नाक बहना बहुत ही आम और परेशान कर देने वाली समस्या है। यह तब होती है जब साइनस और नाक की नलिका में बलगम बढ़ने लगता है। हालाँकि, बलगम के उत्पादन बढ़ने से शरीर से सर्दी, जुकाम या फ्लू वाइरस, इरिटैंट और एलर्जी जैसी परेशानियां निकल जाती हैं। नाक बहने के कुछ आम कारण हैं, जैसे सर्दी, एलर्जी रिएक्शन, साइनस संक्रमण और मौसम का बदलना। अगर नाक बहने की समस्या जल्दी सही नहीं होती है तो इससे कफ, सिर दर्द और अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
(और पढ़ें - साइनस का घरेलू उपाय)
नाक बहने से रोकने के लिए सामान्य दुकानों पर भी दवाइयां मिल जाती है, लेकिन उनसे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे अधिक नींद आना।
कुछ आसान घरेलू उपाय से भी आपको नाक के बहने से जल्द राहत मिल जाती है और बिना किसी नुकसान के सभी लक्षण ठीक हो जाते हैं।
(और पढ़ें - नाक बहने का इलाज)
तो आइये आपको बताते हैं बहती नाक को रोकने के उपाय –
- बहती नाक रोकने के लिए एससेंशियल ऑइल के फायदे - Behti naak ke liye avshyak tel ka istemal kare
- बहती नाक रोकने के लिए नमक के पानी के फायदे - Behti naak ka gharelu upay namak ka pani hai
- बहती नाक रोकने के लिए स्टीम लेने के फायदे - Behti naak ke upay ke liye bhaap ka prayog kare
- बहती नाक रोकने के लिए लाल मिर्च के फायदे - Behti naak band karne ke upay me lal mirch ko shamil kare
- बहती नाक रोकने के लिए गर्म चाय के फायदे - Naak behne se rokne ke liye garam chai piye
- बहती नाक रोकने के लिए अदरक के फायदे - Naak behna adrak se roke
- बहती नाक रोकने के लिए लहसुन के फायदे - Naak behne ke upay ke liye lehsun ka upyog kare
- बहती नाक रोकने के लिए नीलगिरी का तेल के फायदे - Naak behne se rokne me nilgiri ka tel madadgar hai
- बहती नाक रोकने के लिए शहद के फायदे - Naak behna shehad se band kare
- बहती नाक रोकने के लिए गर्म पानी से नहाने के फायदे - Naak ko behne se rokne ke liye garam pani se nahaye
- सारांश
बहती नाक रोकने के लिए एससेंशियल ऑइल के फायदे - Behti naak ke liye avshyak tel ka istemal kare
सामग्री –
- तीन बूँद पेपरमिंट तेल।
- पांच बूँद लैवेंडर तेल। (और पढ़ें - लैवेंडर के तेल के फायदे)
विधि –
- सबसे पहले दोनों तेल को एक साथ मिला लें।
- मिलाने के बाद इसे छाती, गर्दन और नाक के ऊपर लगाएं।
- लगाने के बाद तेल को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इस उपाय को पूरे दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
फायदे –
पेपरमिंट तेल में मेंथोल होता है जो छाती को डीकंजेस्ट करता है और बलगम को पतला कर देता है। जब बलगम पतला हो जाता है, तो उसे शरीर से निकालने में आसानी होती है। लैवेंडर के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो संक्रमण का इलाज करते हैं।
(और पढ़ें - बलगम का उपचार)
बहती नाक रोकने के लिए नमक के पानी के फायदे - Behti naak ka gharelu upay namak ka pani hai
सामग्री –
- एक या दो चम्मच नमक। (और पढ़ें - नमक के लाभ)
- दो कप गर्म पानी। (और पढ़ें - गर्म पानी के लाभ)
- ड्रॉपर। (ये आपको ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा)
विधि –
- सबसे पहले नमक को गर्म पानी में मिला लें।
- मिलाने के बाद मिश्रण को ड्रॉपर में डालें। इस ड्रॉपर के इस्तेमाल से नाक में मिश्रण को डालने में असानी होगी।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इस उपाय को पूरे दिन में कई बार करें और तब तक करें जब तक आपको आराम न मिल जाए।
