बालों से ही आपकी खूबसूरती निखरती है, लेकिन बाल पतले होने की समस्या आजकल आम हो गई है। बहुत लोगों की यह शिकायत होती है कि उनके बाल दिन प्रतिदिन पतले होते जा रहे हैं। यह परेशानी कई महिलाओं व पुरुषों में देखने को मिलती है। ऐसा तब होता है जब आप बालो की देखभाल अच्छी तरह से नहीं कर पाते हैं। बाल पतले होने के कई कारण होते हैं उनमें से कुछ है, शारीरिक या भावनात्मक तनाव, हार्मोन असंतुलन, पोषण की कमी, प्रदूषण, एलर्जी आदि। इस लेख में हमने आपको बाल पतले होने के अन्य कारण भी बताए हैं जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

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तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं कि बाल पतले क्यों होते हैं -

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  1. बाल पतले होने के कारण
  2. पतले बालों का इलाज
  3. सारांश
बाल पतले क्यों होते है और क्या करें के डॉक्टर

बालों के पतले होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से प्रमुख कारणों के बारे में यहां बताया गया है -

गलत उत्पादों का इस्तेमाल

बाल झड़ने से वो पतले होते चले जाते हैं और बाल पतले होने का कारण गलत उत्पादों का इस्तेमाल है। कभी भी ऐसे शैम्पू का इस्तेमाल न करें, जिनमें सल्फेट की मात्रा अधिक हो, क्योंकि केमिकल युक्त उत्पाद आपके बालों को रूखा बना देते हैं या बालों की जड़ों को कमजोर कर देते हैं। इस वजह से बाल झड़ने लग जाते है और फिर पतले होते चले जाते हैं। हमेशा सौम्य शैम्पू का इस्तेमाल करें और फिर एक बेहतरीन कंडीशनर को अपने बालों में लगाएं। जब आप कंडीशनर लगे बालों को पानी से धो लें, फिर आधे घंटे के लिए सिर की त्वचा को मसाज करें। इससे सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और बाल मजबूत बनेंगे।

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बालों के पतले होने के अन्य कारण

ऊपर बताए गए कारणों के अलावा इन कारणों की वजह से भी आपके बाल पतले हो सकते हैं जैसे गर्भ निरोधक गोलियां, अत्यधिक डायटिंग, ऑटोइम्‍यून डिजीज, बाल खींचने की आदत, धूम्रपान, अनिद्रा, पीसीओएस, हाल ही में की गयी सर्जरी, अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए लेना, अचानक से वजन कम होना आदि। 

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आनुवंशिक

अगर आपके परिवार में पहले किसी को बाल पतले रहने की समस्या रही है तो यह समस्या आपको भी हो सकती है। अनुवांशिक रूप से बालों के झड़ने की समस्या पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। महिलाओं में भी कुछ प्रतिशत इसका प्रभाव देखा जाता है। अगर आपको पतले बाल रहने की समस्या है तो यह परेशानी अनुवांशिक भी हो सकती है। यह जानने के लिए सबसे पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर कर लें और फिर बालों और सिर की त्वचा की देखभाल करने के लिए सही तरीका चुनें।

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डिलीवरी

गर्भावस्था के दौरान बाल घने, चमकदार और मोटे हो जाते हैं, लेकिन डिलीवरी के बाद हॉर्मोन में बदलाव आ जाता है जिसकी वजह से बाल झड़ने लग जाते हैं और झड़ने की वजह से बाल पतले होने लगते हैं। डिलीवरी के तीन महीने बाद, हॉर्मोन में बदलाव के कारण बालों का बढ़ना बंद हो जाता है। जब आपके हॉर्मोन का स्तर संतुलित हो जाता है तो बालों की स्थिति पहले जैसी हो जाती है।

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थायराइड की समस्या

हाइपोथायरायडिज्म बाल पतले होने का एक और मुख्य कारण है। आपका शरीर सही मात्रा में हॉर्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता, जिसकी वजह से बालों को नुकसान पहुंचने लगता है। अगर आपको इनमें से किसी भी तरह के लक्षण दिखते हैं जैसे रूखी त्वचा, बालों का पतला होना या डिप्रेशन रहना आदि तो अपने डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।

