शिलाजीत, जिसे संस्कृत में "पहाड़ों का विजेता" के नाम से जाना जाता है, एक अद्वितीय पदार्थ है जिसे सदियों से पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। मध्य एशिया की प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं से प्राप्त, शिलाजीत एक शक्तिशाली राल से युक्त पदार्थ है जो चट्टानों से निकलता है, और माना जाता है कि इस के बहुत सारे फायदे हैं। इस लेख में, हम शिलाजीत की उत्पत्ति, संरचना और स्वास्थ्य के लिए इस के गुणों के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके अलावा शिलाजीत के फायदे ,शिलाजीत के औषधीय गुण ,शिलाजीत में क्या पाया जाता है,शिलाजीत का उपयोग कैसे करना चाहिए ,शिलाजीत का प्रयोग किसे नहीं करना चाहिए और शिलाजीत किस मौसम में खाना चाहिए , इसके बारे में भी विस्तार से जानेंगे।
शिलाजीत क्या है?
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जो सदियों से इकट्ठे हो रहे पौधों और सूक्ष्म जीवों के अपघटन से बना है और इसमें बहुत से खनिज,सूक्ष्म तत्व और कार्बनिक यौगिक पाए जाते हैं। यह आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों विशेषकर अल्ताई, काकेशस और हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में पाया जाता है। राल को कच्चे माल के रूप में सावधानीपूर्वक विशेष विधि के द्वारा अलग किया जाता है। इसी से शक्तिशाली और पोषक तत्वों से भरपूर शिलाजीत प्राप्त होती है।
पिछले हजारों वर्षों से भारत की पारंपरिक औषधियों में शिलाजीत का इस्तेमाल किया जा रहा है। चक्र संहिता और सुश्रुत संहिता में भी शिलाजीत का उल्लेख किया गया है। इन ग्रंथों में इसे ‘सोने जैसे धातु का पत्थर’ और ‘चिपचिपे पदार्थ’ के रूप में बताया गया है।
आयुर्वेद में शिलाजीत को रसायन (शक्तिवर्द्धक) कहा गया है क्योंकि इससे संपूर्ण सेहत में सुधार आता है। शिलाजीत का अर्थ ‘पहाड़ों को जीतने वाला और कमजोरी को दूर करने वाला’ होता है। इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शिलाजीत सेहत के लिए कितना गुणकारी होता है।
शिलाजीत कहाँ पाया जाता है?
शिलाजीत मुख्य रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, विशेष रूप से हिमालय, अल्ताई, काकेशस और मध्य एशिया के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में। इन स्थानों पर शिलाजीत के निर्माण के लिए अनुकूल स्थितियाँ हैं। वर्षों तक पौधों और जीवाणुओं के अपघटन से चट्टानों में राल का निर्माण होता है। जिसे शुद्ध करके शिलाजीत का निर्माण किया जाता है।
क्या आप जानते हैं?
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार शिलाजीत से गौमूत्र जैसी गंध आती है। शुद्ध शिलाजीत का सेवन करना महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही बुहत लाभकारी माना जाता है।
शिलाजीत के बारे में तथ्य:
- लैटिन नाम: एस्फैल्टम पंजाबिअनम
- सामान्य नाम: ऐस्फाल्ट, मिनरल पिच, मिनरल वैक्स, शिलाजीत
- संस्कृत नाम: शिलाजीत, शिलाजतु
- भौगोलिक विवरण: हिमालय के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में शिलाजीत सबसे ज्यादा पाया जाता है। भारत के अलावा शिलाजीत चीन, नेपाल, पाकिस्तान, तिब्बत और अफगानिस्तान में मिलता है।
शिलाजीत की संरचना
शिलाजीत एक जटिल पदार्थ है जिसमें विभिन्न प्रकार के खनिज, ट्रेस तत्व, फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड और विभिन्न कार्बनिक यौगिक शामिल हैं। कुछ प्रमुख घटक हैं:
फुल्विक एसिड: ये अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, फुल्विक एसिड पोषक तत्वों के अवशोषण और शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
खनिज: शिलाजीत में सभी आवश्यक खनिज जैसे लोहा, जस्ता, तांबा, मैग्नीशियम, मैंगनीज और अन्य होते हैं ,जो सम्पूर्ण शारीरिक स्वास्थ में योगदान देते हैं।
ट्रेस तत्व: शिलाजीत में मौजूद सेलेनियम, स्ट्रोंटियम और अन्य ट्रेस तत्व विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डिबेंजो-अल्फा पाइरोन्स (डीबीपी): माना जाता है कि इन यौगिकों में सूजन को खत्म करने के गुण और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं।
ह्यूमिक एसिड: इसे इम्यूनिटी वाले गुणों के लिए जाना जाता है, ह्यूमिक एसिड शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
-
शिलाजीत के फायदे व आयुर्वेदिक गुण - Shilajit benefits in hindi
- देर से बुढ़ापा लाए
- एडाप्टोजेनिक गुण
- एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव
- प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए
- हार्मोन संतुलित करे
- मांसपेशियों का निर्माण करे
- एंटीवायरल गुण
