कैंसर की बीमारी को लेकर हाल में सामने आए एक शोध से पता चला है कि आने वाले 30 सालों में यानी 2050 तक कैंसर के चलते लाखों बच्चों की मौत हो सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, आने वाले 30 सालों में कैंसर के कारण 14 साल की उम्र तक के एक करोड़ दस लाख बच्चों पर मृत्यु का खतरा है। शोध के मुताबिक, इसकी एक बड़ी वजह सामाजिक सहायता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश की कमी का होना है। बता दें कि इस रिसर्च में भारत के एक शोधकर्ता और डॉक्टर रमनदीप अरोड़ भी शामिल हैं जो कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल में बाल कर्करोग विज्ञान के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।
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गरीब देशों के बच्चों पर खतरा अधिक
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी जानी-मानी पत्रिका, 'दि लांसेट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च से पता चलता है कि कैंसर से होने वाली मौत का सबसे ज्यादा खतरा गरीब और विकासशील देशों में रह रहे बच्चों पर है। अध्ययन में बताया गया है कि इन देशों में 90 लाख (84 प्रतिशत) बच्चे कैंसर के चलते मृत्यु के जोखिम में है।
रिसर्च के सह-लेखक डॉक्टर रमनदीप अरोड़ा का कहना है कि भारत में हर साल कैंसर से पीड़ित अधिकांश बच्चों की मौत हो जाती है। इसकी एक वजह यह कि इनमें से आधे से ज्यादा बच्चों को बीमारी का पता नहीं चलता। वहीं, जिनको बीमारी का पता चलता है उनके साथ पैसे की तंगी रहती है और सामाजिक समर्थन भी नहीं मिलता। इस कारण कैंसर का पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाता और बच्चे मारे जाते हैं।
कैंसर से बच्चों को कैसे बचाया जाए?
इस बारे में डॉक्टर रमनदीप अरोड़ा का कहना, ‘अगर हम विशेष उपायों के तहत निवेश करते हैं, साथ ही इलाज की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं तो इन आंकड़ों को बदला जा सकता है। हालांकि इसमें सामाजिक सहायता की भी जरूरत होगी, तभी हम इन बच्चों के जीवन को कैंसर से बचा सकते हैं।’ खबर के मुताबिक, 44 प्रमुख ऑन्कोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञों, वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों की ओर से दी गई यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि दुनियाभर में लोगों के सहयोग को बढ़ाने और निवेश के जरिये स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने से लाखों बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।
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वहीं, अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता का कहना है कि यह रिपोर्ट इस बात जोर देती है कि कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए दुनिया के सभी देशों को निवेश करना चाहिए, फिर चाहे वे देश अमीर हों या फिर गरीब। साथ ही, स्वास्थ्य प्रणालियों को और व्यापक तथा मजबूत बनाना भी जरूरी है। इसके साथ-साथ कैंसर की बीमारी की पहचान, उपचार और सहायक देखभाल में भी विस्तार करना होगा। यही वे विकल्प हैं जो अगले 30 वर्षों में 60 लाख बच्चों को मौत से बचा सकता है। इसके लिए लगभग दो हजार अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की जरूरत होगी।
कहां और कितने कैंसर पीड़ित बच्चों की होती है पहचान
रिपोर्ट बताती है कि उच्च आय यानी विकसित देशों में कैंसर से पीड़ित लगभग 80 प्रतिशत बच्चों की पहचान हो जाती है, जबकि विकासशील या गरीब देशों मे इस बीमारी के केवल 30 प्रतिशत बच्चों की पहचान हो पाती है। वहीं, अफ्रीकी देशों में स्थिति बेहद खराब है। वहां कैंसर पीड़ित आठ प्रतिशत बच्चों की पहचान हो पाती है।
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