सवाल है आपको पीठ दर्द क्यों हो रहा है? अगर आपको पीठ में दर्द हाल-फिलहाल में चोट लगने की वजह से हो रहा है, तो उस पर तुरंत आइस पैक या फिर बर्फ को एक टावल में लपेटकर चोट वाली जगह पर लगाएं। इसके अलावा आप मांसपेशियों पर हो रहे दर्द में हल्के गर्म पैड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कपड़ा या पैड बहुत ज्यादा गर्म न हो। अगर हॅाट वॅाटर बैग न हो तो गर्म बोतल या गर्म कपड़े का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
पीठ का दर्द किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। चोट लगने से लेकर बढ़ती उम्र कमर दर्द की वजह हो सकती है। मासंपेशियों में खिंचाव या किसी भारी सामान के उठाने की वजह से भी कमर में दर्द होता है।
अमूमन पीठ दर्द होने पर लोग हिलना-डुलना बंद कर देते हैं या फिर पूरी तरह से बेड रेस्ट करने लगते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पीठ का दर्द घटने के बजाय बढ़ जाता है, मांसपेशियां कमजोर और टाइट हो जाती हैं। अतः पीठ दर्द होने के बावजूद थोड़ा-बहुत जरूर हिलें। जब भी आराम करें तो ऐसी पोजिशन में बैठें जिससे आपको आराम महसूस हो। जब लेट रहे हों तो हिप्स और कमर के बल लेटें। घुटनों को हल्का मोड़े रखें और घुटनों के नीचे तकिया रखें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। इसके साथ ही दर्द से आराम के लिए डाक्टर की सलाह पर आईबुप्रोफेन जैसी दवाईयां ले सकते हैं।
पीठ दर्द में सिकाई करते वक्त सावधानी बरतना जरूरी है। ऐसा न करने पर दूसरी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मसलन जब भी पीठ में दर्द हो तो कोल्ड पैक का इस्तेमाल करें। दर्द पर कभी भी सीधे बर्फ न लगाएं। ऐसा करने से आपको कोल्ड बर्न हो सकता है, इसलिए बर्फ को हमेशा कपड़े में लपेटकर ही इस्तेमाल करें। इसी तरह हॅाट वॅाटर बैग का इस्तेमाल करते वक्त भी सजग रहें। ज्यादा गर्म बैग से आपको असहजता हो सकती है।
पीठ के किसी एक तरफ (दाएं या बाएं) में दर्द होने की कई वजह हैं जैसे ऊतकों में चोट, किसी एक तरफ की मांसपेशियों में चोट, डिस्क या ज्वाइंट्स में चोट, अर्थराइटिस या गठिया, हड्डी में गांठ, स्पाइनल स्टेनोसिस होना है। इसके अलावा पीठ के किसी एक हिस्से में दर्द होना किसी अन्य बीमारी जैसे किसी अंग विशेष (गुर्दा, पाचकग्रंथी, मलाशय) में संक्रमण, जलन आदि का लक्षण भी है।
आमतौर पर लोगों को पीठ में दर्द और किडनी में दर्द का फर्क महसूस नहीं होता। लेकिन अगर आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या है तो जब भी पीठ में दर्द हो तो उसके लक्षणों को समझने की कोशिश करें। इसके लिए निम्न बिंदुओं पर गौर कर सकते हैं-
लोअर बैक पेन की तरह मिडिल बैक पेन और अप्पर बैक पेन सामान्य नहीं है, क्योंकि झुकने के लिए अप्पर और मिडिल बैक का इस्तेमाल नहीं होता। इसके बजाय यह पीठ को स्थिर रखने और कई महत्वपूर्ण अंग जैसे हृदय और फेफड़ों को सुरक्षित रखने में मदद करती है। ऐसे में अगर अप्पर और मिडिल बैक पैन होता है तो इसकी वजह उन मांसपेशियों का अतिरिक्त इस्तेमाल करना, चोट लगना या फ्रेक्चर होना जो स्पाइन को सपार्ट करती हैं। मिडिल बैक पेन या अप्पर बैक पेन से राहत के लिए डाक्टर कुछ एक्सरसाइज और मसाज की सलाह के साथ-साथ एडविल, एस्प्रिन जैसे काउंटर पेन मेडिसिन देते हैं। ध्यान रखें कि इन दवाईयों को सेवन करने से पहले अपने डाक्टर से जरूर संपर्क करें।