फायदे –
नमक का पानी बलगम को पतला करेगा और इस तरह शरीर से बलगम को साफ करने में मदद मिलेगी। इससे नाक की नलिका में होने वाली इरिटेशन भी ठीक होती है।
(और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
बहती नाक रोकने के लिए स्टीम लेने के फायदे - Behti naak ke upay ke liye bhaap ka prayog kare
सामग्री –
- एक कटोरा गर्म पानी।
- एक बड़ी तौलिया।
विधि –
- सबसे पहले सिर को तौलिए से लपेट लें और फिर कटोरे में भरे गर्म पानी से भाप लें।
- इस प्रक्रिया को दस मिनट तक दोहराएं।
- फिर नाक से बलगम को छिनक कर निकालें।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इस उपाय को पूरे दिन में तीन से चार बार दोहराएं।
फायदे –
पानी की गर्माहट जमा बलगम को पतला करती है। जब आप भाप लेने के बाद नाक को छीनकते हैं, तो बलगम को साफ करने में आसानी होती है।
(और पढ़ें - भाप लेने का तरीका)
बहती नाक रोकने के लिए लाल मिर्च के फायदे - Behti naak band karne ke upay me lal mirch ko shamil kare
लाल मिर्च एंटीहिस्टमाइन की तरह कार्य करती है, जिससे नाक के बलगम को साफ करने में मदद मिलती है। लाल मिर्च बलगम को निकालती है, जिससे आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से निकलने लगते हैं। इससे रक्त परिसंचरण भी बढ़ता है और परिसंचरण बढ़ने की वजह से शरीर गर्म होता है। तो जब भी आप नाक के बहने की समस्या से परेशान हो तो अपने खाने में लाल मिर्च का प्रयोग करें।
(और पढ़ें - बलगम निकालने के उपाय)
बहती नाक रोकने के लिए गर्म चाय के फायदे - Naak behne se rokne ke liye garam chai piye
नाक बहने से रोकने के लिए गर्म पेय पदार्थ जैसे चाय पीयें। गर्म पेय पदार्थ सर्दी जुकाम को कम करने में फायदेमंद होता है। इसका फायदा गर्माहट और भाप की वजह से होता है, जिससे नाक को खोलने में मदद मिलती है। कुछ हर्बल चाय में जड़ी बूटियां होती हैं। ऐसी चाय का सेवन करें जिनमें सूजनरोधी और एन्टीहिस्टमाइन के गुण हो, जैसे कैमोमाइल, अदरक, पुदीना या बिच्छू बूटी।
(और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
गर्म-गर्म हर्बल चाय बनाएं और पीने से पहले उसकी भाप को सूंघें। यदि गले में खराशों के बाद नाक बहने की परेशानी शुरू हो जाती है तो उसके लिए गर्म हर्बल चाय पीयें। जो आपके खराशों को ठीक कर सके और नाक बहने की समस्या को उत्पन्न न होने दे।
(और पढ़ें - बंद नाक खोलने के उपाय)
बहती नाक रोकने के लिए अदरक के फायदे - Naak behna adrak se roke
सामग्री –
- अदरक।
- नमक।
विधि –
- सबसे पहले कुछ मात्रा में अदरक को पीस लें और पीसी हुई अदरक में नमक को मिलाएं।
- नमक मिलाने के बाद उसे मुँह में रख लें और धीरे-धीरे अदरक का जूस निगलते रहें।
- आप अदरक की चाय भी बनाकर पी सकते हैं।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
पूरे दिन में कई बार अदरक को चबाएं।
फायदे –
यह तो आप सभी जानते हैं कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई बीमारियों का इलाज करते हैं। इसमें एंटीवाइरल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं, जो बलगम को साफ करने में मदद करते हैं।
(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन का इलाज)
बहती नाक रोकने के लिए लहसुन के फायदे - Naak behne ke upay ke liye lehsun ka upyog kare
सामग्री –
- लहसुन की फांकें। (और पढ़ें - लहसुन के गुण)