- जल्दी घाव भरे
- चिंता और तनाव में कमी करे
- स्टेमिना में सुधार करे
- दिल की बीमारियों का खतरा कम करे
- विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले
- शरीर में पोषक तत्वों अवशोषण
- सूजन को कम करने में उपयोगी
- शरीर में जरूरी खनिजों की पूर्ति करे
- इम्यूनिटी मजबूत करे
- शरीर में ऊर्जा बढ़ाए
- यौन रोग दूर करे
- यौन शक्ति बढ़ाए
- मूत्र रोग को दूर करे
- डायबिटीज़ को कंट्रोल करे
- कोलेस्ट्रॉल कम करे
- खून की कमी को दूर करे
- जोड़ों के स्वास्थ को अच्छा करे
- हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर करे
- दिमाग को तेज करे
- शिलाजीत किसे नहीं लेना चाहिए?
- शिलाजीत का सेवन किसे करना चाहिए?
- शिलाजीत का सेवन कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए?
- शिलाजीत की तासीर क्या होती है - Shilajit taseer in Hindi
- शिलाजीत के नुकसान - Shilajit ke nuksan in hindi
शिलाजीत के फायदे व आयुर्वेदिक गुण - Shilajit benefits in hindi
देर से बुढ़ापा लाए
शिलाजीत में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, जिसमें फुल्विक एसिड और अन्य बायोएक्टिव यौगिक शामिल हैं ,शरीर में मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं। मुक्त कण तनाव और उम्र बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन मुक्त कणों को ख़त्म करके, शिलाजीत उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
एडाप्टोजेनिक गुण
शिलाजीत को एडाप्टोजेन माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में तनाव को सहने की शक्ति बढ़ाता है।
एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव
शिलाजीत के एंटीऑक्सीडेंट यौगिक, जिनमें फुल्विक एसिड और डीबीपी शामिल हैं, कोशिकाओं को तनाव से बचाने में मदद करते हैं। यह कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मदद करता है।
प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए
माना जाता है कि शिलाजीत शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करके पुरुषों की फर्टिलिटी को बूस्ट करता है। यह शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और उनके आकार को ठीक करके पुरुषों के स्वास्थ को अच्छा बनाता है।
हार्मोन संतुलित करे
अध्ययनों से पता चलता है कि शिलाजीत पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोन को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हार्मोनल संतुलन प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ और सम्पूर्ण स्वास्थ पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मांसपेशियों का निर्माण करे
एथलीट और बॉडीबिल्डर अक्सर शरीर में मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए शिलाजीत का उपयोग करते हैं। शिलाजीत में मौजूद खनिज और अन्य बायोएक्टिव यौगिक मांसपेशियों के विकास और तीव्र शारीरिक गतिविधि के बाद रिकवरी में मदद करते हैं।
एंटीवायरल गुण
शिलाजीत में एंटीवायरल गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं जिससे शरीर में संक्रमण से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद मिलती है।
जल्दी घाव भरे
शिलाजीत के पुनर निर्माण गुण तेजी से घाव भरने में सहायता कर सकते हैं। पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने और ऊतक की मरम्मत को बढ़ा कर घाव को जल्दी भर जा सकता है।
चिंता और तनाव में कमी करे
शिलाजीत का उपयोग पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में तनाव और चिंता से निपटने के लिए किया जाता रहा है। इसके एडाप्टोजेनिक गुण शरीर को तनाव के अनुकूल ढलने में मदद करते हैं, जिससे तनाव में कमी आती है।
स्टेमिना में सुधार करे
एथलीट खेल में अच्छा प्रदर्शन करने और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए शिलाजीत का उपयोग करते हैं। माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन में सुधार करने और मांसपेशियों को ठीक से ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए स्टेमिना का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
दिल की बीमारियों का खतरा कम करे
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शिलाजीत कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके हृदय स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखता है। यह एलडीएल (खराब) और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल के बीच स्वस्थ संतुलन बनाए रखने में सहायता कर सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले
शिलाजीत के घटक, जिसमें फुल्विक एसिड भी शामिल है, विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल कर शरीर को साफ रखने में मदद करता है। यह शरीर को अंदर से साफ करके सम्पूर्ण स्वास्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
शरीर में पोषक तत्वों अवशोषण
शिलाजीत में फुल्विक एसिड अपने चेलेटिंग गुणों के लिए जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में जाकर खनिजों से जुड़ सकता है और उन्हें अधिक उपयोगी बना देता है। यह पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे यह निश्चित होता है कि शरीर में सभी तरह के खनिज और विटामिन उपस्थित रहें।
सूजन को कम करने में उपयोगी
शिलाजीत में मौजूद डिबेंजो-अल्फा पाइरोन्स (डीबीपी) जैसे यौगिक शरीर में सूजन को कम करते हैं। सूजन को कम करके, शिलाजीत गठिया जैसी सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़ी परेशानी को कम कर सकता है और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
शरीर में जरूरी खनिजों की पूर्ति करे
शिलाजीत में लोहा, जस्ता, तांबा और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज पदार्थ होते हैं। ये खनिज शरीर में एंजाइम को सक्रिय करके , हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके सेवन से शरीर में सभी खनिज पदार्थों की पूर्ति होने में मदद मिलती है।
इम्यूनिटी मजबूत करे
शिलाजीत में मौजूद ह्यूमिक एसिड को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत कर के शरीर को रोगों से लड़ने के लिए अधिक मजबूत बनाता है , जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने में अधिक मदद हो सके।
शरीर में ऊर्जा बढ़ाए
शिलाजीत में मुख्य रूप से उच्च फुल्विक एसिड होता है जो शरीर में ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। फुल्विक एसिड कोशिकाओं में पोषक तत्वों के परिवहन को आसान बना कर शरीर के ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां उनका उपयोग ऊर्जा संश्लेषण के लिए किया जाता है।
यौन रोग दूर करे
शिलाजीत एक बहुत ही उत्तम यौन (sex) टॉनिक है। दुनिया की सबसे प्राचीन मानव यौन व्यवहार साहित्य - "काम सूत्र" में भी इसका उल्लेख किया गया है। यह दोनों लिंगों में यौन इच्छा और क्षमता को बढ़ाता है और यौन संबंधित रोगों को दूर रखता है। यह बांझपन को दूर कर गर्भ धारण करने में भी सहायक है। महिलाओं में यह मासिक धर्म चक्र (menstrual cycles) को नियंत्रित करता है और अंडाशय को पुष्ट एवं स्वस्थ करता है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं को स्वस्थ बनाता है और उनके स्तर को बढ़ाता है। यह गर्भावस्था में भी अत्यंत लाभदायक होता है।
(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द और प्रेग्नेंट होने के उपाय)
यौन शक्ति बढ़ाए
शिलाजीत ऊर्जा एवं शक्ति का दूसरा नाम है। प्राचीन काल से ही इसका सेवन मुख्य रूप से कमज़ोरी को दूर भगाने और जवान रहने के लिए किया जा रहा है। यह कोशिकाओं (cells) को पुनर्जीवित कर बुढ़ापे के लक्षणों और शारीरिक कमज़ोरी को दूर रखता है। शरीर को यौवन और फुर्ती से भर देता है। यह यौन शक्ति (sexual vitality) को बढ़ाकर यौन संभोग (sexual intercourse) को आनंदित बना देता है।
(और पढ़ें – यौन-शक्ति को बढ़ाने वाले आहार)
Urjas शिलाजीत कैप्सूल, जिसे myUpchar Ayurveda ने तैयार किया है, न केवल आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि यह शीघ्रपतन और कामेच्छा में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। इसका नियमित सेवन एक स्वस्थ और संतुलित जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
मूत्र रोग को दूर करे
शिलाजीत गुर्दों और मूत्राशय को स्वस्थ रखता है। यह मूत्र में जलन एवं पथरी से छुटकारा दिलाता है। यह गुर्दे की कार्य क्षमता को बढ़ाकर कई सारी परेशानियों को भी कम करता है इसके साथ यह मूत्राशय को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
(और पढ़ें – पथरी में क्या खाना चाहिए)
डायबिटीज़ को कंट्रोल करे
विश्व में बहुत से लोग, डायबिटीज (diabetes) के से ग्रस्त हैं। शिलाजीत रक्त में शुगर (glucose) के स्तर को नियंत्रण में रखता है और डायबिटीज में सुधार लाता है, इसलिए शिलाजीत को मधुमेह विनाशक भी कहा जाता है। यह मधुमेही न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy) का भी एक फलप्रद निवारण है। यह हृदय को मज़बूत बनाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रबल कर संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाता है। यह शरीर में थकान को कम कर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है।
