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संतान सुख हर दंपति के लिए एक सपने जैसा होता है, लेकिन इन दिनों भारत में निःसंतान दंपतियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका मुख्य कारण महिला के शरीर में हार्मोन संबंधी समस्या होना, पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी, महिला के अंडों या पुरुष के स्पर्म की खराब गुणवत्ता, महिला के गर्भाशय में रसौली की समस्या, दोनों की खराब दिनचर्या, मोटापा, ज्यादा उम्र का होना है। ऐसे में हर पति पत्नी बच्चे को पाने के सपने को सफल करने का हर संभव प्रयास करते हैं जिसमें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ आशा की किरण लेकर आता है।

(और पढ़ें- प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं)

आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें प्रयोगशाला में पुरूष के शुक्राणु और महिला के अंडाणु को मिलकर भ्रूण तैयार किया जाता है और फिर उस भ्रूण को कृत्रिम तरीके से जरूरतमंद महिला के गर्भाशय में डाला जाता है, ताकि वह गर्भधारण कर सके। इस प्रक्रिया के कई चरण होते हैं-

  • पहला: मासिक धर्म को रोकना
  • दूसरा: अंडे की आपूर्ति को बढ़ाना 
  • तीसरा: अंडों को निकालना
  • चौथा: अंडे और शुक्राणु को मिलाकर भ्रूण बनाना
  • पांचवां: भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर करना

आईवीएफ उपचार लेने वाली लगभग सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि वे पहले आईवीएफ चक्र में ही गर्भवती हो जाएं। चूंकि सही तरीके से ध्यान न रखने के कारण कई बार आईवीएफ असफल भी हो जाता है इसलिए दवा, इंजेक्शन और मेडिकल उपचार के साथ-साथ इस दौरान डाइट का भी काफी ध्यान रखने की जरूरत होती है। आईवीएफ की प्रक्रिया से गुजरने के दौरान आपको अपनी डाइट में किन-किन चीजों को शामिल करना चाहिए और वे कौन सी चीजें हैं जिनका सेवन आपको बिलकुल नहीं करना चाहिए, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

(और पढ़ें- प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)

  1. आईवीएफ के दौरान महिला को क्या खाना चाहिए - Diet during IVF for women in Hindi
  2. पुरुषों के लिए आईवीएफ डाइट - IVF diet for Male in Hindi
  3. आईवीएफ के दौरान क्या ना खाएं, परहेज - What not to eat during IVF in Hindi
  4. सारांश
आईवीएफ में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और परहेज के डॉक्टर

आईवीएफ के दौरान महिला को आहार में कुछ बदलाव करने से लाभ हो सकता है। यहाँ बताई गई डाइट से न सिर्फ आईवीएफ के सफल होने की सम्भावना बढ़ेगी, बल्कि आप प्रेगनेंसी के लिए भी बेहतर तैयार होंगी। इस डाइट के तहत आपको कुछ पोषक तत्वों को अपनी डाइट में शामिल करना होगा, जैसे जिंक। आइए इस डाइट के बारे में सब कुछ जानते हैं। 

आईवीएफ में जिंक खाने के फायदे - Add Zinc rich food to improve Hormones in Hindi

आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान हार्मोन्स का काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है और जिंक से भरपूर भोजन आपके हार्मोन्स को संतुलित रखने में मदद करते हैं जिससे आपके शरीर में प्रजनन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो पाती है। लिहाजा अपने रोजाना के आहार में ऐसी चीजों का सेवन करना जरूरी है जिसमें जिंक की अच्छी खासी मात्रा हो। इसके लिए आप मोटे अनाज, सूखा मेवा (बादाम, अखरोट, सूरजमुखी के बीज आदि), दूध और दूध से बनी चीजें, आलू आदि का नियमित रूप से सेवन करें। 

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आईवीएफ में फॉलिक एसिड खाने के फायदे - IVF diet to improve Egg quality in Hindi

अगर आप काफी समय से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं और सफल नहीं रहीं और अभी तक फोलिक एसिड युक्त आहार नहीं लिया, तो आईवीएफ के दौरान ये गलती ना करें। फोलिक एसिड से भरपूर आहार का सेवन करें। फोलिक एसिड गर्भ ठहरने सम्बन्धी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है और साथ ही अंडे की क्वॉलिटी को भी ठीक करता है। इसी कारण से डॉक्टर प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही फोलिक एसिड की दवाएं देना शुरू कर देते हैं। आप इन दवाओं के साथ साथ अपने रोज के आहार में भी फोलिक एसिड से भरपूर चीजों का सेवन करें जिससे शरीर में इसका पूरा अवशोषण हो सके। अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, चौलाई आदि अच्छी मात्रा में शामिल करें, इनके अलावा अंकुरित मूंग और अंडे को नियमित रूप से खाएं।

(और पढ़ें- गर्भावस्था में फोलिक एसिड)

महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

आईवीएफ में प्रोटीन खाने के फायदे - Add Protein rich food for IVF diet in Hindi

जैसा की आप जानते ही होंगे कि प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों के लिए बेहतरीन माना जाता है, साथ ही साथ यह प्रजनन क्षमता (रिप्रोडक्टिव पावर) और हार्मोन्स के लिए भी काफी मददगार साबित होता है, जिसकी आवश्यकता, आईवीएफ प्रकिया के दौरान बहुत ज्यादा होती है। अपनी कार्यक्षमता के अनुसार हमें प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। इस अवस्था में 1-1.5 ग्राम के बीच (कार्य क्षमता के अनुसार) शरीर के प्रति किलोग्राम वजन के अनुपात में प्रोटीन का सेवन करें। इसके लिए अपनी डाइट में दालें, फलियां, दूध, दही, पनीर, अंडा (अच्छे से पका हुआ), चिकन आदि का सेवन करें । 

(और पढ़ें- प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार)

आईवीएफ डाइट में मौसमी फल एवं सब्जियों खाने के फायदे - Add Seasonal Fruits and Vegetables in Hindi

मौसमी फल एवं सब्जियों में अच्छी मात्रा में विटामिन, मिनरल एवं एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में मदद करते हैं । इसके लिए फलों में सेब, संतरा, मौसंबी, नाशपाती, खरबूजा, तरबूज, आड़ू, आलूबुखारा एवं सब्जियों में आलू, गाजर, मटर, बैंगन, शिमला मिर्च, लौकी, तुरई, पालक, मेथी, चौलाई आदि का अच्छी मात्रा में सेवन करें। लेकिन ध्यान रखें कि यह फल एवं सब्जियां कीटनाशक या केमिकल के छिड़काव वाली ना हों। इसके लिए इन्हें बाजार से लाने के बाद 15-20 मिनट नमक के पानी भीगो कर रखें, उसके बाद सादे पानी से धोकर ही रखें या इस्तेमाल करें। संभव हो तो ऑर्गैनिक फल एवं सब्जियों का सेवन करें।

आईवीएफ की प्रक्रिया से पूर्व पुरुष की स्पर्म की क्वॉलिटी और क्वॉन्टिटी उत्तम होनी चाहिए जिससे आईवीएफ की प्रक्रिया सफल हो सके। इसके लिए इस प्रक्रिया से लगभग 6 महीने पहले से अपनी नियमित डाइट में कुछ चीजें अवश्य लें जैसे लहसुन, अखरोट, केला, टमाटर, फैटी मछलियां, कॉड लिवर ऑयल आदि। इसके साथ ही स्मोकिंग और शराब के सेवन पर तुरंत पाबन्दी लगा दें क्योंकि यह आपके स्पर्म पर नकारात्मक असर डालता है।

(और पढ़ें- शुक्राणु बढ़ाने के घरेलू उपाय)

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यदि आप अपने आईवीएफ को सफल बनाना चाहते हैं तो डाइट के साथ साथ आईवीएफ के दौरान कुछ चीजों को आपको बिलकुल नहीं करना या खाना चाहिए:

  • इस दौरान बहुत अधिक कैफीन वाली चीजों के सेवन से बचना चाहिए जैसे की चाय, कॉफ़ी, गहरे रंग की कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक्स आदि।  (और पढ़ें- प्रेगनेंसी में कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए या नहीं)
  • सीफूड से भी परहेज करें। इनमें मौजूद मरकरी भ्रूण के विकास में खतरे का काम करता है। 
  • आर्टिफिशियल स्वीटनर आईवीएफ की सफलता की दर को काफी कम कर देता है, साथ ही कुछ महिलाओं में यह गर्भपात का भी कारण बनता है, इसलिए इसका बिलकुल भी प्रयोग ना करें। 
  • कच्चे अंडे और आधे पके हुए अंडे या कच्चे मांस से कई प्रकार के इंफेक्शन के आसार बढ़ जाते हैं, जिससे आईवीएफ के सफल होने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए इनका सेवन अच्छे से पकाने के बाद ही करें।
  • जंक फूड और प्रिजर्वेटिव वाले भोजन से हार्मोन असंतुलन और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है इसलिए इससे परहेज करें।
  • आईवीएफ के दौरान गर्भपात का खतरा होता है और नशीले पदार्थ इस खतरे को और बढ़ा देते हैं इसलिए इस दौरान नशीली चीजें जैसे शराब आदि के प्रयोग से बचें। 
  • जो महिलायें धूम्रपान करती हैं, उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी होती है। यह बात आईवीएफ प्रणाली में भी जुड़ी महिला के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है। इस समय धूम्रपान बिलकुल भी ना करें।
  • गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन नहीं करना है क्योंकि यह गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न कर सकती है। (और पढ़ें- प्रेगनेंसी में जरूरी हैं ये सुपरफूड्स)
  • आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की सेक्शुअल गतिविधियों को न करें क्योंकि ऐसा करने से महिला के अंडाशय पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
  • इस अवधि में आप किसी भी भारी वस्तु को न उठाएं इसके लिए आप अन्य लोगों की सहायता ले सकते हैं।
  • आईवीएफ में जल्दी से सुधार करने के लिए आप व्यायाम कर सकती हैं, लेकिन आपको भारी व्यायाम करने से बचना चाहिए।

आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) उपचार के दौरान सही आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपचार की सफलता और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर सकता है। इस समय, संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन शामिल हों। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, अत्यधिक चीनी और कैफीन से बचना चाहिए। फोलिक एसिड, विटामिन डी, और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाना फायदेमंद हो सकता है। बहुत सारा पानी पीना भी बहुत जरूरी है साथ ही, शराब और धूम्रपान से भी बचना चाहिए।

Dr. Dhanamjaya D

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