अवसाद या डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। चाहें वो स्त्री हो या पुरुष लेकिन , पुरुषों के द्वारा डिप्रेशन को अक्सर नज़रअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि ज्यादातर पुरुष इसे समझते नहीं या उनसे हमेशा मजबूत रहने और न टूटने की उम्मीद की जाती है। कई बार डिप्रेशन को लेकर लोगों में जागरूकता ही नहीं होती और ज्यादातर समय तो पुरुष और महिला दोनों ही लंबे समय तक ये नहीं समझ पाते कि वो डिप्रेशन से गुजर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम पुरुषों में डिप्रेशन के कारण, लक्षण और इससे उबरने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सबसे पहले जानते हैं की डिप्रेशन है क्या?
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- डिप्रेशन क्या है?
- पुरुषों में अवसाद के कारण
- पुरुषों में अवसाद के लक्षण
- डिप्रेशन से बचाव के उपाय
- अगर पुरुषों में डिप्रेशन का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?
- डॉक्टर की मदद कब लेनी चाहिए?
- निष्कर्ष
डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक स्थिति है जो आपके महसूस करने, सोचने और रोज के काम करने के तरीके को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। डिप्रेशन होने से आप उदास, क्रोधित, चिड़चिड़ा या खाली खाली महसूस कर सकते हैं और उन चीज़ों या काम में भी आपका मन नहीं लगता , आपको खुशी नहीं मिलती जो आपको पसंद थे । कभी-कभी उदासी होना नॉर्मल है लेकिन, अगर आप 2 सप्ताह या उससे ज्यादा अधिक समय तक उदासी महसूस करते हैं तो इसे डिप्रेशन कह सकते हैं। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, अमेरिका में करीब 9 प्रतिशत पुरुष हर दिन डिप्रेशन महसूस करते है, और करीब 30.6 प्रतिशत पुरुष डिप्रेशन से कुछ दिनों या महीनों के लिए गुजरते भी हैं । हालांकि महिलाओं में डिप्रेशन सबसे ज्यादा होता हैं, जो अमेरिका की कुल जनसंख्या की लगभग 10.4 प्रतिशत महिलाएं महसूस करती हैं।
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पुरुषों में अवसाद के कारण
हर व्यक्ति की परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। आम तौर पर, डिप्रेशन जीवन की घटनाओं, पर्सनल कारणों और डोमाग में होने वाले चेंजेस के कारण होता है. पुरुषों में डिप्रेशन कई कारणों से हो सकता है, जिनमें जैविक , मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कई कारण शामिल हैं। आइए विस्तार से समझते हैं:
जैविक कारण - पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन , सेरोटोनिन और डोपामाइन के असंतुलन के कारण डिप्रेशन हो सकता है । अगर परिवार में किसी को अवसाद की समस्या रही है, तो व्यक्ति में इसके होने की संभावना अधिक होती है। हृदय रोग, डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, मोटापा और अन्य बीमारियाँ भी पुरुषों में डिप्रेशन पैदा कर सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण - अक्सर पुरुष अपने अंदर के दर्द को छुपाते हैं, जिससे तनाव बढ़ता है और उन्हे डिप्रेशन महसूस होने लगता है। अपने आप पर शक होना , असफलता का डर और गिल्ट से भी डिप्रेशन होने का कारण है। पुरुषों में सामाजिक रूप से अलग रहने की प्रवत्ति ज्यादा होती है, जिससे अवसाद और भी ज्यादा हो सकता है।
सामाजिक कारण - नौकरी जाने का डर, पैसों की दिक्कत और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ पुरुषों में तनाव का एक बड़ा कारण हो सकते हैं। समाज पुरुषों से हमेशा मजबूत बने रहने की उम्मीद करता है, जिससे वे अपनी मानसिक स्थिति को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते और डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन में तनाव, तलाक, ब्रेकअप या परिवार से अलग होना भी पुरुषों में अवसाद को बढ़ा सकता है।
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पुरुषों में अवसाद के लक्षण
