ऑयली स्किन की देखभाल - Oily Skin Care in Hindi


तैलीय त्वचा वाली महिलाएं दूसरों का सामना करने में अक्सर संकोच करती हैं। ऑयली स्किन में अधिकतर बड़े बड़े छिद्र और दाने होते रहते हैं और त्वचा भी हर समय सुस्त, चिकनी और मोटी लगती है। इन लोगों की वसामय ग्रंथियां (Sebaceous glands), जो त्वचा में तेल का उत्पादन करती हैं और त्वचा पर चिकनाहट कायम रखती हैं, अधिक सक्रिय होती हैं। आम भाषा में कहा जाये तो त्वचा के रोमछिद्रों से अधिक तेल निकलने पर स्किन ऑयली हो जाती है। यह लड़कों और लड़कियों में यौवन आरम्भ (Puberty) के दौरान अधिक सक्रिय होती हैं। 

तो आइये इस लेख में जानते हैं स्किन ऑयली होने के कारण, बचाव और उसका समाधान।

  1. ऑयली त्वचा के कारण - Oily skin causes in Hindi
  2. तैलीय त्वचा से बचाव - Oily skin prevention in Hindi
  3. तैलीय त्वचा का इलाज - Oily skin treatment in Hindi

ऑयली त्वचा के कारण - Oily skin causes in Hindi

यह स्थिति आमतौर पर वयस्क होने पर कम हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह बनी रहती है और मुँहासे और दाने जैसी अन्य त्वचा की समस्यायें पैदा हो सकती हैं। इसका एक फायदा ये होता है कि झुर्रियां और बढ़ती उम्र जल्दी पता नहीं लगती। यह एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है और इससे छुटकारा पाने के लिए इसके सही कारण को जानना बहुत ज़रूरी है।

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  1. बदलता मौसम
  2. अनुवांशिकता
  3. कॉस्मेटिक्स का अधिक उपयोग
  4. हार्मोनल परिवर्तन
  5. तनाव
  6. प्रेगनेंसी
  7. कुछ दवाओं का सेवन
  8. खराब खानपान
  9. प्यूबर्टी
  10. सनबर्न

बदलता मौसम

बदलता मौसम तैलीय त्वचा का प्रमुख कारण होता है। अत्यधिक नमी की वजह से त्वचा से पसीना अधिक निकलता है जो उसे ऑयली बनाता है। इस समस्या से निपटने के लिए, त्वचा की सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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नमी के मौसम में, आप चेहरे की सफाई के लिए विश्वसनीय उत्पादों जैसे जेल, फेसवाश, क्लीन्ज़र आदि का उपयोग कर सकते हैं जो आपकी त्वचा को पूरी तरह स्वच्छ कर देता है और सभी अस्वस्थ्य अशुद्धियों को हटा देता है जो मेकअप, प्रदूषण और अत्यधिक तेल के कारण होती हैं।

मेकअप उत्पाद, वसामय ग्रंथियों की सक्रियता बढ़ाते हैं। इन सौंदर्य सामग्रियों में सामान्यतः तेल मौजूद होता है इसलिए ये त्वचा पर भारी और चिकने लगते हैं। अधिकतर लिक्विड कॉस्टेमिक्स (Liquid cosmetics- श्रृंगार का वो सामान जो तरल रूप में होता है) से त्वचा अधिक ऑयली होती है।

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अनुवांशिकता

तैलीय त्वचा अनुवांशिकता (Heredity) में भी मिलती है। यदि आपके माता-पिता में से किसी की भी त्वचा तैलीय है, तो आपकी स्किन के ऑयली होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, अगर आपके परिवार में किसी की भी त्वचा तैलीय होती है, तो और सदस्यों की स्किन भी ऑयली हो सकती है। 

कॉस्मेटिक्स का अधिक उपयोग

मेकअप, बड़े बड़े रोमछिद्रों और दाग धब्बों को छुपाने का बहुत अच्छा तरीका है, लेकिन अधिकता किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती है। साफ़, कोमल और जवान त्वचा की चाह में लोग, अधिक दबाव से त्वचा की सफाई, स्क्रब और अन्य त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पाद लगाते हैं जो बाद में त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।

मेकअप उत्पाद त्वचा की वसामय ग्रंथियों को सक्रिय करते हैं। इन कॉस्मेटिक आइटम में सामान्यतः तेल मौजूद होता है, जिससे त्वचा भारी और चिकनी सी लगती है। ज्यादातर, तरल रूप में उपलब्ध सौंदर्य प्रसाधन त्वचा को अधिक तेलयुक्त बनाते हैं।