(और पढ़ें – योग कर सकता है मधुमेह को नियंत्रित, जानिए कैसे)
अध्यनो के अनुसार शिलाजीत रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है इसके साथ ही यह ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करने में भी मदद करता है। शिलाजीत डी -400, डायबेकॉन, या ग्लूकोकेयर नामक एक पूरक में मुख्य तत्वों में से एक है। डी -400 रक्त ग्लूकोज के स्तर को कम करता है और मधुमेह के कारण होने वाले नुकसान से पैनक्रिया को बचाता है।
(और पढ़ें - शुगर कंट्रोल करने के उपाय)
कोलेस्ट्रॉल कम करे
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (high cholesterol level) शरीर के रक्त प्रवाह में बाधा बन सकता है जिसके कारण दिल के दौरे जैसी समस्या हो सकती है। शिलाजीत रक्त में स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाकर इस रोग से मुक्ति दिलाने में अत्यंत सहायक है। शिलाजीत कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और दिल से सम्बन्धित अन्य परेशानियों को भी कम करने में सहायक है।
(और पढ़ें – कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)
खून की कमी को दूर करे
एनीमिया (anemia) शरीर में खून की कमी की वजह से होती है। इससे शरीर में बहुत थकान आ जाती है, रोगी को सामान्य रूप से साँस लेने में समस्या होती है एवं चक्कर भी आते हैं। शिलाजीत रक्त बनाने में मदद करता है और शरीर में फुर्ती भर देता है। शिलाजीत में ह्यूमिक एसिड और आयरन पाया जाता है। इस प्रकार शिलाजीत आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया के इलाज में सहायक साबित हो सकता है।
(और पढ़ें – आयरन के स्रोत)
जोड़ों के स्वास्थ को अच्छा करे
गठिया (arthritis) जोड़ो का शत्रु है और जोड़ो में सूजन एवं अकड़न से जोड़ो के दर्द को बढ़ा देता है। शिलाजीत जोड़ो के असहनीय दर्द और सूजन से राहत दिलाता है और अकड़न दूर कर जोड़ो को मज़बूत भी बनाता है। शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है और शिलाजीत जोड़ों के दर्द को कम कर गठिया के उपचार में मदद करता हैं। यह जोड़ों को मजबूत करता है तथा जोड़ों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में भी सहायक है। शोध के अनुसार शिलाजीत शरीर में विभिन्न रसायनों की वजह से हुई सूजन को भी कम कर सकता है।
(और पढ़ें – गठिया रोग के लिए जड़ीबूटियां)
हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर करे
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) एक हृदय रोग है और आजकल की जीवन शैली के कारण अधिकतर लोग इस परेशानी से ग्रसित हो सकते हैं। रक्त चाप के नियंत्रित न होने के कारण ह्रदय रोगो का खतरा बढ़ जाता है। शिलाजीत का सेवन करने से ना केवल रक्तचाप सामान्य स्थिति में रहता है अपितु मानव हृदय रोग से भी दूर रहता है।
(और पढ़ें – उच्च रक्तचाप के लिए बहुत ही उपयोगी जूस)
एक आहार पूरक के रूप में शिलाजीत का उपयोग करने पर दिल से जुडी परेशानियां कम हो सकती है और यह दिल के स्वास्थ में भी सुधार कर सकता है। यदि आप किसी भी ह्रदय रोग से ग्रस्त है तो शिलाजीत का उपयोग डॉक्टर कि सलाह लेने के बाद ही करें क्योकि शिलाजीत के उपयोग से ब्लड प्रेशर कम होने की संभावना होती है।
(और पढ़ें - ब्लड प्रेशर कम करने के उपाय)
दिमाग को तेज करे
शिलाजीत को नॉट्रोपिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ यह है कि यह नई चीजों को सीखने के लिए मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है। तेज दिमाग सबकी जरुरत होती है और शिलाजीत इस ज़रूरत को पूरा करने में सहायक साबित हो सकता है। शिलाजीत स्मरण-शक्ति को बढ़ाता है और दिमाग़ को पोषित करता है। यह तनाव को दूर रखता है और एकाग्रता में भी सुधार लाता है।
(और पढ़ें – दिमाग तेज़ कैसे करें)
शिलाजीत में फुलविक एसिड (fulvic acid) एक एन्टीऑक्सडेंट के रूप में मौजूद होता है जो मष्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत में मौजूद फुलविक एसिड ताऊ प्रोटीन (Tau protein) के असामान्य निर्माण को रोक सकता है और सूजन को कम कर सकता है, संभावित रूप से अल्जाइमर के लक्षणों में सुधार कर सकता है। हालांकि इस पर अभी और अधिक शोध और नैदानिक परीक्षण की आवश्यकता है।
2013 में मस्तिष्क की चोट से जुडी परेशानियों में शिलाजीत के प्रभाव पर, केरमेन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर द्वारा आयोजित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क की चोट के बाद होने वाली मौत के संभावित कारकों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
(और पढ़ें - मस्तिष्क की चोट का इलाज)
शिलाजीत किसे नहीं लेना चाहिए?