डिप्रेशन के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। पुरुषों में अवसाद के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
- हर समय उदासी और निराशा महसूस करना।
- किसी भी काम में मन न लगना।
- आत्मसम्मान में कमी और गिल्ट महसूस करना।
- बार-बार आत्महत्या के विचार आना।
- बार-बार सिरदर्द, पीठ दर्द या अन्य शारीरिक दर्द महसूस करना।
- भूख में कम या ज्यादा खाने की आदत।
- नींद न आना या बहुत अधिक सोना।
- थकान और ऊर्जा की कमी महसूस करना।
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना।
- शराब या नशे की लत बढ़ जाना।
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डिप्रेशन से बचाव के उपाय
डिप्रेशन से बचने और इसे ठीक करने के लिए अलग अलग तरीके अपनाए जा सकते हैं। पुरुषों को अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने की आवश्यकता है। डिप्रेशन से बचने के लिए निम्न लिखित तरीके अपनाएँ-
- रोजाना 30-40 मिनट टहलना, योग और व्यायाम करें।
- संतुलित आहार लें
- रोज़ 7-8 घंटे की गहरी नींद अवश्य लें।
- ध्यान और मेडिटेशन करें
- परिवार और दोस्तों से बात करें
- ऐसे ग्रुप से जुड़ें जहाँ लोग अपने ये डिप्रेशन वाले अनुभव शेयर करते हैं।
- किसी विशेषज्ञ से सलाह लें जो आपकी मेंटल हेल्थ को समझ सके।
- मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह से एंटीडिप्रेसेंट दवाइयाँ ली जा सकती हैं।
- कभी भी स्वयं दवा न लें, डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।
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अगर पुरुषों में डिप्रेशन का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?
अगर आपको डिप्रेशन के लिए मदद नहीं मिलती है, तो यह और भी खराब हो सकता है। यह आपके रिश्तों, करियर और हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है और पुरुषों में तो डिप्रेशन के और भी खराब परिणाम हो सकते हैं क्यूंकी जरूरी नहीं कि वो हर बार अपने परेशानी झेल ही लें . CDC की रिपोर्ट है कि अमेरिका में पुरुषों के आत्महत्या करने की संभावना महिलाओं की तुलना में चार गुना अधिक है। अमेरिका में आत्महत्या करने वाले लोगों में से करीब 75%-80% पुरुष हैं।
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डॉक्टर की मदद कब लेनी चाहिए?
अगर आप दिन के ज़्यादातर समय उदास या उदास महसूस कर रहे हों , 2 हफ़्ते या उससे ज़्यादा समय से डिप्रेशन के लक्षण हों , आपको चिंता हो कि आप डिप्रेशन में हो सकते हैं तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए । डॉक्टर आपके साथ कुछ बातें करेंगे , आप की भावनाओं को समझेंगे , अगर आपको कभी-कभार डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं या आप उदास महसूस करते हैं, तो अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से बाते करें. बेशक आप को कुछ करने में मन न लगे तो उन चीज़ों को करते रहना ज़रूरी है जो आपको खुशी देती हैं .
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निष्कर्ष
पुरुषों में डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। पुरुषों में डिप्रेशन के लक्षण महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षणों से अलग हो सकते हैं। पुरुषों में डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने से पुरुषों को मदद मिल सकती है। डिप्रेशन से उबरने के लिए मदद लेना ज़रूरी है। उपचार के बाद , अवसाद से ग्रस्त पुरुष अपनी स्थिति को संभाल सकता है और स्वस्थ रह सकता है। डिप्रेशन से ग्रस्त लोग पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। सही जीवनशैली, भावनात्मक सहयोग और उचित उपचार से अवसाद को रोका और ठीक किया जा सकता है। यदि आप या आपका कोई प्रियजन अवसाद से जूझ रहा है, तो जल्द से जल्द किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें। याद रखें, मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।