हर कोई कभी न कभी अपनी लाइफ में तनाव का सामना करता है. ऐसे समय में शरीर अलग-अलग बदलावों से गुजर रहा होता है कि इस तनाव का असर बालों पर भी पड़ना शुरू हो जाता है. तनाव चाहे कम समय के लिए हो या लंबे समय के लिए, इससे बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं. तनाव के चलते झड़ते बालों की अवस्था को मेडिकल भाषा में टेलोजेन एफ्लूवियम, ट्रायकोटिलोमेनिया और एलोपिसिया अरेटा कहा जाता है. ऐसे समय में हेल्दी डाइट लेने, तनाव को मैनेज करने और कुछ खास तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर झड़ते बालों पर रोक लगाई जा सकती है.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि तनाव से बाल क्यों झड़ते हैं और इसका इलाज क्या हैं -

(और पढ़ें - बाल झड़ने के कारण)

  1. क्या तनाव से बाल झड़ते हैं?
  2. तनाव से बाल झड़ने का इलाज
  3. सारांश
क्या तनाव से बाल झड़ते हैं? के डॉक्टर

हां, तनाव और बालों के झड़ने का आपस में संबंध है. तीन प्रकार के हेयर फॉल को तनाव से जोड़कर देखा जाता है. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

टेलोजेन एफ्लुवियम

इस अवस्था में तनाव बालों के रोमछिद्रों को असक्रिय कर देता है. इससे बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं. बालों का इस तरह से गिरना पूरे सिर पर नहीं दिखाई देता, बल्कि यह पैच में होता है, खासकर स्कैल्प के बीचोंबीच. तनाव के दूर होते ही बाल अपने आप 6 से 9 महीने के बाद उगने भी लग सकते हैं.

(और पढ़ें - बाल किस कमी से झड़ते हैं)

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ट्राइकोटिलोमेनिया

ट्राइकोटिलोमेनिया में स्कैल्प से बाल खींचने का मन करता है. बाल खींचने से तनाव और नकारात्मक अहसासों से कुछ सेकंड ही सही, राहत मिल सकती है. बाल खींचने से ये जड़ों से कमजोर होकर झड़ने लगते हैं. यही वजह है कि इसे हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है.

(और पढ़ें - बाल किन बीमारियों से झड़ते हैं)

एलोपिसिया अरेटा

एलोपेसिया अरेटा की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें तनाव भी शामिल है. एलोपिसिया अरेटा के होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम बालों के रोमछिद्रों पर अटैक करता है, जिससे बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं. यही कारण है कि इसे ऑटोइम्यून डिजीज भी कहा जाता है.

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तनाव से बाल झड़ना स्थायी नहीं है. तनाव के दूर होते ही बाल पहले की तरह मजबूत हो जाते हैं, लेकिन इसमें समय लग सकता है. सही डाइट लेने, तनाव को मैनेज करने और टॉपिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके तनाव से झड़ते बालों का इलाज किया जा सकता है. आइए, तनाव से बाल झड़ने के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

संतुलित डाइट

साबुत अनाज और संतुलित डाइट का सेवन बालों के झड़ने को रोक सकता है. इसके लिए जरूरी है कि डाइट में एसेंशियल विटामिन को शामिल किया जाए. विटामिन-सी शरीर में कोलेजन का निर्माण करता है, जो बालों के रोमछिद्रों में भी पाया जाता है. इसके लिए खट्टे फलब्रोकली और स्ट्रॉबेरी का सेवन किया जा सकता है.

विटामिन-बी स्वस्थ बालों के लिए जरूरी है, जिसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, मेवे और एवोकाडो को खाया जा सकता है. विटामिन-ई स्वस्थ स्कैल्प के लिए जरूरी है, इसके लिए पालकऑलिव ऑयल, ब्रोकली व सूरजमुखी के बीज का सेवन किया जा सकता है. इसके साथ ही रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी का सेवन भी उतना ही जरूरी है.

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तनाव से दूरी

बालों को झड़ने से रोकना है, तो जरूरी है कि तनाव को कम किया जाए. रोजाना एक्सरसाइज करने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है. इसके लिए सुबह या शाम को टहलना, डांस क्लास जॉइन करना जैसे उपाय आजमाए जा सकते हैं. बागवानी, ड्रॉइंग जैसे शौक को पूरा करने और उसमें समय व्यतीत करने से भी तनाव को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, योगमेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग व काउंसलिंग की मदद भी ली जा सकती है.

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टॉपिकल प्रोडक्ट्स

कई तरह के टॉपिकल प्रोडक्ट्स की मदद से बालों के झड़ने को कम करने में मदद मिलती है. ये क्रीम, स्प्रे या फोम के रूप में उपलब्ध होते हैं. इन्हें अमूमन दिन में दो बार लगाने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल बालों के झड़ने और दोबारा उगाने में वर्षों से मददगार साबित होता आया है. 

(और पढ़ें - क्या झड़े हुए बाल वापस आ सकते हैं)

तनाव और बालों का झड़ना स्थायी नहीं है. जैसे ही तनाव नियंत्रण में आता है, बालों का झड़ना रुक जाता है. इसलिए, अगर अचानक से बाल झड़ने शुरू हो जाएं, तो इसकी वजह तनाव हो सकता है. टेलोजेन एफ्लुवियम, ट्राइकोटिलोमेनिया और एलोपिसिया अरेटा तनाव के चलते बाल झड़ने के प्रकार हैं. तनाव से बाल झड़ने के इलाज के तौर पर विटामिन युक्त डाइट का सेवन, टॉपिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल और तनाव को मैनेज करने से मदद मिल सकती है. अगर बाल तनाव की वजह से झड़ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि डॉक्टर की सलाह ली जाए. 

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