण रात में बिस्तर की गर्मी से, सुबह 3 बजे और दोपहर 3 बजे के बीच, ठंड और नम हवा से, टीकाकरण, नाश्ते के बाद और वसायुक्त खाद्य पदार्थ और कॉफी के सेवन से खराब हो जाते हैं। हाथ-पैर से खिंचाव वाली गतिविधियां करने से आराम मिलता है।

(और पढ़ें - पेशाब में बदबू आने का कारण क्या है)

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उपचार के लिए डॉक्टर अपनी जीवन शैली और आहार में कुछ बदलाव करने का सुझाव दे सकते हैं -

क्या करें -

क्या नहीं करें -

  • कॉफी, मसालेदार हर्बल पेय या सूप और शराब जैसे पेय का सेवन न करें
  • मसालेदार भोजन, खराब मीट, बासी पनीर या सब्जियां न खाएं
  • नम वातावरण में न रहें
  • तेज सुगंध वाले इत्र का प्रयोग न करें
  • किसी भी तरह के तनाव से बचें

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

पारंपरिक चिकित्सा में, आमतौर पर बढ़े हुए प्रोस्टेट के गंभीर लक्षणों के लिए सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। हालांकि, ज्यादातर उम्रदराज लोग सर्जरी से बचना पसंद करते हैं ऐसे में वे होम्योपैथी जैसे वैकल्पिक उपचारों की ओर रुख करते हैं।

होम्योपैथिक उपचार न केवल प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षणों से राहत दे सकता है, बल्कि इसके अंतर्निहित कारणों का भी प्रबंधन कर सकता है। यह उपचार रोग से निपटने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करते हैं, जिससे व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है।

40 साल से ऊपर के 66 पुरुषों में बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया और 'लोअर यूरीनरी ट्रैक्ट सिम्टम्स' (एलयूटीएस) से जुड़े मामले पर स्टडी की गई, जिसमें पता चला कि होम्योपैथिक उपचार बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों से राहत देने के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकता है।

बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में होम्योपैथिक दवाओं की उपयोगिता का आकलन करने के लिए 50 से 86 साल के बीच 61 रोगियों पर किए गए नैदानिक ​​अध्ययन से पता चला कि सबसे उपयोगी दवाएं लाइकोपोडियम, पल्सेटिला और सबाल सेरुलता थी।

एक अन्य रिपोर्ट से जानकारी मिली कि एक 65 वर्षीय पुरुष जिसे प्रोस्टेट बढ़ने की​ शिकायत थी, उसके लक्षणों के आधार पर तीन दवाएं कार्सिनोसिन, स्टैफिसैग्रिया और सबल सेरुलता दी गई। इसके बाद यह देखा गया कि इन उपायों ने उसके लक्षणों को कम करने के साथ साथ प्रोस्टेट के आकार को भी कर करने में मदद की।

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माना जाता है कि होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग बेहद सुरक्षित है, क्योंकि यह प्राकृतिक पदार्थों से तैयार की जाती हैं। यह घुलनशील होती हैं और इन्हें बहुत ही कम मात्रा में लिया जाता है। इसलिए, होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव नहीं है या न्यूनतम है। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि रोगी को अपने आपसे कोई उपाय नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि आप पहले होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श कर लें।

एक अनुभवी डॉक्टर रोगी की शारीरिक और मानसिक स्थिति के साथ-साथ उनकी आयु और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए दवा निर्धारित करते हैं।

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संदर्भ

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  2. NHS Inform. Benign prostate enlargement Contents Overview. National health information service, Scotland. [internet].
  3. Nidirect [Internet]. Government of UK; Benign prostate enlargement
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Enlarged prostate
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  6. William Boericke. Homoeopathic Materia Medica. Kessinger Publishing: Médi-T 1999, Volume 1
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