पोटेशियम हृदय और मांसपेशियों की गतिविधियों को प्रभावित करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोटेशियम की कमी से दिमाग भी प्रभावित होता है? असल में दिमाग के न्यूरोन में पोटेशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे डिमेंशिया की समस्या में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही पोटेशियम याद्दाश्त को बढ़ाने और चीजों को याद रखने में भी उपयोगी है। इस तरह देखा जाए तो पोटेशियम बहुत लाभकारी खनिज है।
आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि यह खनिज किस तरह से दिमाग पर असर डालता है -
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दिमाग और पोटेशियम के बीच संपर्क
न्यूरोन्स की कार्यप्रणाली इलेक्ट्रोलाइट पर निर्भर करती है जो कि मुख्य रूप से सोडियम और पोटेशियम में पाया जाता है। पोटेशियम का स्तर कम होने पर दिमाग की क्षमता कम हो जाती है। पोटेशियम की कमी होने की वजह से आपको थकान, चीजों की शुरूआत या अंत करने में समस्या होना आदि होते हैं। इन लक्षणों को दिमाग पर धुंध चढ़ जाना कहा जा सकता है। इसकी आप आराम करके, तनाव कम करके या फिर पौष्टिक आहार लेकर भी भरपाई नहीं कर सकते। इसलिए कोशिश करें कि आपमें पोटेशियम की कमी न हो।
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याद्दाश्त कम होना
आपने कभी नोटिस किया हो कि पोटेशियम का स्तर बढ़ाने की वजह से आपकी याद्दाश्त बेहतर हो रही है। इसका मतलब यह है कि अगर आप पोटेशियम की मात्रा कम लेते हैं तो इससे आपको याद करने में दिक्कतें आती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने सुझाव दिया है कि एक व्यक्ति को रोजाना का 4.7 ग्राम पोटेशियम लेना चाहिए। इसे आप पौष्टिक आहार, दूध, शकरकंद और अम्लयुक्त फलों से पा सकते हैं। अगर आपमें पोटेशियम की कमी काफी ज्यादा मात्रा में है तो बेहतर है कि डाॅक्टर के परामर्श से पोटेशियम के सप्लीमेंट लें।
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दिमागी थकान महसूस होना
पोटेशियम की कमी की वजह से आपका मूड बदलता है और दिमागी थकान भी महसूस होती है। दरअसल पोटेशियम की कमी की वजह से मस्तिष्क तक सभी संदेश सही तरह से नहीं पहुंच पाते। इस बात को एक उदाहरण से समझें। एक अध्ययन में पाया गया था कि 20 फीसदी मानसिक रोगियों में पेटैशियम कम था। हालांकि, अब तक इस विषय पर पर्याप्त अध्ययन मौजूद नहीं है। इसके बावजूद यह कहा जा सकता है कि पोटेशियम की कमी की वजह से दिमाग को थकान महसूस होती है।
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उलझन में रहना
जिन लोगों में पोटेशियम की कमी होती है, उनकी याद्दाश्त चली जाती है या फिर वे हमेशा उलझन में रहते हैं। आमतौरपर जिन लोगों को हाई बीपी है और इसके लिए दवा ले रहे हैं, उनमें पोटेशियम की कमी होती है। इससे उनकी याद्दाश्त चली जाती है जो कि आम जिंदगी के लिए एक बड़ी समस्या है। ऐसी स्थिति में मरीज को पोटेशियम के सप्लीमेंट दिए जाते हैं। अतः अगर आपको अपनी डाइट से पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम न मिले तो इससे आपकी याद रखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
सारांश
इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि पोटेशियम आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यह मासंपेशियों व हृदय के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी गहरा असर डालता है। शरीर में इसकी कमी होने से याद्दाश्त कमजोर हो सकती है और थकान भी महसूस हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि डाइट में पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा ली जाए।
दिमाग पर क्या असर डालता है लो पोटेशियम के डॉक्टर

Dr. Hemant Kumar
न्यूरोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Vinayak Jatale
न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Sameer Arora
न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
