थकान के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी बिना किसी कारण के भी थकान हो सकती है. इसके अलावा, पर्याप्त नींद के बाद भी सुस्ती महसूस हो और नमकीन खाने की क्रेविंग हो, तो ये एड्रिनल फटीग के लक्षण हो सकते हैं. अब सवाल यह उठता है कि एड्रिनल फटीग आखिर क्या है? क्या एड्रिनल फटीग जैसी कोई स्वास्थ्य समस्या होती भी है या नहीं.
आज इस लेख में आप एड्रिनल फटीग के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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- एड्रिनल फटीग क्या है?
- एड्रिनल फटीग या इंसफिशिएंसी के लक्षण
- अधिवृक्क थकान का परीक्षण
- एड्रिनल थकान के लिए घरेलू उपचार
- एड्रिनल फटीग का इलाज
- सारांश
एड्रिनल फटीग क्या है?
हमारे शरीर में मौजूद एड्रेनल ग्लैंड कुछ खास तरह के हार्मोंस रिलीज करते हैं. ये हार्मोंस शरीर को सही तरीके से कार्य करने में सहायता करते हैं. इससे स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है, शरीर को फैट व प्रोटीन मिल सकता है और शुगर व हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है. वहीं, जब एड्रिनल ग्लैंड पर्याप्त रूप से हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता है, तो शरीर में कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं. हालांकि, मेडिकल में एड्रेनल फटीग नामक टर्म नहीं है, लेकिन एड्रेनल इंसफिशिएंसी (adrenal insufficiency) जरूर है। अधिवृक्क थकान एक लक्षण-आधारित सिंड्रोम है जो क्रोनिक तनाव से जुड़ा हुआ है। कोर्टिसोल हॉर्मोन जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे केवल छोटे समय के लिए आवश्यकता के अनुसार ही उत्पादित किया जा सकता है । यह एक समस्या बन जाती है जब क्रोनिक तनाव के कारण कोर्टिसोल का स्तर ऊंचा रहता है। शरीर में कोर्टिसोल का ऊंचा स्तर नकारात्मक लक्षणों को बढ़ा देता है । फिर, समय के साथ, अधिवृक्क ग्रंथियों का कोर्टिसोल का उत्पादन इसकी मांग को पूरा नहीं कर पाता है, और स्तर गिर जाता है, साथ ही उन अन्य हार्मोनों के साथ जो कुछ हद तक अधिवृक्क पर निर्भर करते हैं, जैसे कि थायरॉयड, एस्ट्रोजेन , प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन। अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ, जैसे अवसाद, फाइब्रोमायल्जिया और हाइपोथायरायडिज्म, अधिवृक्क तनाव के समान लक्षण पैदा कर सकते हैं।
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एड्रिनल फटीग या इंसफिशिएंसी के लक्षण
ये लक्षण साधारण हो सकते हैं. दरअसल, अगर किसी को काफी समय से चिंता या तनाव की समस्या है, तो उसके एड्रेनल ग्लैंड कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का उत्पादन जारी नहीं रख पाते हैं और इसके कारण लक्षण विकसित हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं -
- थकान
- सोने में परेशानी
- सोकर उठने में समस्या
- शुगर युक्त खाद्य पदार्थों को खाने की क्रेविंग
- नमकीन खाद्य पदार्थों की क्रेविंग
- प्रेरणा की कमी
- पाचन से जुड़ी समस्या
- वजन कम होना
- शरीर में दर्द
- लो ब्लड प्रेशर
- सिर हल्का लगना
- शरीर के बाल झड़ना
- त्वचा की रंगत में बदलाव
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अधिवृक्क थकान का परीक्षण
अधिवृक्क थकान के लक्षण अक्सर अस्पष्ट होते हैं, यदि आपको अधिवृक्क थकान महसूस होती है और डॉक्टर इस का परीक्षण करता है तो वास्तव में किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं। डॉक्टर इस का परीक्षण कर सकते हैं और निम्न समस्याएँ सामने आ सकती हैं जैसे:
- रक्ताल्पता
- स्लीप एप्निया
- हृदय की समस्याएं
- फेफड़ों की समस्या
- मधुमेह
- गुर्दा रोग
- यकृत रोग
- चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (आईबीएस)
यदि अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों को खारिज कर दिया गया है, तो यह संभव है कि अधिवृक्क थकान के लक्षण वास्तव में निम्नलिखित के परिणाम हों: ऐसा आहार जिसमें पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी हो, अधिक गतिहीन जीवन शैली, और आदर्श से कम नींद की आदतें।
एड्रिनल थकान के लिए घरेलू उपचार
हालाँकि अभी भी इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि एड्रिनल थकान शरीर में कैसे मौजूद है, सबसे पहले इस के उपचार के लिए धूम्रपान, शराब और नशीली दवाओं को छोड़ना शामिल है । एक स्वस्थ जीवनशैली व्यवस्था शुरू करने से भी मदद मिल सकती है, जिसमें शामिल हैं:
- नियमित व्यायाम करना
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार
- सोने और जागने की नियमित दिनचर्या बनाना
जीवनशैली में ये बदलाव उन लोगों के लिए मददगार हैं जो थकान, चीनी खाने की लालसा और खराब मूड जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
अगर इस से बचने के लिए आप बाहर से दवाइयाँ लेने के लिए सोच रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से जांच करवाना सबसे अच्छा है। सभी विटामिन, पूरक और जड़ी-बूटियाँ खतरनाक नहीं हैं (विशेषकर सही खुराक लेने पर), लेकिन हर किसी की व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्याएं अलग अलग होती हैं। यदि आको कोई भी स्वास्थ संबंधी समस्या महसूस हो रही है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
एड्रिनल फटीग का इलाज
अगर किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण एड्रिनल फटीग की परेशानी है, तो डॉक्टर उस खास स्वास्थ्य समस्या का उपचार कर सकते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर नीचे बताए गए तरीकों से भी एड्रिनल फटीग का उपचार कर सकते हैं -
दवाइयां
गर किसी तरह की विटामिन या मिनरल की कमी हुई है, तो डॉक्टर इसके लिए दवा दे सकते हैं. ध्यान रहे थकावट महसूस होने पर अपने आप कोई सप्लीमेंट न लें, बल्कि पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें.
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जीवनशैली में बदलाव
डॉक्टर व्यक्ति के लाइफस्टाइल चेंजेस पर ध्यान देंगे. उनके रूटीन में बदलाव का सुझाव दे सकते हैं. डाइट में बदलाव कर पौष्टिक आहार लेना, सही वक्त पर सोना या उठना, फिजिकल एक्टिविटी जैसे - वॉक करना, साइकिल चलाना, व्यायाम या योग करना.
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स्ट्रेस का उपाय
अगर एड्रिनल फटीग के पीछे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा कोई कारण है, तो डॉक्टर काउंसलिंग या स्ट्रेस कम करने के उपाय अपनाने की सलाह दे सकते हैं. इसके साथ ही ध्यान लगाना यानी मेडिटेशन करने का सुझाव भी दे सकते हैं.
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सारांश
एड्रिनल फटीग टर्म को अभी तक मेडिकली किसी तरह की स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन एड्रिनल इनसफिशिएंसी नामक टर्म जरूर है. इसलिए, अगर किसी को यहां बताया गया कोई भी लक्षण अपने में लंबे वक्त से महसूस हो रहा है, तो इस पर ध्यान दें. सही वक्त पर डॉक्टर से मिले और उसी अनुसार अपने जीवनशैली में बदलाव करें. बहुत देर तक किसी कार्य को करने से थकान होना सामान्य है, लेकिन अगर बिना किसी कारण ही थकान या सुस्ती लगातार बनी रहती है, तो इस बारे में डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है.
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एड्रिनल फटीग क्या है, लक्षण व इलाज जानिए के डॉक्टर

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