30 साल से 50 साल की उम्र के बीच सबसे ज्यादा लोअर बैक पेन की समस्या होती है। इसके कारण इस प्रकार हैं-
आमतौर पर निचले कमर में दर्द होने पर 72 घंटों तक घर में ही अपना उपचार किया जा सकता है। अगर 72 घंटे के बाद भी दर्द में किसी तरह का सुधार महसूस न हो तो बेहतर है कि डाक्टर से संपर्क करें। घर में उपचार के लिए कुछ दिनों तक शारीरिक गतिविधियां रोक दें, 48 से 72 घंटों के बीच आई पैक का इस्तेमाल करें। 72 घंटे बाद हॅाट बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद जब आराम न आए तो कोडीन जैसे पेन रिलीफ ले सकते हैं। लेकिन किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले डाक्टर से संपर्क जरूर करें।
आमतौर पर गैस का दर्द काफी हल्का होता है, जो खुद ब खुद ठीक भी हो जाता है। लेकिन कई बार गैस के दर्द की वजह से पेट में दर्द और पेट फूलने का अहसास होता है। यह दर्द कई बार पेट से पीठ की ओर खिसक जाता है। इससे बैक पेन की समस्या होने लगती है। गैस की समस्या दूर होते ही पीठ के दर्द में भी आराम आ जाता है।
कमर या शरीर के किसी भी हड्डी में सूजन होगी तो शुरुआती लक्षण के तौर पर मरीज को दर्द, कमजोरी जैसे लक्षण दिखने लगेंगे। सूजन का पता चलने पर दवाई से उपचार की शुरुआत की जाती है और साथ ही मरीज को आराम करने और फिजिकल थैरेपी की सलाह दी जाती है। आपकी स्थिति क्या है, इस संबंध में डाक्टर को अच्छी तरह ब्रीफ करके दवाओं से अपना इलाज कर सकते हैं।
कभी-कभी कमर में नस चढ़ने की वजह से दर्द होने लगता है। नस चढ़ने पर कुछ भी करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि जब कमर में नस चढ़े तो आईस पैक या हॅाट बैग का इस्तेमाल करें और हर 20 मिनट में दूसरे विकल्प को अजमाएं। कहने का मतलब यह कि अगर पहले आपने आइस पैक लगाया है तो 20 मिनट बाद हॅाट बैग का यूज करें। इस तरह दर्द में आराम मिलने लगेगा। इसके अलावा थोड़ी-थोड़ी देर पर मसाज भी करते रहें। ये सब करके भी आराम न मिले तो डाक्टर से मिलें।
अगर घरेलू उपायों को आजमाने के बावजूद कमर में एक से दो हफ्ते तक लगातार दर्द बना हुआ तो यह समझने में देरी नहीं करनी चाहिए कि कमर दर्द की स्थिति सही नहीं है। हालांकि कमर दर्द किसी अन्य बीमारी की ओर इशारा नहीं करता। लेकिन दो हफ्ते तक इंतजार के बाद डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है ताकि सही तरह से उपचार हो सके।
जिन लोगों को लोअर बैक पेन है, उन्हें नियमित थोड़ा बहुत जरूर चलना चाहिए। इससे उनके कमर दर्द में तो आराम आता ही है, साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। असल में वॅाकिंग एक तरह की एक्सरसाइज है, जिसका स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है।
