कोविड-19 महामारी ने मैक्सिको में एक लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। इस उत्तरी अमेरिकी देश में नए कोरोना वायरस ने अब तक लगभग दस लाख 20 हजार लोगों को संक्रमित किया है। गुरुवार को यहां 4,400 से ज्यादा नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है। इसी दौरान, मैक्सिको में 576 मरीजों की कोविड-19 से मौत हो गई है। इससे यहां इस बीमारी मरने वाले लोगों की कुल संख्या एक लाख 104 तक पहुंच गई है। इसके साथ ही मैक्सिको दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जहां सार्स-सीओवी-2 ने कम से कम एक लाख या उससे ज्यादा लोगों की जान ली है। इस मामले में केवल अमेरिका, भारत और ब्राजील ही मैक्सिको से आगे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि इस उत्तरी अमेरिकी देश में लगभग दस प्रतिशत की मृत्यु दर से कोरोना मरीजों की मौत हुई है। यानी यहां कोविड-19 से ग्रस्त हर 100 मरीजों में से कम से कम नौ या दस मारे गए हैं। वहीं, संक्रमियों की संख्या को लेकर मैक्सिको के सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे लोगों का असल आंकड़ा आधिकारिक रूप से दी गई जानकारी से काफी ज्यादा हो सकता है। अंतराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टें बताती हैं कि कोविड-19 संकट में मैक्सिको दो धड़ों में बंट गया है। एक धड़े के लोगों में कोरोना वायरस के फैलने का डर इतना ज्यादा है कि वे इसके सांस में कमी या दिक्कत होने के लक्षण से बुरी तरह आतंकित हैं। वहीं, दूसरे धड़े के लोग वायरस के प्रति इतने बेपरवाह हैं कि बिना मास्क लगाए घर और बाहर घूम रहे हैं। अपने पड़ोसी अमेरिका की तरह मैक्सिको में इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं कि यहां कोविड-19 संकट कब नियंत्रण में आ पाएगा।
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एक दिन में दुनियाभर में दस हजार से ज्यादा मौतें
मैक्सिको में मौतों की संख्या एक लाख होने के साथ दुनियाभर में कोविड-19 से मारे गए लोगों का आंकड़ा 13 लाख 65 हजार के पार चली गई है। यह कोरोना वायरस के मरीजों की वैश्विक संख्या का 2.38 प्रतिशत है। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में अब तक पांच करोड़ 72 लाख से ज्यादा लोग सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो चुके हैं। आलम यह है कि बीते कई दिनों से प्रतिदिन कम से कम पांच से छह लाख मामलों की पुष्टि हो रही है। वहीं, हर रोज होने वाली मौतों की संख्या दस हजार से भी ज्यादा देखने को मिल रही है। इस पूरे हफ्ते डेली डेथ टोल दस हजार से ज्यादा दर्ज किया गया है, जो मंगलवार को 11 हजार के करीब भी पहुंच गया था। गुरुवार की बात करें तो इस दौरान पूरी दुनिया दस हजार 758 लोग कोविड-19 से मारे गए हैं। इनमें से 2,000 से ज्यादा मौतें अकेले अमेरिका में देखने को मिली हैं।
कोविड-19 महामारी के वैश्विक आंकड़ों की रियम टाइम ट्रैकिंग कर रहे प्लेटफॉर्म वर्ल्डओमीटर के मुताबिक, बीते 24 घंटों में अमेरिका में एक लाख 92 हजार लोग सार्स-सीओवी-2 की चपेट में पाए गए हैं। इसी दौरान यहां 2,065 मरीजों की मौत की पुष्टि की गई है। इस अपडेट के बाद अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं, मृतकों का आंकड़ा दो लाख 58 हजार से अधिक हो चुका है। हालात नियंत्रण में न होते देख अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने आम लोगों को सलाह दी है कि वे थैंक्सगिविंग के मौके पर यात्रा न करें। वहीं, जिन राज्यों ने हाल में स्कूल-कॉलेज खोले थे, वहां धीरे-धीरे उन्हें फिर बंद करने का फैसला लिया जा रहा है।
फ्रांस और रूस में 20 लाख मरीज
अन्य देशों की बात करें तो फ्रांस और रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 लाख से आगे चली गई है। गुरुवार को रूस में एक बार फिर 23 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इससे यहां कोविड-19 से जुड़े मामलों का आंकड़ा 20 लाख को पार कर 15 हजार और आगे चला गया है। वहीं, 463 नई मौतों के साथ मारे गए लोगों की संख्या 34 हजार 850 हो चुकी है। ये हालात रूस के कोरोना संकट से निपटने के तरीकों पर सवाल उठाने का जरिया बन सकते हैं। गौरतलब है कि रूस ने खुद से विकसित की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक 5 को जुलाई में ही दुनिया का पहला कोरोना वायरस टीका करार दिया था, जबकि तब तक उसका केवल पहला ट्रायल पूरा हुआ था। बीते अगस्त महीने में उसने वैक्सीन को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया था। हालांकि मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि रूस में कोरोना संक्रमण को रोकने के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं।
उधर, 20 लाख संक्रमितों का आंकड़ा रूस से पहले पार करने वाले यूरोपीय देश फ्रांस में बीते दिन 21 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे यहां ऐसे लोगों की कुल संख्या 20 लाख 86 हजार से ज्यादा हो गई है। इनमें से 47 हजार 127 मरीजों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को फ्रांस में 429 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। बीते कई दिनों से अन्य यूरोपीय देशों की तरह फ्रांस में भी इसी तरह सैकड़ों की संख्या में लोग हर रोज कोविड-19 का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते यहां मृतकों का आंकड़ा 50 हजार के पार जाने का अंदेशा पैदा हो गया है। केवल फ्रांस ही नहीं, बल्कि इटली (47,870 मौतें) और स्पेन (42,291) में भी 50 हजार मौतें होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इस सूची में एक गैर-यूरोपीय देश ईरान का भी नाम शामिल है, जहां के कुल आठ लाख 15 हजार मरीजों में से अब तक 43 हजार 417 की मौत हो चुकी है।
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वायरस की लहर से वैक्सीन के बिना ही लड़ना होगा: डब्ल्यूएचओ
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन इतनी जल्दी नहीं आएगी कि उसे कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके। डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि ऐसे में इस कोविड लहर से लोगों को वैक्सीन के बिना ही लड़ना होगा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी निदेशक माइकल रेयान ने यह भी कहा कि वैक्सीन को 'जादू की छड़ी' की तरह नहीं लेना चाहिए, जिनके आने से महामारी तुरंत गायब हो जाएगी। उन्होंने साफ कहा है कि तमाम देशों को इस समय तेजी बढ़ रहे मामलों से वैक्सीन के बिना ही निपटना होगा। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के उच्चाधिकारी ने कहा, 'मेरे विचार में दुनिया में कहीं भी वैक्सीनेशन के उल्लेखनीय स्तर पर पहुंचने में अभी भी कम से कम चार से छह महीने का समय है। कई देशों को इसके बिना ही (कोविड) लहर से गुजरना पड़ रहा है और आगे भी बिना वैक्सीन के ही यह लड़ाई जारी रखनी होगी।'
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