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बालों के रोम बंद होना

आप हफ्ते में कई बार बाल धोते हैं जिसकी वजह से बालों के रोम को काफी नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा कई लोगों की सिर की त्वचा में सीबम का उत्पादन अधिक होता है, जिसकी वजह से आपकी सिर की त्वचा चिकनी होने लगती है। शैम्पू करने के दो दिन बाद ही बाल तैलीय लगने लगते हैं। बालों की रोम बंद होने की वजह से भी बाल पतले हो सकते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बालों को शैम्पू से हफ्ते में दो से तीन बार ही धोएं। अगर आप ज्यादा बार बालों को धोते हैं तो इससे भी आपके बालों की रोम को नुकसान पहुंच सकता हैं, इसलिए बालों को बहुत ज्यादा या बहुत कम न धोएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि बालों के लिए मिलने वाले शैम्पू में कंडीशनर न हो। हमेशा कंडीशनर का इस्तेमाल अलग से करें।

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अत्यधिक प्रयोग

अगर आपको रोजाना टाइट बाल बांधना बेहद पसंद है तो इस आदत को बदल दीजिए, क्योंकि इससे भी आपके बाल पतले हो सकते हैं। बाल पतले होने से आपको ट्रैक्शन एलोपेशिया (Traction alopecia) हो सकता है - यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक ही तरफ से बाल बनाने से उस जगह से बाल झड़ते जाते हैं। बाल पतले होने से रोकने के लिए एक ही तरफ से बाल बनाना छोड़ दें। बालों का स्टाइल रोजाना बदलें। अगर बाल पतले होने की समस्या तब भी नहीं रूकती है तो डर्मेटोलॉजिस्ट से एक बार बात जरूर करें। साथ ही ऐसे गर्म उपकरणों का इस्तेमाल न करें जिनसे आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है। गर्म उपकरणों का इस्तेमाल करने से आपके बाल घुंघराले हो सकते हैं और बीच से टूट सकते हैं, इसलिए इन उपकरणों का इस्तेमाल कभी-कभी करें। 

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मेडिकल कंडीशंस

बाल पतले होने की समस्या कई स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करती है। अगर आपको थायराइड या हृदय रोग है तो आपके बाल पतले हो सकते हैं। किसी भी बीमारी के इलाज के दौरान भी आपके बाल पतले या घुंघराले हो सकते हैं या फिर झड़ सकते हैं। कैंसर से पीड़ित मरीज के भी बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं या इसकी वजह से उनके बाल पतले होते चले जाते हैं। हमारी सलाह है कि अगर आपके बाल अचानक से टूटना शुरू हो गए हैं या वे पतले होते चले जा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर करें।

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खून की कमी

शरीर में खून की कमी से भी बाल पतले हो सकते हैं। एनीमिया की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है, क्योंकि हर महीने होने वाले पीरियड्स के कारण शरीर से आयरन निकल जाता है। यही नहीं क्रोन की परेशानी में रोगी का शरीर आयरन को अवशोषित नहीं कर पाता जिसके कारण बाल पतले होने की समस्या होती है। आयरन का सबसे आम स्रोत है लाल मीट, लेकिन पालक, दाल, बीन्स आदि में भी आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा आप आयरन के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं, लेकिन सप्लीमेंट्स लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से बात जरूर कर लें।

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प्रोटीन की कमी से बाल पतले होते हैं

शरीर में प्रोटीन की कमी से भी बाल पतले होते हैं। प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो प्रोटीन से भरपूर हो। इसके अलावा अगर आप मांसाहारी हैं तो चिकन या मीट भी खा सकते हैं, क्योंकि इनमें भी प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। आप प्रोटीन और आयरन के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। साथ ही प्रोटीन से समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, दाल, दूध, सोयाबीन, अंडा आदि भी खा सकते हैं।

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बाल पतले होने का कारण है तनाव

