अमेरिका में कोविड-19 से एक नौजवान की मौत ने युवाओं पर कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर कई तरह सवाल खड़े कर दिए हैं। इस नौजवान का नाम चैड डॉरिल है, जिसने बीते महीने के अंत में कोविड-19 के चलते दम तोड़ दिया था। उसकी मौत उन तमाम युवाओं के लिए चेतावनी है, जिन्हें लगता है कि वे जवान हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं, लिहाजा सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस उन्हें संक्रमित करने से ज्यादा और कुछ नहीं कर पाएगा। इस सोच के चलते ऐसे युवा मास्क पहनने से परहेज करने से लेकर कोविड-19 के नियंत्रण के लिए जरूरी बताए गए तमाम उपायों या सलाहों की अनदेखी करते दिखते हैं। चैड डॉरिल की कहानी ऐसे ही युवाओं के लिए एक चेतावनी या सबक की तरह है। कोरोना संक्रमण से 19 साल के इस युवा की मौत के बाद उसके करीबी लोगों का कहना है कि चैड 'सुपर हेल्दी' था। वह एक युवा बास्केटबॉल खिलाड़ी था, जिसका कद लंबा और शरीर सुगठित था। वहीं, लंबी दूरी दौड़ कर तय करता था। करीबी लोग बताते हैं कि चैड का शरीर जबर्दस्त शेप में था। वह कोविड-19 से मारा गया, इस सच्चाई पर उन्हें अब तक यकीन नहीं है।

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अमेरिका की ऐपलिचियन स्टेट यूनिवर्सिटी में द्वितीय वर्ष का छात्र रहा चैड डॉरिल बीते महीने की शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षणों के चलते कॉलेज कैंपस से दूर रह रहा था और ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा था। यूनिवर्सिटी की चांसलर शेरी एवर्ट्स यह जानकारी देते हुए कहती हैं कि चैड की मां ने उसे घर वापस आकर क्वारंटीन होने की सलाह दी थी और टेस्ट कराने को कहा था। चैड डॉरिल के एक रिश्तेदार (अंकल) डेविड डॉरिल ने बताया कि बीती सात सितंबर को उसका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था। इसके चलते उसे 10 दिनों के क्वारंटीन में भेज दिया गया था। डेविड बताते हैं कि कॉलेज से आने के बाद चैड में गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा, 'वह बिस्तर से उठने की कोशिश करता था तो उसके पांव काम नहीं करते थे। इमरजेंसी में जाने के लिए मेरे भाई को उसे (चैड) कार तक ले जाना पड़ा था। डॉक्टर ने कहा कि दस लाख मामलों में कोई एक केस ऐसा निकलता है। उन्होंने लक्षण का इस तरह बढ़ना पहले कभी नहीं देखा था। यह कोविड-19 के कारण हुआ था, जिसने उसके रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करने के बजाय को दिमाग को टार्गेट किया था।'

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यहां बता दें कि फेफड़ों और मस्तिष्क के अलावा सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस किडनी, लिवर और रक्त वाहिकाओं पर भी हमला करता है। न्यूरोलॉजिकल लक्षण इसके उभरते प्रभाव के रूप में सामने आए हैं, जिनके चलते मरीजों में सिरदर्द, उलझन और प्रलाप जैसे सिंपटम्स देखने को मिल रहे हैं। आए दिन इस विषय पर नए अध्ययन प्रकाशित हो रहे हैं। प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार दि न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी कोविड-19 महामारी के हॉट स्पॉट बन गए हैं। हालांकि युवा और स्वस्थ लोगों के लिए कहा जाता है कि वे तुलनात्मक रूप से वायरस के कम खतरे में होते हैं। लेकिन कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें कॉलेज स्टूडेंट्स कोविड-19 से मारे गए हैं। चैड डॉरिल के अलावा इनमें कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का एक फुटबॉल प्लेयर भी शामिल है।

चैड डॉरिल के परिवार की एक मित्र टोनिया मैक्साई उसके पहले एक अन्य न्यूरोलॉजिकल कंडीशन से ग्रस्त होने की संभावना के बारे में बताती है। उन्होंने कहा कि चैड का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने उसके परिजनों को बताया था कि उन्हें शक है कि चैड को अतीत में गिलैन बेर सिंड्रोम हुआ था। यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम ही नसों पर हमला करना शुरू कर देता है। कई प्रकार के वायरस इस सिंड्रोम की वजह बन सकते हैं और कोरोना वायरस से जुड़े कुछ मामलों में भी ऐसे केस देखने में आए हैं।

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चैड की मौत के बाद उसके शव की जांच के दौरान डेविड डॉरिल ने बताया कि वह कितना स्वस्थ था। उन्होंने कहा, 'वह स्वस्थ था और जबर्दस्त शेप में था। वह पतला था। बिना किसी समस्या के छह मील तक दौड़ सकता था। तीन हफ्ते भी नहीं हुए हैं, जब वह हमारे साथ दौड़ा था। बीमार होने तक वह स्वस्थ था।' डॉरिल बताते हैं कि उन्हें नहीं पता कि उनके भतीजे में वायरस कैसे आया। उनकी मानें तो चैड मास्क पहनने को लेकर हमेशा सतर्क रहता था। परिवार ही नहीं, चैड की मौत से फॉरसिथ मेडिकल सेंटर के डॉक्टर और अन्य स्टाफ सदस्य भी काफी ज्यादा आहत हैं, जिन्होंने चैड को बचाने की पूरी कोशिश की थी। अस्पताल के न्यूरोलॉजी प्रमुख डॉ. कोलिन मैकडॉनल्ड का कहना है, 'हम यह जानने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि यह कैसे हो गया।'

परिजनों, रिश्तेदारों और इलाज करने वाले डॉक्टरों के अलावा चैड की मौत ने हर किसी को हैरान किया है। जिस टीम के लिए वह बास्केटबॉल खेलता था, उसके निजी फेसबुक अकाउंट से किए गए एक पोस्ट पर चैड की मां सुजैन डॉरिल के हवाले से उनकी एक दोस्त ने कॉमेंट करते हुए कहा कि 'अगर यह 19 साल के एक सुपर हेल्दी लड़के, जो स्मोकिंग, वैपिंग और ड्रग्स में से किसी का सेवन नहीं करता था, के साथ हो सकता है, तो फिर यह किसी के भी साथ हो सकता है'। एनवाईटी के मुताबिक, सुजैन ने पुष्टि की है कि यह बयान उन्हीं का है। उन्होंने दूसरे लोगों के लिए कहा है, 'परिवार के इस अपूर्ण क्षति को सहते हुए हम लोगों को याद दिलाना चाहते हैं कि वे मास्क पहनें और अगर टेस्ट में पॉजिटिव आए हैं तो क्वारंटीन हो जाएं। चाहे लक्षण हों या न हों। आपको कोई अंदाजा नहीं है कि आप किसके संपर्क में आ जाएं और वायरस आपको किस प्रकार से प्रभावित करे।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें क्यों कोविड-19 से इस 'सुपर हेल्दी' नौजवान की मौत उन युवाओं के लिए चेतावनी है, जिन्हें लगता है कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता? है

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