यौन संबंध बनाने की इच्छा व उसके लिए तैयार होने की अवस्था को कामोत्तेजना या कामेच्छा कहते हैं। पुरुषों की तरह महिलाओं में भी कामोत्तेजना के संकेत नजर आ सकते हैं। अगर सिर्फ महिला के कामोत्तेजना की बात करें, तो उनके स्तनों के आकार में बदलाव और वजाइना में गीलापन होना इसके लक्षण होते हैं. वहीं, महिला कामोत्तेजना के विभिन्न चरण भी होते हैं। आज इस लेख में हम महिला कामोत्तेजना के संकेत, चरण और इसे बढ़ाने के बारे में विस्तार से जानेंगे -
और पढ़ें - (महिलाओं में कामेच्छा की कमी के कारण और लक्षण)
- एक महिला की कामेच्छा क्या होती है?
- स्त्रियों में कामोत्तेजना के क्या लक्षण हैं?
- महिला कामोत्तेजना के चरण क्या हैं?
- रोज़मेरी बैसन का महिला यौन इच्छा का मॉडल
- महिलाओं में कामेच्छा के लिए की गई स्टडी
- औरतों को संतुष्ट होने में कितना समय लगता है?
- महिलाओं में कामेच्छा की कमी के क्या कारण हैं?
- महिलाओं को उत्तेजित करने के लिए क्या खाना चाहिए?
- स्त्री की कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए कौन सी दवा है?
- सबसे अच्छी महिला वियाग्रा गोली कौन सी है?
- महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की पतंजलि दवा
- महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की एलोपैथिक दवा
- महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
- महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा
- औरतों में कामेच्छा कैसे बढ़ाएं?
- महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के उपाय
- सारांश
एक महिला की कामेच्छा क्या होती है?
सेक्स के लिए इच्छा पैदा होने की अवस्था को कामेच्छा कहा जाता है। वहीं, जब कोई महिला यौन रूप से उत्तेजित या रोमांचित होती है, तो उसमें भावनात्मक व शारीरिक रूप से कई बदलाव होते हैं। महिला के नर्व्स, ब्लड-वेसल्स, ब्रेन और हार्मोन तेजी से काम करने लगते हैं। उनके विचारों और भावनाओं में बदलाव के साथ ही वजाइना में भी अलग तरह से बदलाव होते हैं । इस अवस्था को कामोत्तेजना कहा गया है.
(और पढ़ें - कामेच्छा की कमी का इलाज)
स्त्रियों में कामोत्तेजना के क्या लक्षण हैं?
महिला के सेक्सुअली उत्तेजित होने पर व शारीरिक संबंध बनाने पर कई तरह के बदलाव नजर आते हैं. ये लक्षण निम्न प्रकार से हो सकते हैं -
- महिला के पल्स व हार्ट रेट बढ़ जाती है और ब्लड-प्रेशर भी थोड़ा तेज हो जाता है.।
- ब्रेस्ट का साइज थोड़ा बढ़ सकता है।
- जेनिटल्स को लुब्रिकेट करने में मदद करने के लिए वजाइना में गीलापन आ जाता है.
- ब्लड फ्लो अधिक होने के कारण योनि के कुछ हिस्से, जैसे लेबिया यानी वजाइना लिप्स व क्लाइटोरिस में हल्की-सी सूजन आ सकती है.
- वजाइनल कैनाल थोड़ी फैल सकती है.
- निप्पल सीधे व सख्त हो सकते हैं.
लो परफॉर्मेंस को हो बढ़ाना, तो एक्स्ट्रा टाइम स्प्रे को जरूर यूज करें और खरीदने के लिए ब्लू लिंक पर जाएं.
महिला कामोत्तेजना के चरण क्या हैं?
