मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति को बुखार के साथ सिरदर्द और सर्दी जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ये एक खतरनाक बीमारी है, जो जानलेवा भी हो सकती है। मलेरिया एक परजीवी के कारण होता है, जो इससे संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर के काटने से ये परजीवी आपके शरीर में चले जाते हैं और लिवर तक पहुंच जाते हैं। कुछ दिनों बाद ये परजीवी खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।
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मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के सात से आठ दिनों बाद विकसित होते हैं। ये प्रारंभिक लक्षण फ्लू के जैसे होते हैं। ये लक्षण आमतौर पर बहुत हल्के होते हैं और इनसे मलेरिया की पहचान करना मुश्किल होता है।
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मलेरिया के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जो मलेरिया के परजीवी के प्रकार पर निर्भर करते हैं। इससे बचने के लिए आपको अपने आप को मच्छर काटने से बचाने की आवश्यकता होती है। मलेरिया के निदान के लिए शारीरिक और रक्त परीक्षण किए जाते हैं। अगर मलेरिया का सही समय पर उचित इलाज न किया जाए, तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
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इस लेख में मलेरिया में क्या होता है, मलेरिया हो जाए तो क्या करना चाहिए और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।
- मलेरिया बुखार होने पर क्या करना चाहिए? - Malaria ke liye kya kare
- मलेरिया होने पर डॉक्टर के पास कब जाए? - Malaria hone par doctor ke pas kab jana chahiye
- सारांश
मलेरिया बुखार होने पर क्या करना चाहिए? - Malaria ke liye kya kare
मलेरिया एक ऐसी समस्या है, जिसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए ताकि वे आपका सही इलाज कर सकें। मलेरिया के लिए कोई वैक्सीन तो नहीं बानी है, लेकिन इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है, जिससे समस्या अधिक बढ़ती नहीं है और जल्दी ठीक हो जाती है। मलेरिया होने पर निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं -
- मलेरिया होने पर सबसे महत्वपूर्ण होता है ज्यादा से ज्यादा आराम करना। हमारे शरीर को किसी बीमारी से लड़ने के लिए ताकत की आवश्यकता होती है और जब हम कोई भी काम करते हैं तो हमारी ताकत उस काम में खर्च होती है, इसीलिए मलेरिया होने पर ज्यादा से ज्यादा आराम करें, ताकि आपका शरीर बीमारी से लड़ सके। (और पढ़ें - ताकत बढ़ाने के घरेलू तरीके)
- अगर आपको या आपके आस-पास किसी को मलेरिया हुआ है, तो बार-बार थर्मामीटर से शरीर का तापमान देखते रहें। ऐसा करने से आप जान पाएंगे कि आपका बुखार बढ़ रहा है या नहीं और आपकी स्थिति कितनी गंभीर है। (और पढ़ें - थर्मामीटर का प्रयोग कैसे करते हैं)
- मलेरिया में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत आवश्यक होता है। पानी पीने से आपको अधिक मूत्र व पसीना आता है, जिसके द्वारा आपके शरीर में बन रही अतिरिक्त गर्मी निकल जाती है। ऐसी स्थिति में आपको दिन में कम से कम 2 लीटर पानी पीना चाहिए। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
- मलेरिया के लिए एक सबसे आम उपाय है अदरक। अदरक में ऐसे गुण होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और हम बीमारी से जल्दी ठीक हो पाते हैं। इसके लिए थोड़ा अदरक लें और उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक कप पानी में मिला दें। इसके बाद पानी में तीन से चार चम्मच किशमिश डाल दें और इस मिश्रण को उबाल लें। अब इस काढ़े को थोड़ा ठंडा होने के बाद पिएं। (और पढ़ें - अदरक की चाय के फायदे)
- मलेरिया में बुखार होने पर बहुत सारे कपडे पहनना लाभदायक नहीं होता है, इसीलिए फालतू कपडे उतार दें और कुछ देर ठंडी हवा में रहें। ऐसा करने से शरीर की अतिरिक्त गर्मी निकलेगी और तापमान सामान्य होगा। (और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
- मलेरिया के कारण कई लोगों को सीने में जलन भी होने लगती है। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। (और पढ़ें - सीने में जलन के घरेलू उपाय)