आम तौर शिलाजीत सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए या विशेष परामर्श पर ही इसका सेवन करना चाहिए जैसे -
1. गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं - गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान शिलाजीत के सेवन से महिलाओं पर कैसा असर होगा इस पर सीमित शोध उपलब्ध है। एहतियात के तौर पर, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए । भ्रूण और नवजात शिशुओं को किसी विशेष पदार्थ से एलर्जी हो सकती है, और इस प्रकार की परिस्थितियों में जब तक ये न मालूम हो जाए कि शिलाजीत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है या नहीं ,इसके सेवन से बचना समझदारी है।
2. एलर्जी वाले व्यक्ति को - अगर आपको शिलाजीत या इसके किसी तत्व से एलर्जी का अनुभव होता है तो इसके सेवन से बचना चाहिए। हालांकि शिलाजीत आम तौर पर सभी के लिए अच्छा होता है लेकिन, व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं अलग अलग हो सकती हैं। एलर्जी के रूप में त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन या अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
3. बच्चों को - बच्चों के लिए शिलाजीत सुरक्षित है या नहीं? इस पर सीमित शोध मौजूद है। क्यूँकि बच्चे अपनी ग्रोथ ऐज में होते हैं और ये जरूरी हैं कि इस उम्र मे बच्चे उन्ही पदार्थों को खाएँ जो उनके शरीर के लिए फायदेमंद हैं। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अधिक शोध उपलब्ध होने तक उन्हें शिलाजीत देने से बचने की सलाह दी जाती है। माता-पिता को बच्चे की आयु के अनुसार अच्छा पोषण देने के लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
4. गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्ति - जिन लोगों को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है, विशेषकर किडनी या लीवर की समस्या है, उन्हें शिलाजीत का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए । शिलाजीत में खनिज और बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो किडनी और लीवर के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। जिन व्यक्तियों की किडनी या लीवर खराब है, उन्हें शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
शिलाजीत का सेवन किसे करना चाहिए?
शिलाजीत के बहुत सारे लाभ है फिर भी इसे रोज अपनी डाइट में करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। हालाँकि, शिलाजीत विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जैसे-
1. जो लोग शरीर में हमेशा ऊर्जा बनाए रखना चाहते हैं - शिलाजीत में उपलब्ध फुल्विक एसिड ऊर्जा स्तर को बढ़ा कर, शरीर की कोशिकाओं में पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद करता है। थकान का अनुभव करने वालों के लिए, शिलाजीत को अपनी डाइट में शामिल करने से मदद मिलती है। शिलाजीत के सेवन से थकान और सुस्ती खत्म होती है।
2. थलीट और वे लोग जो फिट रहना चाहते हैं - शिलाजीत लेने से खेल में अच्छा प्रदर्शन होने में मदद मिलती है। ये शरीर में स्टेमिना बढ़ा कर मांसपेशियों की रिकवरी जल्दी करने के कारण एथलीटों और फिटनेस के प्रति सिरियस लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय विकल्प है। शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड और अन्य बायोएक्टिव यौगिक माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन में सुधार करते हैं, जिससे व्यायाम के दौरान मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। इसके स्टेमिना बढ़ती है , थकान कम होती है और तीव्र शारीरिक गतिविधि के बाद तेजी से रिकवरी हो सकती है, जिससे एथलीटों को अपनी क्षमता से आगे जाकर बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।
3. जोड़ों की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है - शिलाजीत के सूजनरोधी गुण इसे जोड़ों की समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए बहुत उपयोगी बनाते हैं। गठिया जैसी स्थितियों में सूजन होना आम बात है, जिससे दर्द और परेशानी होती है। शिलाजीत में मौजूद डिबेंज़ो-अल्फा पाइरोन्स (डीबीपी) सहित यौगिक सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे जोड़ों की समस्या वाले लोगों को राहत मिलती है। शिलाजीत के नियमित उपयोग से जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
4. मेमोरी पावर और इन्टेलिजेन्स बढ़ाने में सहायक - शिलाजीत का दिमाग के स्वास्थ पर अच्छा प्रभाव उन लोगों को बहुत प्रभावित करता है जो लोग अपनी मेमोरी पावर को बढ़ाना चाहते हैं। माना जाता है कि शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड दिमाग तक सभी पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद करता है, जिससे दिमाग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके। इसके अतिरिक्त, शिलाजीत याददाश्त को बढ़ाने में भी सहायक है। शिलाजीत को रोज लेने उन लोगों को फायदा हो सकता है जो फोकस, एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाना चाहते हैं।
5. पुरुषों में फर्टिलिटी बूस्ट करे - शिलाजीत को पारंपरिक रूप से शुक्राणु की गुणवत्ता और पुरुषों की फर्टिलिटी में सुधार के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है। शिलाजीत में मौजूद खनिज, फुल्विक एसिड और अन्य बायोएक्टिव यौगिक शुक्राणुओं की संख्या, उनकी गतिऔर आकार को अच्छा बना कर फर्टिलिटी को बूस्ट करने में सहायक हैं।
शिलाजीत का सेवन कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए?
