इन्फेक्शन या संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और जब ये संक्रमण पेट में होता है, तो उसे “गैस्ट्रोएन्टराइटिस” (Gastroenteritis) या जठरांत्र शोथ कहते हैं। पेट में इन्फेक्शन का मतलब केवल पेट में संक्रमण ही नहीं, बल्कि आंत में इन्फेक्शन भी होता है।
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पेट के इन्फेक्शन के कारण पेट दर्द, उल्टी, मतली, दस्त या ऐसे ही पेट से संबंधित कई लक्षण हो सकते हैं। इसे कभी-कभी पेट का फ्लू भी कहा जाता है। हालांकि, ये फ्लू की तरह केवल वायरस के कारण ही नहीं होता, इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरिया और अन्य परजीवी।
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पेट में इन्फेक्शन किसी को भी कभी भी हो सकता है और इसके कारण होने वाले लक्षणों से बहुत परेशानी होती है। अगर संक्रमण वायरस के कारण है, तो इसका कोई इलाज नहीं होता। ऐसी स्थिति में केवल इसके लक्षणों से राहत पाने का प्रयास किया जाता है।
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जठरांत्र शोथ के लिए कई घरेलू उपाय और तरीके उपलब्ध हैं, जिनसे आपको आराम मिल सकता है और आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस लेख में पेट के इन्फेक्शन के लिए क्या करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।
- पेट के इन्फेक्शन के लिए क्या करना चाहिए? - Pet me infection hone par kya kare
- पेट में इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? - Pet ke infection ke liye doctor ke pas jaye
- सारांश
पेट के इन्फेक्शन के लिए क्या करना चाहिए? - Pet me infection hone par kya kare
पेट में संक्रमण होने पर आप निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -
- इन्फेक्शन होने पर आराम करना सबसे महत्वपूर्ण होता है, ताकि आपका शरीर इन्फेक्शन से लड़ने में पूरी ताकत लगा पाए। उल्टी दस्त के कारण आप घर से बाहर तो नहीं जा पाएंगे, लेकिन घर पर रहकर भी पर्याप्त आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
- दस्त और उल्टी के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेने का प्रयास करें। हालांकि, हो सकता है कि आपको कुछ भी पीने से उल्टी या दस्त होने लगें, अगर ऐसा होता है तो कुछ-कुछ देर में थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं। दस्त होने या उल्टी आने के 10 मिनट बाद फिर से पानी पीने का प्रयास करें। बाजार में मिलने वाले ऐसे तरल पदार्थ न लें जिनमें बहुत चीनी हो क्योंकि इनसे दस्त बढ़ सकते हैं। (और पढ़ें - पानी कितना और कैसे पिएं)
- आप चाहें तो घर में इलेक्ट्रोलाइट भी बना सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में 5 चम्मच चीनी डालें और उसमें चुटकी भर नमक मिला दें। इस घोल को थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहें। आप चाहें तो स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें एक नींबू भी निचोड़ सकते हैं। (और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
- पेट में संक्रमण हो तो कॉफी, चाय और शराब न लें। इनसे शरीर में पानी की कमी होती है और साथ ही आपकी समस्या भी बढ़ सकती है। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
- अगर इन्फेक्शन के कारण आपके पेट में दर्द हो रहा है, तो पेट की सिकाई करने से आपको आराम मिल सकता है। इसके लिए आप हीटिंग पैड का उपयोग कर सकते हैं, या कई अन्य घरेलू तरीकों से भी सिकाई की जा सकती है। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- कोशिश करें कि थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ हल्का खाना खाएं। अगर आपको भूख नहीं लग रही है, तो जबरदस्ती कुछ न खाएं। पेट के संक्रमण में केले और सफेद चावल खाना अच्छा होता है, क्योंकि इन्हें पचाना आसान होता है। (और पढ़ें - भूख न लगने के कारण)
- उल्टी के कारण आपके गले में दर्द भी होने लगता है। इसके लिए आप चाहें तो अपने गले पर ठंडी सिकाई कर सकते हैं। इसे करने के कई अलग-अलग तरीके हैं, लेकिन सबसे आसान तरीका है जमे हुए मटर का पैकेट अपने गले पर रखना। ध्यान रहे कि अगर आप बर्फ से सिकाई कर रहे हैं, तो बर्फ के टुकड़ों को अपनी त्वचा पर सीधे न रखें, इससे आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। (और पढ़ें - गले के दर्द के लिए क्या करना चाहिए)
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पेट में इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? - Pet ke infection ke liye doctor ke pas jaye
वैसे तो पेट का इन्फेक्शन कुछ उपाय करने से ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता भी हो सकती है। अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं अगर -
- आपको ऐसा लगता है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है या आपको डिहाइड्रेशन के लक्षण अनुभव हो रहे हैं। (और पढ़ें - पानी की कमी दूर करने वाले फल)
- 24 घंटों से ज्यादा समय से उल्टी आ रही है। (और पढ़ें - नवजात शिशु को उल्टी होने के कारण)
- आपके मल में खून आ रहा है या मल का रंग गहरा है। (और पढ़ें - बलगम में खून आने के कारण)
- आपको हर एक या दो घंटे में बहुत मल आ रहा है। (और पढ़ें - आंत्र असंयम का इलाज)
- उल्टी में खून आ रहा है। (और पढ़ें - खून की उल्टी के कारण)
- तेज बुखार है और ठीक नहीं हो रहा है। (और पढ़ें - तेज बुखार होने पर क्या करें)
- आपको बहुत तेज पेट में दर्द हो रहा है। (और पढ़ें - पेट दर्द में क्या खाना चाहिए)
- गहरे रंग की उल्टी आ रही है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में उल्टी आने के कारण)
- आप उल्टी के कारण कोई भी तरल पदार्थ नहीं ले पा रहे हैं। (और पढ़ें - तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे)
- आपको पहले से ही किडनी, लिवर या दिल की बीमारी है। (और पढ़ें - लिवर रोग के लक्षण)
- आप एक गर्भवती महिला हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)
- अचानक बहुत तेज पेट में दर्द शुरू हो गया है। (और पढ़ें - पेट में गैस के कारण)
- आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से ही किसी बीमारी के कारण कमजोर है, जैसे एचआईवी। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें)
- आपकी उम्र 60 साल से अधिक है। (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण)
- आपको पहले से ही कोई अंदरूनी समस्या है, जैसे शुगर, मिर्गी आदि।
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नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।
सारांश
पेट में संक्रमण (Stomach Infection) होने पर तुरंत इलाज और सावधानी जरूरी है। इसके लक्षणों में पेट दर्द, डायरिया, उल्टी, बुखार और भूख न लगना शामिल हो सकते हैं। पहले हल्का और सुपाच्य आहार जैसे दलिया, केला, दही, और नारियल पानी लें ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। भारी और मसालेदार भोजन से बचें। संक्रमण को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें, खासकर यदि लक्षण 2-3 दिनों से अधिक समय तक बने रहें। घरेलू उपचार के लिए अदरक का रस, पुदीना, और जीरा पानी फायदेमंद हो सकते हैं। स्वच्छता का ध्यान रखें और दूषित भोजन या पानी से बचें, ताकि संक्रमण से बचाव हो सके।