एंग्जायटी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है. शायद ही ऐसा कोई होगा, जो इस एंग्जायटी का शिकार न हुआ हो. परीक्षा देने से पहले, ऑफिस में प्रेजेंटेशन देने से पहले या नए लोगों से मिलते हुए एंग्जायटी होना स्वाभाविक है. अधिकतर मामलों में ये एंग्जायटी समय के साथ कम होती जाती है, लेकिन कुछ मामलों में ये समस्या गंभीर रूप ले सकती है. ऐसे में इससे निपटना जरूरी हो जाता है. इसे एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद व संतुलित डाइट के जरिए ठीक किया जा सकता है.

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आज इस लेख में आप एंग्जायटी को कम करने के प्राकृतिक तरीकों के बारे में जानेंगे -

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  1. इन प्राकृतिक तरीकों से कम करें एंग्जायटी
  2. सारांश
एंग्जायटी को कम करने के प्राकृतिक तरीके के डॉक्टर

एंग्जायटी को ठीक करने में संतुलित डाइट का सेवन, एक्सरसाइज करना, मेडिटेशन करना जैसे प्राकृतिक तरीके मदद कर सकते हैं. आइए, एंग्जायटी को कम करने के प्राकृतिक तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

एक्सरसाइज

नियमित तौर पर व्यायाम करना सिर्फ शारीरिक तौर पर फिट रहने के लिए जरूरी नहीं है. यह एंग्जायटी को दूर करने में भी अहम भूमिका निभाता है. शोध के अनुसार, जिन लोगों को एंग्जायटी डिसऑर्डर होता है, अगर वो शारीरिक एक्टिविटी करते हैं, तो उनके एंग्जायटी के लक्षण दूर रहते हैं.

एक्सरसाइज करने से दिल की धड़कन में तेजी आती है, जिससे ब्रेन की केमिस्ट्री में बदलाव आता है. इससे सेरोटोनिन, गामा अमीनोब्यूट्रिक एसिड (gamma-aminobutyric acid), ब्रेन ड्राइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (brain-derived neurotrophic factor) और एंडोकैनबिनॉइड्स (endocannabinoids) जैसे एंटी एंग्जायटी न्यूरोकेमिकल्स बनने लगते हैं. एक्सरसाइज करने से ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलती है, जो एंग्जायटी के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है. एक्सरसाइज करने से शरीर एंडोर्फिंस हार्मोन को रिलीज करता है, जो अच्छा महसूस कराते हैं.

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मेडिटेशन

मेडिटेशन करके दिमाग और मन को शांत रखने में मदद मिलती है. इससे मन में आने वाले बुरे ख्याल दूर होते हैं और संतुष्टि की भावना बढ़ती है. मेडिटेशन से तनाव और एंग्जायटी को दूर करने में भी मदद मिलती है. शोध के अनुसार, रोजाना 30 मिनट के मेडिटेशन से एंग्जायटी के लक्षण दूर होते हैं और यह एंटीडिप्रेसेंट का काम करता है.  

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भरपूर नींद

बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए नींद की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. पर्याप्त नींद लेने के लिए बिस्तर पर गैजेट से दूरी बनाकर रखने के साथ ही भारी भोजन और कैफीन से दूरी जरूरी है. साथ ही कमरे में अंधेरा करने, अपनी परेशानियों को लिखने और रोज रात को एक ही समय पर बिस्तर पर जाने से मदद मिलती है.

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शराब व धूम्रपान से दूरी

शोध के अनुसार, एंग्जायटी और शराब के सेवन के बीच गहरा रिश्ता है. शराब के सेवन से न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होता है. यह बिगड़ा संतुलन एंग्जायटी के लक्षणों को बढ़ावा दे सकता है. इसी तरह स्मोकिंग से बाद में एंग्जायटी डिसऑर्डर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. कैफीन का सेवन नर्वसनेस को बढ़ाता है, जो एंग्जायटी के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

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संतुलित डाइट

प्रोसेस्ड फूड में मौजूद केमिकल, आर्टिफिशियल कलर, प्रीजर्वेटिव व आर्टिफिशियल फ्लेवर कुछ लोगों के मूड में बदलाव ला सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि एंग्जायटी को दूर रखने के लिए संतुलित डाइट का सेवन किया जाए. भरपूर पानी पीना और लीन प्रोटीन के साथ फल व सब्जियों का सेवन जरूरी है.

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एंग्जायटी को दूर करने में प्राकृतिक तरीके काम आ सकते हैं. संतुलित डाइट का सेवन, रात की भरपूर नींद, अल्कोहल, स्मोकिंग और कैफीन से दूरी, एक्सरसाइज करना और मेडिटेशन करने जैसे प्राकृतिक तरीकों से एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती है. हां, अगर एंग्जायटी क्रोनिक हो, छह महीने से अधिक समय से इसके लक्षण प्रभावित कर रहे हों, दिल की धड़कन बढ़ी हुई रहती हो, तो जरूरी है डॉक्टर से मदद ली जाए.

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