नोट - टीबी का इलाज करने के लिए आप अपने डॉक्टर से सही निदान और इलाज के लिए बात करें। ट्यूबरक्लोसिस का इलाज अगर बीच में छोड़ दिया जाता है तो ये और घातक हो सकता है, इससे संक्रमित अंगों के उत्तक कम हो सकते हैं। यहाँ बताये गए घरेलू उपाय को डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं, बल्कि सहयोगी उपाय मानें।
ट्यूबरक्लोसिस को टीबी भी कहा जाता है, और "माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस" नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। हालांकि ये मूल रूप से एक श्वसन संक्रमण इस स्थिति के साथ साथ ट्यूबरक्लोसिस शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित और प्रभावित करता जाता है। ये संक्रमण धीरे धीरे लसिका ग्रंथि (lymph nodes) और खून के ज़रिये फैलता जाता हैं।
ये संक्रमण ज़्यादातर एक व्यक्ति के ज़रिये नहीं फैलता लेकिन बार बार लम्बे समय तक बैक्टीरिया के सम्पर्क में आने से आपका जोखिम बढ़ सकता है। अन्य कारक जैसे कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता और अनुचित आहार इस स्थिति में दिखने लगते हैं।
तपेदिक के लक्षण जैसे आमतौर पर थकान महसूस होना, जल्दी जल्दी खांसी आना (शुरुआती चरणों में बलगम के साथ खून आना), अस्वाभाविक सांस या सांस लेने में तकलीफ, वज़न कम होना, रात में पसीने आना, बुखार, और छाती, किडनी और कमर के आसपास दर्द होना।
तो आइये आपको बताते हैं टीबी के कुछ घरेलू उपाय –
- क्षय रोग के उपाय में लहसुन का करें इस्तेमाल - TB ka upay hai garlic in Hindi
- टीबी से राहत पाने का उपाय है केला - TB ka desi upay hai banana in Hindi
- टीबी का घरेलू उपाय है मोरिंगा (सहजन) की पत्तियां - TB se bachne ka upay hai drumstick leaves in Hindi
- टीबी का उपाय है आंवला - Chay rog se chutkara dilata hai amla in Hindi
- टीबी के जीवाणु को मारने के लिए करें संतरे का उपयोग - Tuberculosis ka gharelu upay hai oranges in Hindi
- क्षय रोग से बचने के उपाय में करें सीताफल का उपयोग - TB se bache custard apple ka upyog kar ke in Hindi
- काली मिर्च से ट्यूबरक्लोसिस के लिए नेचुरल उपाय - TB se bachne ka tarika hai black pepper in Hindi
- टीबी रोग से छुटकारा पाने का तरीका है अखरोट - TB se chutkara dilata hai walnuts in Hindi
- तपेदिक से बचाता है पुदीना - TB rog ke gharelu nuskhe me kare mint ka upuog in Hindi
- क्षय रोग का घरेलू नुस्खा है ग्रीन टी - TB ke gharelu upay me karen green rea ka upyog in Hindi
क्षय रोग के उपाय में लहसुन का करें इस्तेमाल - TB ka upay hai garlic in Hindi
लहसुन सल्फरिक एसिड से समृद्ध होता है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है, जिनके कारण टीबी रोग पनपता है। इसमें एलिसिन (allicin) और अजोएन (ajoene) भी होते हैं, जो की बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इसके साथ ही इसके एंटीबैक्टीरियल गुण और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रभाव टीबी के मरीज के लिए बेहद फायदेमंद हैं। लहसुन को आप खाने में डालकर या कच्चा भी खा सकते हैं।
(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपाय)
लहसुन का इस्तेमाल तिल तरीकों से करें -
पहला तरीका -
- सबसे पहले एक या आधा चम्मच कूटा हुआ लहसुन को एक कप दूध में मिला दें और फिर चार कप पानी को भी उसमे डाल दें।
- इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक उसकी मात्रा एक चौथाई न हो जाए। एक चौथाई मात्रा होने के बाद इस मिश्रण को पी लें।
- इस मिश्रण को पूरे दिन में तीन बार ज़रूर पियें।
(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने का फायदा)
दूसरा तरीका -
- इसके अलावा दस बूँदें लहसुन के जूस की एक ग्लास गर्म दूध में मिला दें और फिर इसे रात को सोने से पहले पी जाएँ।
- इस मिश्रण को पीने के बाद पानी न पियें क्योंकि इससे मिश्रण का प्रभाव कम हो सकता है।
तीसरा तरीका -
- लहसुन की सबसे पहले दस फांके लें और अब इसे एक कप दूध में उबलने के लिए डाल दें।
- अब उबली हुए लहसुन के टुकड़ों को खा लें और फिर दूध को पी जाएँ।