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने कामोत्तेजना को 4 चरणों में बांटा है. सेक्स से पहले, सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद शरीर इन 4 चरणों से होकर गुजरता है. आइए, महिला कामोत्तेजना के चारों स्टेज के बारे में विस्तार से जानते हैं -
एक्साइटमेंट - इस स्टेज में महिला के शरीर में कई शारीरिक परिवर्तन होते हैं. इस स्तर में योनि को सेक्स के लिए तैयार होने में मदद मिलती हैं. उदाहरण के लिए, योनि का सूखापन खत्म हो जाता है, क्योंकि ग्लैंड्स में लुब्रिकेटिंग फ्लूड का निर्माण होता है. जैसे-जैसे महिला के ब्लड वेसल्स फैलते हैं, वैसे-वैसे योनि में हल्की सूजन आती है. इतना ही नहीं, निप्पल भी छूने से सेंसिटिव हो सकते हैं.
पुरुषों के लिए बनी पावर कैप्सूल देती है एनर्जी और बढ़ाती है स्टेमिना, तो अभी क्लिक करें और खरीदें.
प्लैटो - ऑर्गेज्म से पहले के स्टेज को प्लैटो यानि यौन उत्थान स्टेज के रूप में जाना जाता है. इस दौरान महिला की उत्तेजना धीरे-धीरे बढ़ने लगती है. इस स्टेज में वजाइना टाइट हो सकती है व अधिक लुब्रिकेशन का निर्माण हो सकता है.
(और पढ़ें - यौन स्वास्थ्य और सेक्स एजुकेशन)
ऑर्गेज्म - अक्सर ऑर्गेज्म को सेक्स की अंतिम स्टेज के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह होना जरूरी नहीं है. ऑर्गेज्म तक पहुंचे बिना आनंददायक सेक्स करना पूरी तरह से संभव है. ऑर्गेज्म के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है, खासतौर से पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक एरिया में. इस स्टेज पर महिला की योनि टाइट व सेक्स के लिए अधिक लुब्रिकेट हो सकती है. यह चरण उत्साह और आनंद की भावना से जुड़ा है.
(और पढ़ें - यौन संबंध में सहमति)
सेक्स स्टेबिलिटी - ऑर्गेज्म के बाद महिला की मांसपेशियां रिलैक्स मोड में आ जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी पूरी तरह से सामान्य हो जाता है. इस समय जब महिला क्लाइटोरिस को टच करती है, तो उसे सेंसिटिव या हल्का दर्द महसूस हो सकता है. एक बार इस चरण पर पहुंचने के बाद महिला का फिर से ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है.
रोज़मेरी बैसन का महिला यौन इच्छा का मॉडल
डॉ. रोज़मेरी बैसन ने महिलाओं की यौन इच्छा को समझने के लिए एक नया मॉडल दिया है, जो खासतौर पर लंबे समय तक चलने वाले रिश्तों में महिलाओं की भावनाओं और इच्छाओं को अच्छे से समझाता है। बैसन का कहना है कि जब कोई रिश्ता नया-नया होता है, यानी हनीमून पीरियड में, तब महिलाओं की सेक्स की इच्छा रोमांटिक प्यार और मोह की वजह से बहुत तेज होती है। उस समय महिला अपने पार्टनर के करीब रहना चाहती है, उसकी तरफ आकर्षित होती है और यही भावना उसे यौन रूप से उत्तेजित भी करती है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, ज़िम्मेदारियाँ, काम का तनाव, थकान और दिनचर्या का बोझ महिलाओं की यौन इच्छा को धीमा कर देता है।
बैसन के मॉडल में बताया गया है कि अक्सर महिलाएँ किसी खास यौन इच्छा के साथ सेक्स शुरू नहीं करतीं। वह शुरुआत में ‘तटस्थ’ यानी सेक्स को लेकर ना बहुत उत्साहित होती हैं, ना नेगेटिव होती हैं। लेकिन जब उनका साथी उन्हें चाहने लगता है, प्यार से छूता है, भावनात्मक जुड़ाव दिखाता है और सुकून देता है तो महिला यह महसूस करने लगती है कि सेक्स से उसे मानसिक सुकून, भावनात्मक अपनापन, और प्यार का एहसास मिलेगा। इसी सोच से वह सेक्स में रुचि लेना शुरू करती है। फिर जब वह स्पर्श, किस और धीरे-धीरे बढ़ती उत्तेजना को महसूस करती है, तो उनकी यौन इच्छा जाग जाती है और आनंद महसूस करती है।
