आपको पेट में इंफेक्शन की प्रॉब्लम हो सकती है। शरीर को पानी और फूड से पोषक तत्वों को ठीक तरह से पचाने और अवशोषित करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी होने की वजह से खाने को पचाने मे दिक्कत होती है और मेटाबोलिज्म भी धीमा पड़ जाता है, जिससे पेट में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर कहते हैं कि महिलाओं को एक दिन में लगभग 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए जबकि पुरुषों को दिन में लगभग 3.7 लीटर पानी पीना चाहिए। पाचन संबंधी समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। उल्टी और दस्त से बहुत जल्दी डिहाइड्रेशन हो सकता है इसलिए जिन लोगों में यह लक्षण होते हैं, उन्हें पानी पीते रहना चाहिए।
डॉक्टर दस्त से ग्रस्त लोगों को बीआरएटी डाइट लेने की सलाह देते हैं। बीआरएटी का मतलब ऐसी डाइट से है जिसमें केला, चावल, सेब, और टोस्ट शामिल है। ये सभी पदार्थ स्टार्च युक्त होते हैं जिससे दस्त की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है। इनमें पेट, गले या आंतों को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व नहीं होते हैं। इस डाइट से उल्टी की प्रॉब्लम को भी ठीक किया जा सकता है। बीआरएटी डाइट में शामिल चीजों में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है और दस्त एवं उल्टी के दौरान जिन पोषक तत्वों की हानि होती है, ये डाइट उसे भी ठीक कर सकती है।
लौंग में ऐसे तत्व होते हैं जो पेट की ऐंठन को कम कर सकते हैं। इसी के साथ लौंग जी मतली और उल्टी को कम करने में मदद कर सकती है। जिन लोगों को पेट में इंफेक्शन होता है, उन्हें सोने से पहले दिन में कभी भी एक बार 1 या 2 चम्मच लौंग का पाउडर 1 चम्मच शहद में मिलाकर खाना चाहिए। जी मतली और सीने में जलन की समस्या के लिए, आप 8 लौंग लेकर उसे पानी में उबालें और फिर इस पानी का सेवन करें। इस पानी को रोजाना एक या 2 बार पिएं।
जी हां, तुलसी पेट में इन्फेक्शन के लक्षण को कम कर सकती है। तुलसी में ऐसे तत्व होते हैं जो पेट की गैस को कम कर सकते हैं, भूख बढ़ाते हैं और पेट में होने वाली ऐंठन को दूर कर सकते हैं। इसी के साथ यह पूरे पाचन तंत्र में भी सुधार कर सकती है। तुलसी में यूजेनॉल भी होता है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है। तुलसी में लिनोलिक एसिड की उच्च मात्रा होती है और इस एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जिन लोगों को पेट में फ्लू होता है उन्हें 1 या 2 छोटी चम्मच तुलसी के सूखे पत्तों का पाउडर या ताजा तुलसी के पत्तों को भोजन में शामिल करना चाहिए और इसका इस्तेमाल तब तक करें, जब तक कि फ्लू के लक्षण कम न हो जाएं। जल्दी और अच्छे परिणाम के लिए चाय के पानी में आधा चम्मच सूखी तुलसी की पत्तियां उबालकर चाय बनाकर पिएं।
नारियल पानी में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। ये पोषक तत्व दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन और मरोड़ को कम करने में मदद करते हैं। नारियल पानी से शरीर में हुई पानी की कमी को भी ठीक किया जा सकता है और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स की तुलना में बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें कैलोरी, शुगर और एसिड कम होता है। अगर आप हर 4 से 6 घंटे में धीरे-धीरे 2 गिलास नारियल पानी पीते हैं तो यह पेट के फ्लू के लक्षणों को कम कर सकता है।
सामान्य तौर पर, पेट में इन्फेक्शन होने पर आपको नरम और आसानी से पचने वाले पदार्थ और अधिक मात्रा में तरल पदार्थ खाने चाहिए। पेट में इन्फेक्शन होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स, फाइबर युक्त चीजें, वसायुक्त, ज्यादा चिकनाई व नमक वाला और तीखा खाना नहीं खाना चाहिए।
आप हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी हेल्थ के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। पेट के फ्लू को हल्दी ठीक कर सकती है। इसके लिए आप 1 चम्मच हल्दी पाउडर में 6 छोटे चम्मच शहद मिलाकर रख लें और फिर इसे दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच खाएं।
फ्लू होने पर शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने के लिए आराम की जरूरत होती है। आप कुछ दिनों के लिए ज्यादा नींद लें और दैनिक गतिविधिओं को थोड़ा कम कर दें। आराम के दौरान शरीर इन्फेक्शन से लड़ता है और इंफेक्शन से शरीर को हुए डैमेज को भी ठीक कर सकता है। कुछ दिनों तक ऑफिस न जाएं। जब आपको लक्षण कम महसूस होने लगें तो आप ऑफिस जा सकते हैं।
कैफीन फ्री चाय से इंफेक्शन के दौरान कम हुए फ्लूइड को ठीक करने में मदद कर सकती है और अदरक भी जी मतली से आराम दिलाने में मदद कर सकती है। इसलिए आप चाय में अदरक का इस्तेमाल करें। विटामिन-सी पाने के लिए आप ब्लैक टी में नींबू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।कैफीन से बचें क्योंकि इसकी वजह से बार-बार पेशाब आता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।