शिलाजीत के सेवन का समय और मात्रा व्यक्तियों के बीच अलग-अलग हो सकती है। शुरुआत में थोड़ी मात्रा के साथ शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जा सकता है।
समय: शिलाजीत आमतौर पर सुबह खाली पेट या शहद के साथ लिया जाता है। कुछ लोग इसे शाम के समय लेना पसंद करते हैं।
खुराक: सामान्य शुरुआत के लिए प्रति दिन 300-500 मिलीग्राम खुराक ली जा सकती है, और खुराक को व्यक्ति के अनुसार कम या ज्यादा भी किया जा सकता है।
अवधि: शिलाजीत का सेवन लगातार न करके बीच-बीच में अंतराल के साथ किया जाता है। ताकि शरीर को इसके इसके फ़ायदों को अपनाने के लिए वक्त मिल सके।
सेवन का प्रकार: शिलाजीत राल, पाउडर, कैप्सूल और टैबलेट सहित विभिन्न रूपों में उपलब्ध है। आप इसे किस रूप में लेना चाहते हैं ,ये व्यक्तिगत पसंद और सुविधा पर निर्भर करता है।
शिलाजीत की तासीर क्या होती है - Shilajit taseer in Hindi
शिलाजीत की तासीर गर्म होती है और यह पचने में भरी होता है। इसलिए इसका सेवन गर्मियों में और अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। तासीर गर्म होने की वजह से सर्दियों में खांसी, जुखाम आदि से बचने के लिए इसका सेवन में अधिक मात्रा में करना उत्तम माना जाता है।
शिलाजीत के नुकसान - Shilajit ke nuksan in hindi
शिलाजीत के आम तौर पर कोई नुकसान नहीं देखे जाते लेकिन , कुछ संभावित कमियां और विचार शामिल हैं:
1. शिलाजीत शुद्ध है या नहीं - शिलाजीत की गुणवत्ता अलग-अलग हो सकती है, और शिलाजीत का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए शुद्ध और अच्छे उत्पाद का उपयोग करना जरूरी है। शिलाजीत विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है, इसलिए इसकी शुद्धता भी काम ज्यादा हो सकती है। शिलाजीत को प्रतिष्ठित और भरोसेमंद स्रोतों से खरीदना महत्वपूर्ण है। ताकि आप किसी नकली पदार्थ का सेवन करने से बच जाएँ।
2. संभावित भारी धातु की उपस्थिति - कुछ क्षेत्रों से प्राप्त शिलाजीत से भारी धातु मिलावट का खतरा हो सकता है। इसी कारण ये जरूरी है कि इसे किसी अच्छी और विश्वसनीय जगह से ही खरीद जाए। यदि शिलाजीत में भारी धातुएं मौजूद हैं, तो समय के साथ सेवन करने पर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
3. अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया - शिलाजीत कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है, विशेष रूप से अगर आप किसी पुरानी बीमारी से संबंधित दवाएँ ले रहें हैं । दवाएँ लेने वाले व्यक्तियों के लिए शिलाजीत को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
4. पाचन संबंधी परेशानी - शिलाजीत के सेवन की शुरुआत में कुछ व्यक्तियों को हल्की पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव हो सकता है। इसमें पेट ख़राब होना, मतली या दस्त जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। पाचन समस्याओं को कम करने के लिए, शिलाजीत की कम खुराक से शुरु करें और समय के साथ धीरे-धीरे इसे बढ़ाए।
5. संतुलित आहार का विकल्प नहीं - शिलाजीत विभिन्न पोषक तत्व प्रदान करता है, लेकिन ये संतुलित आहार का विकल्प नहीं है। शिलाजीत एक पूरक है जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य में योगदान देता है, लेकिन यह सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं करता है जो संतुलित भोजन कर सकता है। विटामिन, खनिज, प्रोटीन और वसा सभी शरीर के लिए जरूरी हैं और इसके लिए लिए अच्छा संतुलित भोजन करना महत्वपूर्ण है। शिलाजीत को संतुलित आहार के साथ लेकर इसके फ़ायदों को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