महिलाओं की सेक्स की इच्छा पुरुषों की तरह जैविक ज़रूरत (जैसे तनाव निकालने) जैसी नहीं होती । महिलाएँ सेक्स को केवल शरीर का सुख नहीं मानतीं, बल्कि उन्हें लगता है कि इससे प्यार, अपनापन, मानसिक राहत और संबंधों में गहराई मिलती है। यानी महिलाओं की यौन प्रेरणा सिर्फ शारीरिक नहीं होती, बल्कि मानसिक और भावनात्मक होती है। यही कारण है कि महिलाएँ सेक्स की शुरुआत अक्सर तब करती हैं जब उन्हें भावनात्मक रूप से जुड़ाव और सुकून महसूस होता है।
सच तो यह है कि महिलाओं की यौन इच्छा कोई सीधी, तेज़ और स्वाभाविक घटना नहीं होती , जैसे पुरुषों में होती है। महिलाएँ अक्सर यौन रूप से तभी खुलती हैं जब उन्हें प्यार, देखभाल और आत्मीयता का माहौल मिलता है। बहुत से पुरुष यह नहीं समझते कि हर बार सेक्स में महिला का ऑर्गैज़्म आना जरूरी नहीं है — वह बिना चरम सुख के भी संतुष्ट हो सकती है, क्योंकि उसके लिए सेक्स का मतलब है जुड़ाव, साथ रहना और भावनात्मक निकटता।
और पढ़ें - (महिला कामोत्तेजना क्या है, लक्षण, चरण व कैसे बढ़ाएं)
महिलाओं में कामेच्छा के लिए की गई स्टडी
एक अन्य स्टडी "Increasing women’s sexual desire: The comparative effectiveness of estrogens and androgens" में एस्ट्रोजेन (विशेष रूप से एस्ट्राडियोल) और एंड्रोजन (विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन) की महिलाओं की यौन इच्छा पर प्रभावशीलता की तुलना की गई है, विशेष रूप से रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद की महिलाओं में। जिसमें ये कहा गया कि पर्याप्त स्तरों पर एस्ट्राडियोल (जैसे कि मासिक धर्म चक्र के मध्य में पाए जाने वाले स्तर) रजोनिवृत्त महिलाओं में यौन इच्छा को बढ़ाने में प्रभावी पाया गया है। इसके अलावा एस्ट्रोजेन थेरेपी योनि की सेहत में सुधार करती है, जिससे यौन क्रिया के दौरान असुविधा कम होती है और यौन इच्छा में वृद्धि होती है।
सामान्य (physiological) स्तरों पर टेस्टोस्टेरोन महिलाओं की यौन इच्छा बढ़ाता है और उच्च (supraphysiological) स्तरों पर टेस्टोस्टेरोन, विशेष रूप से एस्ट्रोजेन थेरेपी के साथ मिलकर, यौन इच्छा में वृद्धि कर सकता है। लेकिन इस स्टडी के अनुसार - टेस्टोस्टेरोन थेरेपी महिलाओं में यौन इच्छा बढ़ाने के लिए अकेला उपाय नहीं है , इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
इसके बजाय एस्ट्रोजेन थेरेपी यौन इच्छा में वृद्धि के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकती है।
(और पढ़ें - डेंटल डैम के फायदे)
क्या महिलाओं की सेक्स करने की इच्छा ज्यादा होती है?
महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा यानी कामेच्छा (sexual desire) बहुत अलग प्रोसेस है। शारीरिक हार्मोनल गतिविधियों के साथ-साथ भावनात्मक और मानसिक पहलू भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महिलाओं में भी सेक्स की प्राकृतिक इच्छा होती है, और कुछ विशेष अवस्थाओं में जैसे ओव्युलेशन के समय यह पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हो सकती है। लेकिन , सामाजिक दबाव, पारिवारिक संस्कार, शर्म के चलते महिलाएँ अक्सर अपनी यौन इच्छाओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पातीं। इसके विपरीत, जब महिलाएँ एक सुरक्षित, भावनात्मक रूप से जुड़ा और सम्मानपूर्ण रिश्ता महसूस करती हैं, तो उनकी यौन इच्छा बहुत ज्यादा और स्थायी हो सकती है।
औरतों को संतुष्ट होने में कितना समय लगता है?
महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह संतुष्ट होने में औसतन 20 मिनट तक का समय लग सकता है, लेकिन यह समय हर महिला में अलग-अलग होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को orgasm तक पहुँचना थोड़ा कठिन होता है । इसमें उनके मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक पहलुओं का बहुत योगदान होता है। यदि माहौल रोमांटिक, तनावमुक्त और प्यारभरा हो, तो महिलाओं को संतुष्ट होने में कम समय लगता है। लेकिन यदि कोई चिंता, शर्म या असहजता हो, तो यह प्रोसेस लंबी हो सकती है। इसलिए पुरुषों को भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए ।
महिलाओं में कामेच्छा की कमी के क्या कारण हैं?
महिलाओं में कामेच्छा (libido) कम होने के कई शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कारण होते हैं। हार्मोनल असंतुलन जैसे एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होना , थायरॉइड होना , डिप्रेशन , चिंता, दवाइयों का साइड इफेक्ट (जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स या बीपी की दवाइयाँ), प्रसव के बाद की थकान, रजोनिवृत्ति (menopause) के समय हार्मोन चेंज होना या वैवाहिक जीवन में तनाव इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा सामाजिक दबाव, आत्मसम्मान की कमी, यौन अनुभवों से जुड़े बुरे अनुभव, शरीर को लेकर असुरक्षा की भावना भी कामेच्छा को प्रभावित कर सकते हैं। महिलाओं में कामेच्छा सिर्फ शारीरिक स्थिति नहीं है, यह उनके पूरे अस्तित्व और जीवन शैली से जुड़ा होता है।
और पढ़ें - (कामेच्छा बढ़ाने के लिए आहार और घरेलू उपाय - myUpchar)
महिलाओं को उत्तेजित करने के लिए क्या खाना चाहिए?
कुछ खाद्य पदार्थ प्राकृतिक रूप से महिलाओं की कामेच्छा बढ़ाने में मदद करते हैं। डार्क चॉकलेट, एवोकाडो, अनार, स्ट्रॉबेरी, नट्स (बादाम, अखरोट), अंजीर, सी फूड , हल्दी, केसर और अदरक जैसी चीज़ें महिलाओं में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती हैं और यौन इच्छा को उत्तेजित करती हैं। इसके अलावा, आयरन और जिंक युक्त भोजन जैसे पालक और कद्दू के बीज हार्मोन बैलेंस में मदद करते हैं। नियमित रूप से हेल्दी डाइट लेना, हाइड्रेटेड रहना और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर भोजन करना भी सेक्शुअल हेल्थ को बेहतर बनाता है। सही भोजन , महिलाओं के मूड, हार्मोन और हाई एनर्जी होने से कामेच्छा में बढ़ावा होता है।
स्त्री की कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए कौन सी दवा है?
आज मेडिकल साइंस में ऐसी कुछ दवाइयाँ मौजूद हैं जो महिलाओं की यौन इच्छा (कामेच्छा) को बढ़ाने में मदद करती हैं। इनमें खासतौर पर दो दवाइयों का नाम लिया जाता है — फ्लिबानसेरिन (Flibanserin) और ब्रेमेलानोटाइड (Bremelanotide)। फ्लिबानसेरिन एक ऐसी दवा है जो हार्मोन पर नहीं बल्कि दिमाग पर असर डालती है। यह महिलाओं में उस समस्या के इलाज के लिए बनाई गई है जब उनकी सेक्स करने की इच्छा बहुत कम हो जाती है (जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिज़ायर डिसऑर्डर यानी HSDD कहा जाता है)। यह दवा दिमाग के रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर) पर काम करती है और धीरे-धीरे यौन इच्छा को बढ़ाती है। ब्रेमेलानोटाइड दूसरी दवा है जो इंजेक्शन के ज़रिए दी जाती है। यह दवा भी महिलाओं में यौन उत्तेजना को बढ़ाने में मदद करती है, यानी महिला को सेक्स के प्रति रुचि और आनंद महसूस कराने में सहायक होती है।
लेकिन ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इन दवाओं का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनके कुछ दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) भी हो सकते हैं, जैसे चक्कर आना, मिचली आना, थकान महसूस होना आदि। इसलिए इन दवाओं का उपयोग हमेशा विशेषज्ञ की देखरेख में और सही सलाह के साथ ही करना चाहिए।
सबसे अच्छी महिला वियाग्रा गोली कौन सी है?