विधि –
- लहसुन की फांकों को चबाएं और उसे फिर निगल जाएं। लहसुन निगलने से नाक बहने की समस्या से आपको काफी आराम मिलेगा।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
पूरे दिन में तीन से चार लहसुन की फांकों को खाएं।
फायदे –
लहसुन आपके शरीर को गर्म करता है और नाक बहने की समस्या से काफी आराम देता है। इसमें मौजूद एंटीवाइरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल के गुण कीटाणुओं को मारने में मदद करते हैं।
(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने के फायदे)
बहती नाक रोकने के लिए नीलगिरी का तेल के फायदे - Naak behne se rokne me nilgiri ka tel madadgar hai
सामग्री –
- नीलगिरी का तेल। (और पढ़ें - नीलगिरी तेल के फायदे)
- रूमाल।
विधि –
- एक रूमाल लें और फिर उसपर कुछ मात्रा में नीलगिरी का तेल डालें।
- फिर पूरे दिन उस रूमाल को सूंघते रहें।
- सूंघने से सर्दी और नाक बहने के लक्षणों से काफी आराम मिलेगा।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इस उपाय को रोजाना दोहराएं और जब तक नाक बहने की समस्या खत्म ना हो जाए।
फायदे –
नीलगिरी तेल में मौजूद एंटीवाइरल और एंटीमाइक्रोबियल गुण सर्दी के लक्षणों को ठीक करते हैं। इस तेल में सूजनरोधी और एनाल्जेसिक (Analgesic) के गुण मौजूद होते हैं।
(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)
बहती नाक रोकने के लिए शहद के फायदे - Naak behna shehad se band kare
सामग्री –
- एक चम्मच शहद।
- तीन से चार बूँद ताजा नींबू का जूस। (और पढ़ें - नींबू के फायदे)
- एक ग्लास गुनगुना पानी।
विधि –
- सबसे पहले शहद और नींबू के जूस को पानी में मिला लें।
- पानी में अच्छे से मिलाने के बाद मिश्रण को पी जाएं।
(और पढ़ें - दालचीनी और शहद के फायदे)
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इस उपाय को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।
फायदे –
शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण और नींबू में मौजूद विटामिन सी कीटाणुओं को मारते हैं और बलगम की समस्या को खत्म करते हैं। शहद नाक की नलिका की सूजन को भी दूर करता है।
(और पढ़ें - सूजन का उपचार)
बहती नाक रोकने के लिए गर्म पानी से नहाने के फायदे - Naak ko behne se rokne ke liye garam pani se nahaye
अगर आप बहती नाक से जल्दी राहत पाना चाहते हैं, तो गर्म पानी से नहाएं। जैसे आप गर्म चाय और भाप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसी तरह गर्म पानी से नहाना भी बहती नाक को रोकने में मदद करता है। गर्म पानी के सामने अपनी नाक को रखें और उसकी भाप को अच्छे से सूंघें। इसके साथ ही हल्का गर्म पानी को नाक पर भी डालें।
(और पढ़ें - गर्म पानी से नहाने के फायदे)
सारांश
बहती नाक को रोकने के लिए घरेलू उपाय सरल और प्रभावी हो सकते हैं। भाप लेना नाक की जकड़न कम करने और साइनस को साफ करने में मदद करता है। गर्म पानी में नमक मिलाकर नाक धोने (सलाइन रिंस) से भी राहत मिलती है। अदरक की चाय, शहद और नींबू का सेवन गले को शांत करता है और संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है। हल्दी वाला दूध या गर्म सूप शरीर को गर्म रखने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। नाक पर गर्म कपड़े से सेक करने से भी आराम मिलता है। पर्याप्त पानी पीना और आराम करना तेजी से ठीक होने में मदद करता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।