(और पढ़ें - लड़का होने के लिए उपाय और गोरा बच्चा पैदा करना से जुड़े मिथक)
सारांश -
शिला जीत में अनेक रोगों से लड़ने की प्रभावशाली क्षमता है। ख़ासकर सेक्स संबंधी समस्याओं में। शिलाजीत को परंपरागत रूप से यौन दुर्बलता को कम करने और सेक्स संबंधी ताक़त बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही ये प्राकृतिक रूप से बांझपन को दूर करने में बेहद शक्तिशाली है।
(और पढ़ें - sex kaise kare)
यह कामेच्छा को बढ़ाने में, शुक्राणु के स्तर में वृद्धी करने में, स्तंभन दोष को दूर करने में, शीघ्रपतन में और महिलाओं में सेक्स संबंधित समस्याओं जैसे कई यौन विकारों के लिए प्रभावी इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी क्षमता का उल्लेख कामसूत्र में भी किया गया है। यह भारत में भारतीय वियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध है। सेक्स संबधी स्वास्थ्य के अलावा ये तनाव को कम करने और दिमाग़ को तेज़ बनाने में भी उपयोगी है। साथ ही यह हृदय और रक्त संबंधी रोगों जैसे मधुमेह, हाई बीपी, उच्च कोलेस्ट्रॉल और एनीमिया के इलाज में बहुत प्रभावी है।
(और पढ़ें - सेक्स की जानकारी)
मूत्राशय संबंधी समस्या में शिलाजीत बहुत मददगार है। लेकिन इसके बेहतर परिणाम और इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें। बाजार में उपलब्ध नकली शिलजीत उत्पादों से सावधान रहें और अच्छे ब्रांड के शिलजीत कैप्सूल या सिरप का ही इस्तेमाल करें।
(और पढ़ें - पहली बार सेक्स और सेक्स पोजीशन)
शिलाजीत के गुणकारी लाभ सम्बंधित चित्र
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें शिलाजीत है
- myUpchar Ayurveda Urjas Capsule for Vigour & Vitality Support - ₹712
- Urjas Capsule for Vitality Support By Myupchar Ayurveda - ₹746
- Urjas Pure Shilajit Resin by myUpchar Ayurveda - ₹699
- उर्जस शुद्ध हिमालयन शिलाजीत कैप्सूल - 60 CAP - ₹499
- Myupchar Ayurveda Chandraprabha Vati - ₹359
- Biogetica Talvaar Capsule - ₹799
- Dhootapapeshwar Arogyavardhini Vati (100) - ₹343
- Baidyanath Chintamani Chaturmukh Ras - ₹1884
- Bold Care Forever Capsule - ₹654
- Aimil Neeri Syrup 200 ml - ₹225
- Zandu Chandraprabha Vati Tablet (40) - ₹77
- Baidyanath Liverex Tablet - ₹136
- Biogetica Arthrosolve Tablet - ₹559
- Zandu Arogyavardhani Gutika Tablet - ₹119
- Dhootapapeshwar Shilapravang With Mouktik Tablet (100) - ₹750
- Livosolve Tablet - ₹799
- Aayucure Vatsa-Ambro Tablet - ₹500
- Biogetica Metasolve Tablet - ₹559
- REPL Hypower Musli Oil - ₹169
- REPL Vigoura Oil - ₹189
- Bold Care Surge Tablet - ₹1049
- Unjha Mehantak Vati - ₹93
- Unjha Yakrit Plihari Loha - ₹159
- Aimil Semento Capsule - ₹251
- Amyron Capsule - ₹185
- Aayucure Prostoplex Tablet - ₹399
- Lama Lamatex Plus Gold Capsule - ₹459
- Planet Ayurveda Arogyavardhni Vati - ₹550
- Dhootapapeshwar Tapyadi Loha - ₹560
- Dhootapapeshwar Madhumeha Kusumakar Rasa - ₹985
- Sri Sri Tattva Shilajitvadi Lauha Vati - ₹150
- Zandu Vigorex Capsule - ₹248
- Baidyanath Nagpur Shodhit Shilajit Capsule - ₹174
- Dhootapapeshwar Swayambhuva Guggul (60) - ₹245
- Baidyanath Shilajitwadi Bati (Ord) (20) - ₹73
- Baidyanath Shilajitwadi Bati (Swarna Yukta) - ₹2502
- Planet Ayurveda Chandraprabha Vati Pack of 2 - ₹1110
