हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.

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आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.

आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज -

(और पढ़ें - बाल किस कमी से झड़ते हैं?)

  1. बाल झड़ने का आयुर्वेदिक उपाय
  2. सारांश
झड़ते बालों का आयुर्वेदिक उपाय और दवा के डॉक्टर

हमारा खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतें भी हमारे बाल झड़ने का एक कारण है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से झड़ते बालों की समस्या को रोका जा सकता है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं, जो बालों का झड़ना रोक सकती हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि झड़ते बालों के आयुर्वेदिक इलाज कौन-कौन से हैं -

स्प्राउट बायोटि व डीएचटी ब्लॉकर

ये दोनों आयुर्वेदिक दवाएं बालों को जड़ों से मजबूत करती हैं. इसमें मुख्य रूप से बायोटिन होता है, जो त्वचा को हाइड्रेट करता है. ये स्कैल्प को पोषित करने के साथ-साथ रूसी को दूर कर सकता है और स्कैल्प पर होने वाली खुजली से भी राहत दिलाता है. इसके अलावा, ये आयुर्वेदिक दवाएं बालों का झड़ना भी कम करती हैं.

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myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Anti-Hairfall Shampoo बनाया है। इस आयुर्वेदिक शैंपू को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बाल झड़ने, सफेद बाल, गंजापन, सिर की खुजली और डैंड्रफ के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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शिकाकाई

शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का प्रयोग करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं.

(और पढ़ें - किस विटामिन की कमी से बाल गिरते हैं?)

रीठा

रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.

(और पढ़ें - बाल किन बीमारियों से झड़ते हैं?)

आंवला

आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.

(और पढ़ें - बाल झड़ने पर क्या लगाना चाहिए)

गुलाब का तेल

आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)

नीम

नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं.

(और पढ़ें - झड़ते बालों के लिए जड़ी बूटियां)

ग्रीन टी

ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं.

(और पढ़ें - झड़ते बालों के लिए होम्योपैथिक दवा)

तुलसी

तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस रिंस में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के लिए तेल)

झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के शैम्पू)

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