इसके अलावा, मेकअप को हटाना भी बहुत ज़रूरी होता है और इसके लिए अच्छे टोनर या मेकअप रिमूवर का उपयोग करें। 

हार्मोनल परिवर्तन

शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन तेल के उत्पादन के लिए मुख्यतः ज़िम्मेदार होते हैं। महिलाओं में, एण्ड्रोजन हार्मोन सम्पूर्ण जीवन में घटता बढ़ता रहता है जैसे, रजोनिवृत्ति से पहले या गर्भावस्था के दौरान। यह आसानी से वसामय ग्रंथियों (Sebaceous glands) को तेल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। ऑयली स्किन का एक अन्य कारण है हार्मोनल असंतुलन। हार्मोनल असंतुलन, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बहुत अधिक सक्रिय कर देता है, जिसके कारण भी अत्यधिक तेल उत्पन्न होता है। 

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अपनी खान पान की आदतों को सुधारने, त्वचा को अच्छी तरह से और अक्सर मॉइस्चराइज रखकर और सामान्य रूप से त्वचा की अच्छी देखभाल करने से आप ऑयली स्किन से छुटकारा पा सकते हैं। 

तनाव

आजकल लोग एक तनावपूर्ण दुनिया में रहते हैं। तनाव के समय में, हमारी त्वचा से अतिरिक्त एण्ड्रोजन हार्मोन का उत्पादन होता है जो ऑयली स्किन का बहुत बड़ा कारण है। अधिक से अधिक खुश और उत्साहित रहने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपकी त्वचा अतिरिक्त तेल को अवशोषित करके उसकी तैलीय चमक कम करती है।

इसके अलावा, कई मामलों में, तैलीय त्वचा आपकी अस्वस्थ्य जीवनशैली का परिणाम भी हो सकती है। आयु, आहार, सनटैन और कई अन्य कारक भी त्वचा के ऑयली होने के कारण हो सकते हैं।

ऑयली त्वचा के बारे में केवल चिंता करना पर्याप्त नहीं है, इसके लिए आपको भी मेहनत करनी होगी। अपनी त्वचा की देखभाल करने के लिए थोड़ा समय निकालना होगा। आजकल बहुत सारे उत्पाद जैसे, क्लीन्ज़र आदि उपलब्ध हैं जो आपको त्वचा की तैलीय चमक से छुटकारा दिला सकते हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आप अपनी त्वचा को साफ, स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए उनका सही ढंग से उपयोग कर रही हों।

यदि टोनर्स और क्लीन्ज़र से आपको मनचाहा परिणाम नहीं मिल रहा है तो किसी त्वचा रोग विशेषज्ञ से बात करें क्योंकि फिर केवल वही आपको उपयुक्त सुझाव दे सकते हैं।

जैसा कि सभी जानते हैं, कि त्वचा को सामान्य और चमकदार रखना बहुत कठिन है। त्वचा का तेल संतुलित करना भी मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। इसलिए उम्मीद और कोशिश कम न करें।

प्रेगनेंसी

जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके एस्ट्रोजन हार्मोन में तेज़ी से उतार चढ़ाव होते हैं। इससे वसामय ग्रंथियां नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और अत्यधिक तेल का उत्पादन करने लगती हैं। बहुत सी गर्भवती महिलाओं को सामान्य त्वचा की तुलना में तैलीय त्वचा की समस्या होती है। लेकिन यह चिंता वाली बात नहीं है क्योंकि प्रसव के बाद त्वचा वापस पहले जैसी हो जाती है। 

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कुछ दवाओं का सेवन

हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाओं और हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाओं के कारण त्वचा से तेल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। इसी तरह, किसी भी दवा के प्रभाव से निर्जलीकरण भी हो सकता है जो तेल के उत्पादन को बढ़ाता है। क्योंकि डिहाइड्रेशन के समय आपकी त्वचा में नमी की कमी हो जाती है, तो त्वचा स्वयं नमी पैदा कर लेती है जो ऑयल के रूप में उत्पन्न होता है। 

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खराब खानपान

सही खान पान हर तरह से शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित करता है और अतिरिक्त सीबम (Sebum - वसा) का उत्पादन भी नहीं होता है। आपने शायद अक्सर सुना हो कि ऑयली खाद्य पदार्थ खाने से त्वचा भी ऑयली होती है लेकिन वास्तव में कुछ मामलों में इसका उल्टा होता है। अच्छे तेल जैसे ओमेगा-3 आदि में अनुत्तेजक गुण होते हैं जो आपकी त्वचा के लिए एक अच्छी चीज है।