- Planet Ayurveda Chandraprabha Vati (120) - ₹550
- Dindayal Aushadhi 303 Gold Power Oil - ₹260
- Kudos Shilajit Musli Gold Capsule - ₹410
- Baidyanath Vita Ex Gold Capsule (20) - ₹424
- Unjha Emivita Ton Capsule - ₹373
- Dhootapapeshwar Shilapravang Special Tablet (30) - ₹719
- Prostina Capsule - ₹45
- Baidyanath Prabhakar Bati (80) - ₹196
- Baidyanath Madhumehari Yog - ₹1025
- Merimed Vita MX Capsule - ₹349
- Baidyanath Shilajitwadi Bati (Ord) (30) - ₹73
- Baidyanath Tapyadi Lauh No 1 - ₹156
- Kairali Spaliv Syrup - ₹138
संदर्भ
- Harsahay Meena, H. K. Pandey, M. C. Arya, and Zakwan Ahmed. Shilajit: A panacea for high-altitude problems. Int J Ayurveda Res. 2010 Jan-Mar; 1(1): 37–40. PMID: 20532096
- J. M. Williams et al. Epithelial Cell Shedding and Barrier Function: A Matter of Life and Death at the Small Intestinal Villus Tip. Vet Pathol. 2015 May; 52(3): 445–455. PMID: 25428410
- Nader Shahrokhi, Zakieh Keshavarzi, Mohammad Khaksari. Ulcer healing activity of Mumijo aqueous extract against acetic acid induced gastric ulcer in rats. J Pharm Bioallied Sci. 2015 Jan-Mar; 7(1): 56–59. PMID: 25709338
- Goel RK1, Banerjee RS, Acharya SB. Antiulcerogenic and antiinflammatory studies with shilajit. J Ethnopharmacol. 1990 Apr;29(1):95-103. PMID: 2345464
- Biswas TK et al. Clinical evaluation of spermatogenic activity of processed Shilajit in oligospermia. Andrologia. 2010 Feb;42(1):48-56. PMID: 20078516
- Melissa L. Times, Craig A. Reickert, M.D. Functional Anorectal Disorders. Clin Colon Rectal Surg. 2005 May; 18(2): 109–115. PMID: 20011350
- Goel RK1, Banerjee RS, Acharya SB. Antiulcerogenic and antiinflammatory studies with shilajit. J Ethnopharmacol. 1990 Apr;29(1):95-103. PMID: 2345464
- Paranjpe P1, Patki P, Patwardhan B. Ayurvedic treatment of obesity: a randomised double-blind, placebo-controlled clinical trial. J Ethnopharmacol. 1990 Apr;29(1):1-11. PMID: 2278549
- Ranjan K. Pattonder, H. M. Chandola, S. N. Vyas. Clinical efficacy of Shilajatu (Asphaltum) processed with Agnimantha (Clerodendrum phlomidis Linn.) in Sthaulya (obesity). Ayu. 2011 Oct-Dec; 32(4): 526–531. PMID: 22661848
- Leanne Hodson. Adipose tissue oxygenation: Effects on metabolic function. Adipocyte. 2014 Jan 1; 3(1): 75–80. PMID: 24575375
- Pravenn Sharma et al. SHILAJIT: EVALUTION OF ITS EFFECTS ON BLOOD CHEMISTRY OF NORMAL HUMAN SUBJECTS. Ancient Science of Life Vol : XXIII(2) October, November, December 2003 3DJHV
- Carlos Carrasco-Gallardo, Leonardo Guzmán, Ricardo B. Maccioni. Shilajit: A Natural Phytocomplex with Potential Procognitive Activity. Int J Alzheimers Dis. 2012; 2012: 674142. PMID: 22482077
- C Velmurugan, B Vivek, E Wilson, T Bharathi, T Sundaram. Evaluation of safety profile of black shilajit after 91 days repeated administration in rats. Asian Pac J Trop Biomed. 2012 Mar; 2(3): 210–214. PMID: 23569899
- N. S. Gaikwad et al. Effect of shilajit on the heart of Daphnia: A preliminary study. J Ayurveda Integr Med. 2012 Jan-Mar; 3(1): 3–5. PMID: 22529672