आमतौर पर पीठ का दर्द कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। कई बार यह दर्द एक से दो हफ्तों तक भी रहता है, जिसे सही उपचार से ठीक किया जा सकता है। लेकिन पीठ के कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं, जो ताउम्र बने रहते हैं। अगर आप डीजेनेरेटिव डिस्क डिजीज, स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो संभवतः आपका पीठ दर्द कभी ठीक न हो। हां, जीवनशैली में कुछ फेरबदल, नियमित एक्सरसाइज करके दर्द से कुछ राहत जरूर मिल सकती है।
लंग कैंसर होने पर पीठ में भी दर्द होता है। लेकिन हर तरह के पीठ दर्द को लंग कैंसर से जोड़ना सही नहीं है। लंग कैंसर होने पर खास किस्म से पीठ में दर्द का अहसास होता है। वे इस प्रकार हैं-
पीठ में जब स्पाइन्स के बीच गैप बहुत कम रह जाए तो उसे स्पाइनल स्टेनोसिस कहते हैं। इस बीमारी में हड्डियां और स्पाइन के दूसरे हिस्से, स्पाइनल कोर्ड पर दबाव डालने लगते हैं। इससे मरीज को काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है। ऐसा आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद ही देखने को मिलता है जिसके लक्षण इस प्रकार हैं-
स्पाइनल स्टेनोसिस के मरीजों को डाक्टर कुछ खास मूवमेंट करने को मना करते हैं। इसके साथ ही एक्सपर्ट स्ट्रेच एक्सरसाइज आदि की सलाह देते हैं।
पीठ में दर्द होने पर आराम से सोना एक बड़ी समस्या बन जाती है। इसके बावजूद सही पोजिशन में सोने से दर्द में भी आराम आता है। पीठ दर्द के साथ सोने के लिए कुछ उपायों को आजमा सकते हैं-
सुबह नींद से उठने के बाद ही कुछ लोग पीठ दर्द की शिकायत करते हैं। ऐसा रात को गलत तरीके से सोने की वजह से हो सकता है। इसके अलावा पीठ में हड्डी से संबंधित कुछ बीमारियों की वजह से भी होता है। बहरहाल आपके साथ ऐसा है तो पहले वजह जान लें, इसके बाद इसका निदान करें। अगर रात को सोते वक्त गलत पोस्चर की वजह से ऐसा हो रहा है, तो बेहतर है सोने के पोजीशन को बदलें।
देखिए सबसे पहले आप Mri कराएं। संभव है आपको post traumatic disc prolapse हुआ है। इसके बाद यहां दी गई बातों पर ध्यान दें-
यहां दी गई कुछ एक्सरसाइज दोहराएं जैसे-
पेट के बल लेट जाएं। अपने लेफ्ट हाथ को ऊपर की ओर उठाएं। 3 सेकेंड तक इसी पॅाजीशन में रहें। इसके बाद हाथ नीचे ले आएं। इसी तरह दाएं हाथ, बाएं व दाएं पैर के साथ भी करें।
इन एक्सरसाइज को रोजाना दो बार करें। प्रत्येक बार हर एक्सरसाइज को 15 बार दोहराएं। इससे आपको संभवतः कुछ आराम मिलेगा।
कई दिनों से बैक पेन होने की वजह का जानना जरूरी है। इसके बाद ही आपका इलाज किया जा सकता है। आपने यह नहीं बताया कि आप किस करियर फील्ड से जुड़ी है। संभव है आप ज्यादातर समय कंप्यूटर के सामने बैठी रहती होंगी। आजकल ज्यादातर लोग, जो कंप्यूटर वर्क करते हैं, इस तरह के दर्द से परेशान हैं। आप अपनी जीवनशैली में थोड़े फेर-बदल करें। काम के बीच बैठे-बैठे स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें और चहलकदमी भी करें। इससे आपको आराम मिलेगा।
इन दिनों यह समस्या बहुत आम है। आप ज्यादा परेशान न हों। एक हफ्ते तक रेस्ट करें इस बीच लंबे समय तक बैठने या उठने से बचें। गर्म पानी से तीन बार 10-10 मिनट के लिए अपनी पीठ की सिंकाई करें। झुकने या भारी सामान उठाने से बचें। दर्द कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा। physiotherapist की देखरेख में कुछ एक्सरसाइज कर सकती हैं।