ये तेल, मछलियों जैसे सैल्मन (Salmon) और स्वोर्डफ़िश (Swordfish) आदि के साथ-साथ शाकाहारी स्रोतों जैसे कि अलसी के बीजों (Flaxseeds) और अखरोट में पाए जाते हैं।

सल्फर एक अन्य खनिज है जो तेल के उत्पादन को कम करता है और मछली, अंडे, नट्स, फलियां, गोभी, प्याज और ब्रोकोली में पाया जाता है। सल्फर आपकी त्वचा के लिए अच्छा होने के अलावा, कैंसरजनक कारणों को भी कम करने में मदद करता है, जो कि बहुत अच्छी चीज़ है। इसलिए सल्फर और ओमेगा 3 युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा अपने खाने में बढ़ाइए। शुगर और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें क्योंकि ये सीबम के उत्पादन में वृद्धि करते हैं। और अक्सर कुछ न कुछ खाते रहें ताकि आपका शुगर का स्तर सामान्य रहे। 

प्यूबर्टी

किशोरावस्था में प्रवेश करने वाले लड़के लड़कियों में इस दौरान हार्मोन एकदम से घटते बढ़ते हैं। जिसके परिणामस्वरूप सबसे पहले अतिरिक्त तेल का उत्पादन ही होता है। इस समय एण्ड्रोजन हार्मोन का स्रावण होता है जो त्वचा और बालों के तैलीय होने का बहुत बड़ा कारण होता है। जैसे जैसे ये ग्रंथियां परिपक्व होती हैं त्वचा से आयल का उत्पादन भी बढ़ता जाता है। यह समस्याग्रस्त चरण लगभग 18-21 वर्ष की उम्र तक चलता है। जबकि कुछ में यह समस्या उनके वयस्क होने तक रहती है।

सनबर्न

बहुत लोगों को यह गलतफहमी है कि सनबर्न से त्वचा ड्राई होती है जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। केवल कुछ समय के लिए यू वी किरणों (UV Rays) के संपर्क में आने पर त्वचा डीहाइड्रेट होती है लेकिन उसके बाद त्वचा आवश्यक नमी की पूर्ति के लिए अतिरिक्त तेल का उत्पादन करती है और उसमें से अधिक आयल निकलता है। सनबर्न के समय त्वचा सूख रही होती है, लेकिन वास्तव में यह तेल के उत्पादन को बढ़ावा देती है। यह प्रक्रिया त्वचा की रक्षा के लिए तेल के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए वसामय ग्रंथियों को प्रोत्साहित करती है। 

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तैलीय त्वचा से बचाव - Oily skin prevention in Hindi

अक्सर, तैलीय त्वचा का कारण आनुवंशिक या हार्मोन संबंधी होता है, जिन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इन मामलों में केवल चेहरे पर अतिरिक्त तेल का इलाज करने के उपाय किये जा सकते हैं। लेकिन बेहतर होगा कि अगर यह समस्या बाहरी कारकों की वजह से हो रही है तो समय रहते आप उनसे बचने के उपाय कर लें। ऑयली स्किन की समस्या से बचने के उपाय निम्नलिखित हैं: 