- कुछ महीने के लिए इस प्रक्रिया को रोज़ाना दोहराएं।
(और पढ़ें - लहसुन के फायदे)
टीबी से राहत पाने का उपाय है केला - TB ka desi upay hai banana in Hindi
केला पोषण और कैल्शियम का बहुत ही बेहतरीन स्त्रोत है जो तपेदिक के मरीज को प्रतिरोधक क्षमता देने में मदद करता है। ये कफ और बुखार को भी कम करता है।
(और पढ़ें - बुखार में क्या खाना चाहिए)
केले का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें -
पहला तरीका -
- सबसे पहले केले को छील लें। फिर उसे मैश करके एक कप नारियल के पानी में डाल दें और इसी के साथ इसमें आधा कप दही और एक चम्मच शहद भी मिलाएं।
- अच्छे से इस मिश्रण को मिलाने के बाद इसे पी जाएँ।
- इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें।
(और पढ़ें - केले के छिलके के फायदे)
दूसरा तरीका -
- आप कच्चे केले का जूस बनाकर पूरे दिन में एक बार पी सकते हैं।
तीसरा तरीका -
- इसके अलावा आप केले के पेड़ की डंठल का भी जूस पी सकते हैं। इसके सेवन से आपको लक्षणों से आराम मिलेगा जैसे पुराना कफ, ज़्यादा कफ, रात में बुखार के साथ अधिक पसीना आना आदि।
- हर दो घंटे बाद एक या दो कप केले का जूस धीरे धीरे पीएं और तब तक पियें जब तक लक्षण चले नहीं जाते।
(और पढ़ें - केले के फायदे)
टीबी का घरेलू उपाय है मोरिंगा (सहजन) की पत्तियां - TB se bachne ka upay hai drumstick leaves in Hindi
मोरिंगा (सहजन) की पत्तियों में सूजनरोधी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो फेफड़ों से बैक्टीरिया को खत्म करते हैं जिनकी वजह से टीबी का रोग पनपता है। इसके साथ ही सूजन को भी दूर करते हैं। मोरिंगा की फली और पत्तियों में केरोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन सी के भी स्त्रोत होते हैं।
(और पढ़ें - सूजन दूर करने के उपाय)
मोरिंगा की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले मोरिंगा की पत्तियों को मुट्ठीभर एक कप पानी में कुछ मिनट के लिए उबलने को रख दें।
- अब इस मिश्रण को ठंडा होने को रख दें और फिर इसमें नमक, मिर्च और नींबू का जूस मिला दें।
- इस मिश्रण को अच्छे से मिलाने के लिए सुबह इसे खाली पेट पी जाएँ।
- इसके साथ ही रोज़ाना उबली हुई पत्तियों का सेवन करने से आपको संक्रमण से राहत मिलेगी
(और पढ़ें - सहजन के फायदे)
टीबी का उपाय है आंवला - Chay rog se chutkara dilata hai amla in Hindi
आंवला को आमला भी कहा जाता है। इसमें सूजनरोधी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। कई पोषण होने की वजह से ये शरीर को ऊर्जा देता है और क्षमता को भी बढ़ाता है जिससे शरीर के अंगों के कार्य सही तरीके से हो सके।
(और पढ़ें - आंवला का मुरब्बा खाने के फायदे)
आंवला का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले आंवला में से बीज को निकाल लें। अब जूसर में आंवले का जूस तैयार कर लें।
- फिर एक चम्मच शहद इसमें मिलाएं।
- अच्छे से मिलाने के बाद इस मिश्रण को सुबह खाली पेट पियें।
- कच्चा आंवले के पाउडर का भी इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
( पढ़ें - आंवला के गुण)
टीबी के जीवाणु को मारने के लिए करें संतरे का उपयोग - Tuberculosis ka gharelu upay hai oranges in Hindi
संतरे में काफी मात्रा में आवश्यक खनिज और कंपाउंड्स पाए जाते हैं। संतरे का जूस फेफड़ों में सलाइन पहुंचाता है जिससे कफ कम होता है और शरीर को अन्य होने वाले संक्रमण से बचाता है। ये प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता भी है।
(और पढ़ें - कफ निकालने के उपाय)
संतरे का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले संतरे का एक ताज़ा जूस निकाल लें और अब इसमें एक चुटकी नमक और एक चम्मच शहद भी मिलाएं।
- अच्छे से इस मिश्रण को मिला लें।
- इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें। एक ग्लास सुबह और एक ग्लास शाम को।
(और पढ़ें - संतरे के फायदे)
क्षय रोग से बचने के उपाय में करें सीताफल का उपयोग - TB se bache custard apple ka upyog kar ke in Hindi