महिलाओं के लिए वियाग्रा जैसा काम करने वाली सबसे प्रसिद्ध दवा का नाम 'Lovegra' है। इसमें सिल्डेनाफिल (Sildenafil) नामक दवा होती है, जो शरीर में खून के बहाव को बढ़ाती है और यौन उत्तेजना (सेक्स में रुचि और आनंद) को बेहतर बनाती है।
इसके अलावा एक और दवा है जिसका नाम 'Addyi' (Flibanserin) है। यह दवा अमेरिका की FDA संस्था से महिलाओं में कम यौन इच्छा (कामेच्छा) के इलाज के लिए मंजूर की गई है। Addyi को रोज़ रात को सोने से पहले लिया जाता है और इसका असर धीरे-धीरे समय के साथ दिखाई देता है।
वहीं, Lovegra दवा को खाने के थोड़ी देर बाद असर महसूस होने लगता है, यानी यह जल्दी काम करती है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि महिलाओं और पुरुषों के शरीर और यौन प्रतिक्रिया में फर्क होता है। इसलिए महिलाओं पर वियाग्रा जैसी दवाओं का असर पुरुषों जैसा तेज और सीधा नहीं होता। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ताकि दवा आपके शरीर के लिए सुरक्षित और सही हो।
और पढ़ें - (स्त्री को जोश कब आता है?)
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की पतंजलि दवा
पतंजलि आयुर्वेद में महिलाओं की यौन इच्छा (कामेच्छा) बढ़ाने के लिए कुछ खास औषधियाँ दी जाती हैं। इनमें अश्वगंधा चूर्ण, शतावरी चूर्ण, सुवर्ण प्राश और दिव्य स्त्री रसायन वटी का प्रमुख स्थान है।
अश्वगंधा और शतावरी दोनों ही प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ हैं, जो शरीर के हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती हैं। ये तनाव को कम करती हैं, शरीर को ऊर्जा देती हैं और यौन इच्छा को धीरे-धीरे बढ़ाती हैं।
दिव्य स्त्री रसायन वटी में कई तरह की जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है, जो महिलाओं के प्रजनन तंत्र और संपूर्ण शक्ति को बेहतर बनाता है।
अगर इन औषधियों का सही मात्रा में और नियमित रूप से सेवन किया जाए, तो महिलाओं की सेक्स करने की इच्छा और शरीर में ऊर्जा दोनों में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है।
लेकिन याद रहे, किसी भी आयुर्वेदिक दवा को बिना वैद्य या अच्छे आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह लिए शुरू करना सही नहीं है। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए दवा और मात्रा भी उसी हिसाब से तय होनी चाहिए।
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की एलोपैथिक दवा
एलोपैथी में महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के लिए प्रमुख दवाओं में 'Flibanserin' (ब्रांड नेम Addyi) और 'Bremelanotide' (ब्रांड नेम Vyleesi) हैं। इसके अलावा कुछ हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी (HRT) भी दी जाती हैं खासकर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में, जिनसे यौन इच्छा में सुधार हो सकता है। एंटीडिप्रेसेंट्स के साथ लेना भी काम इच्छा बढ़ा सकता है। एलोपैथिक दवाइयों का फायदा यह है कि ये सटीक और जल्दी असर करती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे चक्कर आना, मतली, रक्तचाप में बदलाव आदि। इसलिए सही निदान के बाद ही दवा का चुनाव होना चाहिए।
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
बीज', 'विदारीकंद', 'केसर', और 'मूसली' जैसी औषधियों का उपयोग किया जाता है। ये जड़ी-बूटियाँ शरीर में वात-पित्त-कफ संतुलन बनाकर हार्मोनल स्तर को ठीक करती हैं और यौन शक्ति को बढ़ाती हैं। 'शिवलिंगी बीज' और 'जीवनीये गण' भी महिलाओं के प्रजनन तंत्र को मज़बूत करने में उपयोगी हैं। आयुर्वेद का एक मूल सिद्धांत है कि कामेच्छा केवल यौन ऊर्जा नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य का परिणाम है। इसलिए सही आहार, दिनचर्या, योग, और ध्यान के साथ इन औषधियों का सेवन करना सबसे अच्छा रहता है।
