ये सिंगर दुनिया के सबसे तेज़ पियानो वादक और भारत के जाने-माने गायक, फिटनेस के मामले में किसी मिसाल से कम नहीं हैं। सिर्फ 12 महीने की अवधि में एक उचित आहार और व्यायाम दिनचर्या का पालन करके उन्होंने अपना वज़न लगभग 200 किलो से 70 किलो कर लिया था।
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ये सिंगर दुनिया के सबसे तेज़ पियानो वादक और भारत के जाने-माने गायक, फिटनेस के मामले में किसी मिसाल से कम नहीं हैं। सिर्फ 12 महीने की अवधि में एक उचित आहार और व्यायाम दिनचर्या का पालन करके उन्होंने अपना वज़न लगभग 200 किलो से 70 किलो कर लिया था।
मोटापे से तो वह ग्रस्त थे ही पर उनकी स्थिति और भी बदतर हो गई जब उनको लिम्फेडिमा (घुटनों में) सर्जरी के लिए जाना पड़ा और इस कारण उनको 3 महीने के लिए बिस्तर पर रहना पड़ा। उस समय वे स्लीप एपनिया (सांस के रुक जाने के कारण नींद का खुलना) से पीड़ित हो गए क्योंकि अत्यधिक आराम की वजह से, उनके शरीर पर अतिरिक्त जमा वसा उनके फेफड़ों के ठीक से काम करने में हस्तक्षेप करने लगा।
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200 किलो के इस सिंगर को डॉक्टरों से चेतावनी मिली कि अगर उनका वजन यूं ही बढ़ता रहा तो वे 6 माह से ज़्यादा नहीं जी पाएंगे। तब इन्होंने फ़ैसला किया कि उनका वज़न कम करना उनकी प्राथमिकता होगी। 6 महीने के लिए काम को छोड़कर वह अपना वज़न कम करने के लिए तैयार हो गए।
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उनके पोषण विशेषज्ञ ने उन्हें सफेद चावल, ब्रेड, चीनी और तेल से दूर रहने का सुझाव दिया। उन्होंने केवल सब्ज़ियों का सलाद, तंदूरी मछली और उबली हुई दाल और बिना तेल के अन्य व्यंजन खाने शुरू किए।
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ये अपने दिन की शुरूआत बिना चीनी की चाय से करते थे। दोपहर के भोजन में वे सिर्फ सब्ज़ियों के सलाद के साथ तंदूरी मछली लेते थे। रात के भोजन में वे रोटी या चावल के साथ केवल उबली हुई दाल या चिकन लेते थे।
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अपने अत्यधिक मोटापे के कारण शुरू में इनके लिए व्यायाम करना आसान नहीं था। अकेले परहेज़ की मदद से, उन्होने करीब 42 किलो वजन कम कर लिया था। इसके बाद, उन्होंने व्यायाम करने का निर्णय लिया।
उनके ट्रेनर ने नियमित रूप से चलने (walk) को उनके रूटीन में शामिल किया क्योंकि दौड़ने के लिए उनका शरीर अभी भी बहुत भारी था। कुछ वज़न कम करने के बाद उन्होंने ट्रेडमिल पर दौड़ना शुरू किया और वज़न ट्रेनिंग व कार्डियो वर्कआउट शुरू कर दिया।
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कुछ महीने इस सख्त दिनचर्या का पालन करने के बाद, परिणाम आश्चर्यजनक थे और इनके अनुसार, वह अब देर तक खड़े हो पाते थे, ठीक से चल पाते थे, उन्हें नींद अच्छी आती थी।
इन्होंने लगभग 10 किलो वज़न प्रति माह कम किया। इतना ज़्यादा वज़न इतने कम समय में कम करना ख़तरनाक भी हो सकता है पर क्योंकि उनका वज़न इतना ज़्यादा था, उनका ऐसा कर पाना सराहनीय है।
इनका मानना है कि कोई भी काम पूरी लगन और दृढ़ शक्ति के साथ किया जाए, तभी उसके परिणाम मिलते हैं। व्यायाम, संतुलित खानपान और इच्छाशक्ति से उन्होंने 12 माह में 132 किलो वज़न कम करके लोगों को हैरान कर दिया। कई लोगों ने तो यह भी कह दिया कि उन्होंने ज़रूर बैरिएट्रिक या कोई अन्य वज़न घटाने वाली सर्जरी करवाई होगी पर इन्होंने यह पुष्टि की कि उन्होने कोई भी सर्जरी नहीं करवाई। यह सब उचित परहेज़ और नियमित रूप से व्यायाम की वजह से संभव हो पाया।
यह केवल उनके समर्पण और फिट होने की इच्छा का सकारात्मक परिणाम है। अगर आप भी अपने वज़न से परेशान हैं और इनसे प्रेरित हैं, तो दृढ़ संकल्प से जुट जाएँ। इन्होंने साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति प्रबल हो और मन में विश्वास हो, तो कुछ भी संभव है।