आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि गठिया के ज्यादातर मामले महिलाओं में ही होते हैं। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। तो चलिए जानते हैं, क्या कारण है कि गठिया से ज्यादातर महिलाएं ही गठिया से ग्रस्त होते हैं। (और पढ़ें – गठिया रोग के कारण और लक्षण)
आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि गठिया के ज्यादातर मामले महिलाओं में ही होते हैं। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। तो चलिए जानते हैं, क्या कारण है कि गठिया से ज्यादातर महिलाएं ही गठिया से ग्रस्त होते हैं। (और पढ़ें – गठिया रोग के कारण और लक्षण)
जब महिलाओं का शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए रूपांकित होता है जिससे उनके निचले हिस्से में रंध्र एक आदमी की तुलना में अधिक लचीला हो जाते हैं। नतीजतन उनके जोड़ शायद थोड़ा अधिक घूमते जाते हैं। जब जोड़ों में स्थिरता कम होती है तो उनमें इंजरी होने की संभावना अधिक होती है। इन इंजरी के बाद जीवन में अस्थिसंधिशोथ या ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और गठिया (Arthritis) हो सकते हैं।
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अगर परिवार में किसी को ओस्टियोर्थराइटिस था तो यह परिवार के दूसरे सदस्य को भी हो सकता है। ख़ास कर महिलाओं में यह आनुवंशिक रूप से ज़्यादा होता है। (और पढ़ें – गठिया रोग का इलाज हैं यह 10 जड़ीबूटियां)
महिलाओं के शरीर में गर्भावस्था के दौरान खास कर रजोनिवृत्ति के दौरान या बाद में हार्मोन में बड़े बदलाव होते हैं। इसका हड्डियों पर प्रतिकूल असर पड़ता है और महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस विकसित करने की संभावना हो जाती है। भले ही उन्होंने हार्मोन-रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) क्यों न करवाई हो।
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आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा गंभीर रूप से मोटापे से ग्रसित होती हैं और मोटापा ऑस्टियोआर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण होता हैं। (और पढ़ें – अधिक मोटापा के घरेलू उपचार)
ऊँची एड़ी वाले जूते टखने की सामान्य गतिशीलता को बदलते हैं जिससे चलने के दौरान घुटने पर दबाव बढ़ जाता है। घुटने की स्थिरता को बनाए रखने के लिए आपको अपने रीढ़ को पीछे की और लेजाना पड़ता है जिसके कारण महिलाओं में अक्सर ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या होती है। (और पढ़ें – गठिया को दूर करने के लिए कुछ जूस रेसिपी)