- अगर आपको या आपके बच्चे को मलेरिया कारण बुखार है, तो एक तौलिये को पानी में डुबाएं और उससे शरीर को पोछें। ऐसा करने से शरीर की गर्मी निकलती है और तापमान सामान्य होता है। आप चाहें को हल्के गुनगुने पानी से नहा भी सकते हैं। (और पढ़ें - बच्चे को बुखार का इलाज)
- मलेरिया में उल्टी या दस्त होने पर आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसीलिए ऐसी स्थिति में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेना बेहद जरुरी होता है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। (और पढ़ें - दस्त बंद करने के लिए क्या करना चाहिए)
- सिरदर्द, बुखार और दस्त के लिए दालचीनी एक अच्छा इलाज है। इसके लिए बराबर मात्रा में शहद और दालचीनी का पाउडर लें और उन्हें मिला लें। अब इस घोल को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। इसके बाद इसे थोड़ा ठंडा करके पिएं। इस मिश्रण को आपको रोजाना पीना है, ताकि आपके लक्षण सुधर सकें। (और पढ़ें - दालचीनी और शहद के फायदे)
- मलेरिया के बुखार के लिए केमिस्ट के पास मिलने वाली पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन जैसी दवाएं ली जा सकती हैं। ये दवाएं मलेरिया का इलाज तो नहीं करतीं, लेकिन उससे होने वाले बुखार में राहत जरूर देती हैं। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और दवा के पैकेट पर दिए गए निर्देशों को पढ़ लें। याद रहे कि इन दवाओं का सेवन दो या तीन दिन से अधिक समय के लिए न करें। (और पढ़ें - तेज बुखार होने पर क्या करें)
- अगर मलेरिया के कारण आपका पेट खराब है, तो हल्का खाना खाएं जो पचाने में आसान हो। (और पढ़ें - पेट खराब होने पर क्या खाएं)
- अगर आपको शरीर के अंगों का ताल-मेल बिठाने में समस्या हो रही है, तो कोई काम न करें और जितना हो सके उतना आराम करें। (और पढ़ें - सेरीब्रल मलेरिया क्या होता है)
- अगर कोई भी उपाय या दवा लेने के बाद आपको किसी प्रकार के लक्षण या दुष्प्रभाव महसूस हो रहे हैं, तो उन साइड इफेक्ट्स का ध्यान रखें और अपने डॉक्टर के पास जाएं। (और पढ़ें - पेन किलर लेने के नुकसान)
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मलेरिया होने पर डॉक्टर के पास कब जाए? - Malaria hone par doctor ke pas kab jana chahiye
मलेरिया के लक्षण अनुभव होने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि ये एक ऐसी समस्या है, जिसका सही समय पर उचित इलाज न हो तो व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है और यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है। अगर आप अभी-अभी ऐसी जगह से घूमकर आए हैं जहां मलेरिया का प्रभाव अधिक है, तो वापिस आने के बाद जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मलेरिया के लिए जांच करें।
मलेरिया को आप निम्नलिखित समस्याओं से पहचान सकते हैं -
- तेज बुखार होना। (और पढ़ें - वायरल बुखार के लक्षण)
- सिरदर्द होना। (और पढ़ें - सिर दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
- दस्त होना। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)
- बहुत पसीना आना। (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)
- ठंड लगना। (और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
- अस्वस्थ महसूस करना। (और पढ़ें - थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
- ठंड लगकर बुखार चढ़ना। (और पढ़ें - टाइफाइड के लक्षण)
- बार-बार उल्टी आना। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
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मलेरिया के लक्षण और इससे होने वाले प्रभाव छोटे बच्चों, नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं में अधिक गंभीर होते हैं और उन्हें इसके लिए ज्यादा देखभाल की आवश्यकता भी होती है।
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मलेरिया का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो इससे एनीमिया, सांस की समस्याएं, लो ब्लड शुगर और लिवर व किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
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