सीताफल में फिर से जवान बनाने के गुण तो होते ही हैं साथ ही ये तपेदिक का भी इलाज करते है। ज़्यादातर सीताफल के गूदे का इस्तेमाल किया जाता है।
सीताफल का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे दो सीताफल के गूदे को उबलने के लिए रख दें और अब उसमे 25 बिना बीज के किशमिश को डालें।
- अच्छे से इस मिश्रण को मिलाने के बाद अब इसमें एक तिहाई चम्मच इलायची और दालचीनी डालें।
- फिर इस मिश्रण को अच्छे से उबलने दें और उबलने क बाद इसे ठंडा होने को रख दें।
- ठंडा होने के बाद मिश्रण को पी लें।
- पूरे दिन में दो बार इस मिश्रण को पियें।
(और पढ़ें - सीताफल के फायदे)
काली मिर्च से ट्यूबरक्लोसिस के लिए नेचुरल उपाय - TB se bachne ka tarika hai black pepper in Hindi
काली मिर्च फेफड़ों को साफ़ करती है जिसकी मदद से छाती के दर्द से राहत मिलती है जो कि टीबी की वजह से होता है। इसके साथ ही इसके सूजनरोधी गुण सूजन को दूर करते हैं जो बैक्टीरिया और लगातर कफ के कारण बढ़ता है।
(और पढ़ें - सूजन का इलाज)
काली मिर्च का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले आठ से दस ब्लैक पेपरकॉर्न्स (black peppercorns) को शुद्ध बटर में मिला दें।
- अब उसमे एक चुटकी हींग पाउडर डाल दें और मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दें।
- अब इस मिश्रण को तीन हिस्सों में बाट लें और हर खुराक को कुछ घंटों के अंतर पर खाएं।
(और पढ़ें - काली मिर्च के फायदे)
टीबी रोग से छुटकारा पाने का तरीका है अखरोट - TB se chutkara dilata hai walnuts in Hindi
अखरोट प्रतिरोधक क्षमता देने में मदद करता है। जो टीबी से पीड़ित हैं उन्हें अख़रोट का सेवन ज़रूर करना चाहिए। अखरोट में मौजूद पोषण तपेदिक का इलाज बेहद अच्छे तरीके से करता है।
(और पढ़ें - टीबी में क्या खाना चाहिए)
अखरोट का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले दो चम्मच क्रश अखरोट पाउडर लें और एक चम्मच लहसुन का पेस्ट लें।
- अब इसमें एक चम्मच शुद्ध बटर डालें और फिर अच्छे से मिश्रण को चला लें।
- इस मिश्रण को पूरे दिन में एक बार ज़रूर दोहराएं।
- अखरोट को आप अपने आहार में भी मिला सकते हैं जिससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे।
(और पढ़ें - अखरोट के फायदे)
तपेदिक से बचाता है पुदीना - TB rog ke gharelu nuskhe me kare mint ka upuog in Hindi
पुदीना के इलाज और एंटीबैक्टीरियल गुण तपेदिक का इलाज करने में बेहद फायदेमद हैं। ये उपाय बलगम को खत्म करता है, शरीर के अंगों को फिर से स्वस्थ बनाता है और फेफड़ों को पोषण देता है। इसके साथ ही टीबी के लिए ली जाने वाली दवाइयों के कारण होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
(और पढ़ें - फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आहार)
पुदीने का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले एक चम्मच पुदीने का जूस, दो चम्मच शहद, दो चम्मच सिरका और आधा कप गाजर का जूस लें।
- अब इस मिश्रण को अच्छे से मिला लें।
- मिलाने के बाद इस मिश्रण को तीन हिस्सों में बाँट लें और फिर कुछ घंटों के अंतर पर इसकी खुराक लेते रहें।
(और पढ़ें - पुदीने के फायदे)
क्षय रोग का घरेलू नुस्खा है ग्रीन टी - TB ke gharelu upay me karen green rea ka upyog in Hindi
ग्रीन टी टीबी का इलाज करने में मदद करती है क्योंकि इसमें हाई एंटीऑक्सीडेंट और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण मौजूद होते हैं। इसमें पॉलीफेनोल्स कंपाउंड्स भी होते हैं जो बैक्टीरिया को कम करते हैं।
(और पढ़ें - एंटीऑक्सीडेंट के फायदे)
ग्रीन टी का इस्तेमाल कैसे करें -
- सबसे पहले ग्रीन टी की पत्तियों को गर्म पानी में डालकर चाय बना लें।
- अगर आपके पास ग्रीन टी की पत्तियां नहीं हैं तो आप मार्किट से इसके कैप्सूल्स भी ले सकते हैं।
- कैप्सूल्स के अलावा आप ग्रीन टी बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पूरे दिन में दो बार इस चाय को ज़रूर पियें।
( और पढ़ें - ग्रीन टी बनाने की विधि)
टीबी रोग को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। आप चिकित्सीय इलाज के साथ साथ घरेलू उपायों को भी आजमा सकते हैं। इससे आपका इलाज जल्दी होगा।