  1. अपने चेहरे को सही तरीके से धोएं
    दिन में कम से कम दो बार चेहरा ज़रूर धोएं। एक बार सुबह और दोबारा रात को सोने से पहले। लेकिन इससे ज्यादा नहीं क्योंकि ज्यादा सफाई करने से त्वचा रूखी हो सकती है। गर्म या गुनगुने पानी का उपयोग भी त्वचा में रूखापन ला सकता है। कठोर साबुन और क्लीन्ज़र से भी दूर रहिये क्योंकि ये भी त्वचा को रूखा बना सकते हैं। त्वचा की सफाई के लिए अच्छा और उपयुक्त क्लीन्ज़र खरीदें। संभव हो तो ल्यूना मिनी 2 (LUNA mini 2) के संयोजन से बने क्लीन्ज़र का उपयोग करें क्योंकि ये तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होते हैं। यह त्वचा के तैलीय छिद्रों को खोलने और चेहरे को चमक से मुक्त रखने में मदद करते हैं।
  2. सही तरीके मेकअप करें
    उपयोग करने से पहले मेकअप के उत्पाद बनाने में उपयोग की गयी सामग्रियों की सूची पढ़ें और ये सुनिश्चित करें कि आपके सौंदर्य उत्पाद तेल मुक्त (oil-free) हों और मुँहासे पैदा करने वाले न हों। फेस पाउडर या ऐसे फाउंडेशन का उपयोग करें जिसमें पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो और क्रीम के बजाय पाउडर ब्लश (Powder blush), आई शेडो (Eye shadow) आदि उपयोग करें। बस रात को सोने से पहले सारा मेकअप हटाकर सोयें। (और पढ़ें - 17 गज़ब की मेकअप ट्रिक्स)
  3. सही मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें
    सुनने में तैलीय त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ऐसा करना भी ज़रूरी होता है। ऑयली त्वचा को भी मॉइस्चराइज़ करने की आवश्यकता होती है, जिससे तैलीय ग्रंथियां अतिरिक्त तेल का उत्पादन न करें। आयल फ्री मॉइस्चराइज़र और सनस्क्रीन का उपयोग करने की कोशिश करें, लेकिन उसके लिए मेकअप हटाने वाली कोल्ड क्रीम या लोशन का उपयोग न करें क्योंकि वे त्वचा पर चिकनी परत बना सकती हैं।
  4. अच्छी तरह से भोजन करें और हाइड्रेटेड रहें
    जिन लोगों को तैलीय त्वचा की समस्या नहीं है, लेकिन समय समय पर त्वचा के चिकनेपन से ग्रस्त हो जाते हैं उन्हें अपने खान पान पर ध्यान देने की ज़रूरत है। अपने प्रतिदिन के आहार में चीनी, डेयरी और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें, क्योंकि अध्ययनों के अनुसार, ये ऑयली त्वचा की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए जितना संभव हो प्राकृतिक खाद्य पदार्थ, ताजे फल और सब्जियां खाएं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं ले रहे हैं, तो आपकी त्वचा रूखी हो सकती है, जिससे अधिक तेल का उत्पादन होता है। अपनी त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखने के लिए, आपको रोजाना कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए। यदि आप आयल फ्री स्किन चाहते हैं तो कैफीन युक्त पेय और अल्कोहल का सेवन भी कम कर दें क्योंकि ये भी त्वचा के ऑयली होने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी)
  5. पूरी नींद लें और तनाव मुक्त रहें
    नींद की कमी और अत्यधिक तनाव दोनों की वजह से ही एण्ड्रोजन उत्पादन में वृद्धि होती है। इस हार्मोन की वजह से निश्चित तौर पर त्वचा से तेल निकलता है। इसलिए रात में पूरी नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है। शारीरिक व्यायाम भी इस समस्या से निपटने में मदद करते हैं, हालांकि ये आपके जीवन से तनाव को पूरी तरह से दूर करने में मुश्किल साबित हो सकते हैं। तनाव से छुटकारा पाने के लिए स्नान करें या कम से कम 10 मिनट के लिए मेडिटेशन का अभ्यास करें। (और पढ़ें - कम सोने के नुकसान)
  6. अपने चेहरे से तेल दूर करने का प्रयास करें
    चेहरे के संपर्क में प्रतिदिन कई चीज़ें आती हैं जिनकी वजह से चेहरे पर तेल आ जाता है। इसलिए अपने हाथों और बालों को अपने चेहरे से दूर रखें क्योंकि इन दोनों में ही प्राकृतिक रूप से तेल होता है। इसके अलावा, अपने सेलफोन या टेलीफोन को साफ रखें। चेहरे की सफाई के लिए उपयोग करने वाला तौलिया बदलती रहें और मेकअप ब्रश को हर हफ्ते धोएं, क्योंकि इन सभी में आपके चेहरे और हाथों के संपर्क में आने से ऑयल आ जाता है। 

यदि आप ऑयली स्किन को रोकने के उपायों को रोज़ करेंगे तो ऐसा करने से त्वचा से होने वाला अतिरिक्त सीबम (Sebum- तैलीय ग्रंथियों से निकलने वाला तेल) उत्पादन कम होता है। हर दिन अपनी त्वचा की देखभाल के लिए थोड़ा समय निकालने से आप आसानी से तैलीय त्वचा से बच सकती हैं या उसका इलाज कर सकती हैं।

तैलीय त्वचा का इलाज - Oily skin treatment in Hindi

हालांकि त्वचा से अत्यधिक तेल के उत्पादन को रोकने का कोई उपाय आसान नहीं होता है, लेकिन इस समस्या को नियंत्रित करने के कुछ तरीके हैं। इन तरीकों को जानने के निम्नलिखित विकल्प हैं:

  1. क्लीन्ज़र, टोनर और मॉइस्चराइज़र का रोज़ दो बार उपयोग करें
    त्वचा की सफाई करने के लिए, सल्फर, सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) या टी ट्री आयल (Tea tree oil) युक्त क्लीन्ज़र का उपयोग करें। ये सभी अतिरिक्त सीबम को कम करते हैं। ग्लाइकोलिक एसिड (Glycolic acid) भी त्वचा का तेल कम करने का एक अच्छा घटक है, क्योंकि यह त्वचा की सारी रंगत और बनावट को बेहतर बनाता है। त्वचा की सफाई करने के बाद, एक हल्के, अल्कोहल मुक्त टोनर का उपयोग करें जो क्लीन्ज़र द्वारा भी नहीं साफ़ हो पातीं। उसके बाद हल्का, आयल फ्री मॉइस्चराइज़र लगाएं। (और पढ़ें - तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय)
  2. हर दूसरे दिन एस्ट्रिंजेंट का उपयोग करें
    यदि आपकी त्वचा अत्यधिक ऑयली है, तो आप रोमछिद्रों को कसने के लिए एस्ट्रिंजेंट (Astringent- त्वचा में कसाव लाने वाला उत्पाद) का उपयोग कर सकते हैं और अतिरिक्त आयल को हटा सकते हैं, लेकिन क्योंकि उसमें अल्कोहल का स्तर अधिक होता है, इसलिए कई लोगों की त्वचा इससे सूखने भी लगती है। इसका इस्तेमाल हर दूसरे दिन किया जाना चाहिए। और अपने चेहरे को एक्सफोलिएट (Exfoliate) करने के बाद कभी इसका उपयोग न करें।
  3. हफ्ते में एक बार त्वचा को एक्सफोलिएट करें
    रोमछिद्रों को बढ़ने से रोकने के लिए एक्सफ़ोलीएटिंग बहुत अच्छा तरीका है। बहुत से लोग ऑयली स्किन के लिए आयल फ्री स्क्रब का उपयोग करते हैं। लेकिन चेहरे पर इसे कोमल हाथों से लगाना चाहिए वरना त्वचा में रूखापन आ सकता है।
  4. हफ्ते में एक बार फेस मास्क लगाएं
    त्वचा की गहरायी से सफाई करने वाले फेस मास्क में चिकनी मिट्टी होती है जो त्वचा का अतिरिक्त तेल सोख सकती है, जिससे कई दिनों तक चेहरे की ऑयली चमक कम हो जाती है। इसलिए ऐसा मास्क चुनें जिसमें शहद या शीया बटर (Shea butter) मिक्स हो, जो त्वचा को कोमल बनाता है और इसे रूखा होने से रोकता है। हालांकि, ये मास्क भी आपके चेहरे को रूखा कर सकते हैं, इसलिए इनका उपयोग केवल उन जगहों पर करें जहां ऑयल ज्यादा हो।
  5. दिन भर के लिए आयल की चमक को नियंत्रित करें
    जब आप सुबह मेकअप करें, तो सबसे पहले तेल नियंत्रित करने के लिए प्राइमर या बेस का उपयोग करें। यह पूरे दिन के लिए त्वचा के अतिरिक्त तेल को अवशोषित कर लेता है और त्वचा को ताजा और चमक मुक्त रखता है। आप अपने चेहरे के टी-जोन (T-zone) के सबसे ऊपरी हिस्से जैसे माथे और नाक पर अतिरिक्त सीबम को हटाने के लिए पाउडर भी उपयोग कर सकते हैं। इसके बाद भी यदि चेहरे की चमक कम नहीं हो रही है तो इस अतिरिक्त चमक से बचने के लिए आयल नियंत्रित करने वाले पेपर बाजार में मिलते हैं, उनका उपयोग करें। ये कागजात त्वचा को ड्राई नहीं होने देते हैं और मेकअप पर भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
  6. डॉक्टर से सलाह लें
    जब कुछ भी काम न करे तो त्वचा विशेषज्ञ को दिखाएं। मुँहासे को रोकने वाली काफी दवाओं को ऑयली त्वचा के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है। डॉक्टर कुछ अन्य ट्रीटमेंट द्वारा, त्वचा के रोमछिद्रों से आयल निकलने का तरीका बदल सकते हैं, जिससे त्वचा में तेल की मात्रा कम हो जाती है।

अन्य, उपचारों में हीट एनर्जी थेरेपी, डायोड लेजर थेरेपी आदि आते हैं, जो वसामय ग्रंथियों को नष्ट करते हैं। हालांकि, ये तकनीकें बहुत महंगी हो सकती हैं। इसके जोखिम अभी अज्ञात हैं। इनको अपनी त्वचा पर अपनाने से पहले एक अनुभवी त्वचा विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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