नेफ्रोपेक्सी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसका उपयोग नेफ्रोप्टोसिस का इलाज करने के लिए किया जाता है। नेफ्रोप्टोसिस को “फ्लोटिंग किडनी” भी कहा जाता है, जिसमें आपके खड़े होने की अवस्था में आपके गुर्दे नीचे की तरफ चले जाते हैं। नेफ्रोप्टोसिस की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
नेफ्रोपेक्सी के दौरान सर्जन गुर्दे को पेट की अंदरूनी सतह से जोड़कर स्थिर बना देते हैं, जिससे फ्लोटिंग किडनी की समस्या ठीक हो जाती है। नेफ्रोपेक्सी सर्जरी को सिर्फ तब ही किया जाता है, जब आप में नेफ्रोप्टोसिस के लक्षण दिख रहे हों। नेफ्रोपेक्सी निर्धारित करने से पहले डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं, जैसे अल्ट्रासाउंड और डॉप्लर स्कैन आदि। इन परीक्षणात्मक टेस्टों की मदद से यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपको नेफ्रोप्टोसिस है या नहीं। सर्जरी से कुछ घंटे पहले आपको कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है, ताकि सर्जरी के दौरान आप खाली पेट रहें।
नेफ्रोपेक्सी को जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको दर्द का पता नहीं चलता है। सर्जरी होने के बाद कई बार डॉक्टर आपको थोड़े-थोड़े अंतराल में बुला सकते हैं, जैसे सर्जरी के 10 दिन बाद फिर एक, तीन और छह महीने बाद। कुछ मामलों में आपको एक साल बाद भी बुलाया जा सकता है, ताकि आपके गुर्दे के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता का पता लगाया जा सके।
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