क्या ऑफिस से वापस आने के बाद आपका पहला काम रेफ्रिजरेटर की ओर दौड़कर अपनी प्यास बुझाने और दिन की थकावट को मिटाने के लिए ठंडे पानी की एक बोतल हथियाना है? कौन इस कर्कश गर्मी में ठंडी राहत नहीं चाहता है? हर रोज बढ़ते पारे के साथ, जितना संभव हो, उतनी बार बर्फीले-ठंडे पानी की ज़रूरत लगती है। लेकिन क्या आपको पता है, यह बर्फीला ठंडा पानी आपके पाचन तंत्र के लिए परेशानी पैदा कर सकता है?
चाहे कितनी ही गर्मी क्यों ना हो लेकिन आयुर्वेद ठंडा पानी पीने की सलाह नहीं देता है। आयुर्वेदिक गृह उपचार की पूर्ण पुस्तक (The Complete Book Of Ayurvedic Home Remedies) में अस्वस्थ खाने की आदतों के तहत यह कहा गया है कि भोजन के दौरान या किसी भी समय बहुत ठंडा पानी पीना गैस्ट्रिक रस के सामान्य कामकाज और संतुलन को बिगाड़ सकता है। किताब के अनुसार भोजन के दौरान किसी भी आइस ड्रिंक का सेवन करने के बजाय भोजन के बीच में एक घूँट गुनगुना पानी पिएं।
यहाँ कुछ कारण बताए गये हैं कि क्यों आपको ठंडा पानी पीने की बजाए सामान्य तापमान के पानी को पीना चाहिए -