तनाव आपके पूरे स्वास्थ्य पर असर डालता है। तनाव के कारण आपके बालों पर भी असर पड़ता है, इसकी वजह से आपके बाल पतले लगने लगते हैं। तनाव किसी भी तरह का हो सकता है जैसे घर में किसी की मृत्यु हो जाना, तलाक, रिश्तों में लड़ाई, नौकरी में दबाव आदि। इनकी वजह से तनाव होता है और ऐसे में आपके बाल घने होने की जगह पतले हो सकते हैं। तनाव के कारण आपकी नींद, डाइट और हार्मोन पर असर पड़ता है, इससे आपके बाल झड़ने लगते हैं। झड़ने के साथ-साथ बाल पतले भी होते चले जाते हैं। बाल पतले होने से रोकने के लिए तनाव को कम करें और ऐसी गतिविधियों में शामिल हो जिनसे आपका मूड ठीक हो। जितना आप अच्छा महसूस करेंगे उतना तेजी से आपके बालों की समस्या कम होगी।

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बालों के पतले होने के ज्यादातर मामलों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। निम्नलिखित पांच विकल्पों पर विचार करें और ध्यान रहे कि कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले या उपचार अपनाने से अपने डॉक्टर से बात करें।

घर पर लेजर थेरेपी

लेजर थेरेपी आमतौर पर डर्मेटोलॉजिस्ट और अन्य त्वचा विशेषज्ञों द्वारा उपयोग की जाती है। अब, अमेरिकी एफडीए ने कुछ उत्पादों को घर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। बालों के लिए घर पर लेजर थेरेपी का उद्देश्य आपके बालों को घना बनाने के साथ-साथ उन्हें फिर से उगाने में मदद करना है। परिणाम मिलने में कई महीने लग सकते हैं।

घर पर लेजर थेरेपी की सबसे बड़ी कमी इसकी कीमत है। कुछ मशीनें हज़ारो की बिकती हैं, और हो सकता है कि वे काम न करें। इतना बड़ा निवेश करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स प्रिस्क्रिप्शन उपचार हैं जिनका उपयोग इन्फ्लेमेशन से जुड़ी मेडिकल कंडीशंस के लिए किया जाता है। कभी-कभी, इन्फ्लेमेशन से जुड़ी मेडिकल कंडीशंस बालों के झड़ने सहित कई तरह के लक्षण पैदा कर सकती है।

फिनस्टरराइड

फिनास्टेराइड (Finasteride) बालों के झड़ने की एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है। यह केवल पुरुषों के लिए है। मिनोक्सिडिल जैसे टोपिकल ट्रीटमेंट के विपरीत, यह एक दैनिक गोली के रूप में आती है जिसे पुरुष बालों के झड़ने के लिए लेते हैं। गंभीर दुष्प्रभावों के कारण महिलाओं को इन दवाओं से बचना चाहिए - खासकर यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं।

स्पिरोनोलैक्टोन

स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone) उन लोगों को दिया जाता है जिनके एण्ड्रोजन उत्पादन में गड़बड़ी की वजह से बाल पतले हुए हैं। महिलाओं में, यह दवा बालों के पतले होने और बाद में हार्मोनल उतार-चढ़ाव से संबंधित बालों के झड़ने का इलाज करने में मदद कर सकती है। इसको लेना शुरू करने से पहले ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है ताकि एण्ड्रोजन उत्पादन की गड़बड़ी को सुनिश्चित किया जा सके।

मिनोक्सिडिल

अपने ब्रांड-नाम रोगेन के रूप में सबसे अच्छी तरह से जाना जाने वाला मिनोक्सिडिल अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अप्रूवड बालों के झड़ने का उपचार है जो ओवर-द-काउंटर उपलब्ध है। जब इसे दिन में दो बार सीधे स्कैल्प पर लगाया जाता है, तो आपको धीरे-धीरे घने बाल दिखने शुरू हो सकते हैं। मिनोक्सिडिल तरल या फोम में उपलब्ध है।

मेयो क्लिनिक के अनुसार, रोगेन को पूर्ण प्रभाव होने में 16 सप्ताह तक का समय लग सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप लगातार इसका उपयोग करें, अन्यथा आपको सही परिणाम नहीं मिलेंगे।

इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स हैं, जिनके बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें।

बालों के पतले होने का कारण जानकर उनका समय रहते इलाज करने से हेयर फॉल जैसी समस्या से बचा जा सकता है। इसलिए, यहां बताए गए कारणों में से कोई भी नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर के सुझाव के अनुसार उचित इलाज करना चाहिए। साथ ही अपने खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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