और पढ़ें - (महिलाओं में सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए आहार )
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा
होम्योपैथी में भी महिलाओं की कामेच्छा बढ़ाने के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं। 'Sepia', 'Agnus Castus', 'Lycopodium', 'Pulsatilla', और 'Natrum Muriaticum' जैसी दवाइयाँ आमतौर पर दी जाती हैं, जो शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक कारणों से कम हुई कामेच्छा को भी ठीक करती हैं। होम्योपैथी शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित करने में मदद करती है और बिना भारी साइड इफेक्ट के धीरे-धीरे स्थायी सुधार करती है। सही दवा का चुनाव व्यक्ति की मानसिक अवस्था, शारीरिक लक्षण और जीवनशैली के अनुसार होता है, इसलिए अनुभवी होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।
(और पढ़ें - यौन शक्ति कम होने का इलाज)
औरतों में कामेच्छा कैसे बढ़ाएं?
यौन उत्तेजना बढ़ाने के लिए फोरप्ले करना फायदेमंद हो सकता है. इसके बारे में नीचे बिंदुवार समझाया गया है -
- महिला पार्टनर के साथ सेक्स से पहले प्यार भरी बातें करने से यौन इच्छा में वृद्धि होती है.
- महिला को अपनी बांहों में भरकर उससे प्यार जताया जा सकता है.
- महिला पार्टनर के होंठ, गाल व गर्दन पर किस किया जा सकता है.
- महिला के निप्पल्स को टच करना भी फोरप्ले का हिस्सा माना गया है.
- महिला के संवदेनशील अंगों को प्यार से टच करना भी सही विकल्प होता है.
(और पढ़ें - सेक्स लाइफ मजेदार बनाने के उपाय)
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के उपाय
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के लिए सबसे पहले मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। योग, मेडिटेशन, नियमित व्यायाम तनाव को कम करते हैं और यौन इच्छा को बढ़ाते हैं। साथी के साथ अच्छा संवाद और रोमांस की भावना बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। हफ्ते में 3-4 बार हल्की एक्सरसाइज़, भरपूर नींद, और पौष्टिक आहार कामेच्छा को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं। फोरप्ले पर ध्यान देना, सेक्सुअल फैंटेसी को अपनाना और समय निकालकर एक-दूसरे के साथ भावनात्मक संबंध को गहरा करना भी असरदार उपाय हैं। यदि आवश्यक लगे तो डॉक्टर या काउंसलर की मदद भी आप ले सकते हैं।
सारांश
कामोत्तेजना शरीर में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को बताता है। ये तब होता है, जब कोई महिला सेक्सुअली एक्टिव महसूस करती है। पुरुषों में यौन उत्तेजना के लक्षण साफ दिखते हैं, ठीक उसी प्रकार से महिलाओं में यौन उत्तेजना के लक्षण दिख सकते हैं। महिलाओं में कोमोत्तेजना के लक्षण के रूप में प्राइवेट पार्ट्स में ब्लड का फ्लो का बढ़ना, ब्रेस्ट हार्ड होना और वजाइना में गीलेपन का एहसास होने लगता है। महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए सबसे पहले, भावनात्मक जुड़ाव और आपसी समझ को मजबूत करना ज़रूरी है क्योंकि महिलाएँ तब ही यौन रूप से खुलती हैं जब वे भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करती हैं। इसके अलावा, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और अच्छी नींद से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और हार्मोन संतुलित रहते हैं, जिससे कामेच्छा में सुधार होता है।
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के उपाय के डॉक्टर

Dr. Hakeem Basit khan
सेक्सोलोजी
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Zeeshan Khan
सेक्सोलोजी
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Nizamuddin
सेक्सोलोजी
5 वर्षों का अनुभव
