कैंसर सबसे घातक बीमारियों में से एक है. कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जैसे - ब्लड कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, स्किन कैंसर, ब्रेन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लिवर कैंसर व बोन कैंसर आदि. अगर सिर्फ महिलाओं की बात करें, तो इन्हें ब्रेस्ट, सर्वाइकल, कोलोरेक्टल, एंडोमेट्रियल और ओवेरियन कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है. वर्ष 2020 में दुनिया भर में अनुमानित 18.1 मिलियन कैंसर के मामले सामने आए थे. इनमें से 9.3 मिलियन मामले पुरुषों में और 8.8 मिलियन महिलाओं में थे. महिलाओं को कैंसर होने पर पीरियड्स के अलावा रक्तस्त्राव होना, थकान, भूख न लगना और पेल्विक क्षेत्र में दर्द आदि लक्षण नजर आ सकते हैं.
इस लेख में हम महिलाओं को कैंसर होने पर नजर आने वाले लक्षणों के बारे में विस्तार से बात करेंगे -
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महिलाओं में कैंसर के लक्षण
शरीर लगातार कोशिकाओं का निर्माण करता है. ये कोशिकाएं शरीर की जरूरत के अनुसार बढ़ती हैं और विभाजित होती हैं. जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती है, कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं. फिर इनकी जगह नई कोशिकाओं का निर्माण होता है, लेकिन कैंसर की स्थिति में पुरानी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त नहीं होती हैं और नई कोशिकाओं का भी निर्माण होता रहता है.
ये अतिरिक्त कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और विभाजित होने लगती हैं, जो कैंसर बनता है. महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर होने का जोखिम सबसे अधिक रहता है. आइए, महिलाओं को होने वाले कैंसर के विभिन्न लक्षणों के बारे में जानते हैं -
महिलाओं में योनि से असामान्य रक्तस्राव
पीरियड्स के अलावा या यौन संबंध के दौरान ब्लीडिंग होना सर्वाइकल व वजाइनल कैंसर का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित 90 फीसदी से अधिक महिलाओं को भी अनियमित रक्तस्राव का अनुभव होता है. रजोनिवृत्ति के बाद भी महिलाओं में कैंसर होने पर रक्तस्त्राव या स्पॉटिंग हो सकती है. अगर योनि से होने वाला स्त्राव गहरा, बदबूदार और रक्त के रंग का होता है, तो भी यह सर्वाइकल, योनि और एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत हो सकता है.
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कैंसर के कारण महिलाओं के पेट में दर्द
गैस, अपच व सूजन के कारण पेट में दर्द या बेचैनी महसूस हो सकती है. इसके अलावा, मासिक धर्म की वजह से भी इन क्षेत्रों में दर्द महसूस होता है. वहीं, अगर पेट, पेल्विक व पीठ में लंबे समय तक दर्द या दबाव रहता है, तो यह कई तरह के कैंसर का संकेत हो सकता है. इसमें कोलोरेक्टल, ओवेरियन और एंडोमेट्रियल कैंसर शामिल हैं. रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होने पर भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है. अगर पेट के ऊपरी हिस्से का दर्द पीठ तक फैलता है, साथ ही लगातार वजन भी घट रहा है, तो यह अग्नाशय कैंसर का लक्षण हो सकता है.
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कैंसर के कारण स्तनों में परिवर्तन
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है. स्तन या बगल में गांठ, स्तनों की त्वचा में परिवर्तन, निप्पल में असामान्यताएं भी स्तन कैंसर का लक्षण होते हैं. स्तन कैंसर होने पर महिलाओं के स्तनों में निम्न प्रकार के बदलाव नजर आ सकते हैं -
- सूजे हुए स्तन (गांठ के साथ या बिना)
- बगल या कॉलरबोन में गांठ
- निप्पल डिस्चार्ज
- स्तन या निप्पल में दर्द होना
- स्तनों का लाल होना
- खुजलीदार या मोटे निप्पल
स्तन या बगल में हर गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता है. फिर भी इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसलिए, बिना देरी किए डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए.
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कैंसर के कारण बाउल मूवमेंट में बदलाव
बाउल मूवमेंट में बदलाव कोलोरेक्टल कैंसर का संकेत हो सकता है. यह मलाशय और कोलन को प्रभावित करता है. कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण बवासीर, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसे हो सकते हैं. कुछ महिलाएं कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षणों को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम भी समझ लेती हैं. बाउल मूवमेंट में बदलाव होने पर निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं -
अगर आंत में या उसके पास ट्यूमर होता है, तो सामान्य से अधिक या कम मल त्याग होता है. ऐसा तब हो सकता है जब श्रोणि या योनि में कैंसर हो.
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कैंसर के कारण पेट में भारीपन
मासिक धर्म से पहले या भारी भोजन करने के बाद पेट का फूला हुआ महसूस होना सामान्य है. वहीं, अगर कुछ हफ्तों तक लगातार पेट में सूजन या फूला हुआ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. यह ओवेरियन या किसी अन्य प्रकार के कैंसर का संकेत हो सकता है. ओवेरियन कैंसर होने पर पेट में सूजन के साथ ही दबाव भी महसूस हो सकता है. इस स्थिति में पेट जरूरत से ज्यादा भरा हुआ लग सकता है.
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पेशाब में बदलाव
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से कई महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं. वहीं, पेशाब की समस्या कभी-कभी कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है. पेशाब में बदलाव मूत्रपथ के संक्रमण या कैंसर का संकेत हो सकता है. कैंसर होने पर पेशाब में इस तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं -
- मूत्राशय पर दबाव पड़ना
- पेशाब करते समय दर्द या जलन होना
- बार-बार पेशाब आना
- अचानक से पेशाब आना
- मूत्राशय को खाली करने में समस्या
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कैंसर के कारण अचानक वजन कम होना
व्यायाम करने या स्वस्थ भोजन करने से वजन कम होता है, तो यह वास्तव में कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है. वहीं, अगर बिना किसी कारण से लगातार वजन कम हो रहा है, तो यह कैंसर का एक लक्षण हो सकता है. महिलाओं को कैंसर होने पर अधिकतर का वजन कम हो सकता है. 4.5 किलो से ज्यादा वजन कम होने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए. क्योंकि कैंसर के कारण भी वजन कम हो सकता है. भूख में कमी भी महिलाओं में कैंसर का संकेत हो सकता है.
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कैंसर के कारण त्वचा में परिवर्तन
स्किन कैंसर एक तिल की तरह दिख सकता है, जो बड़ा होता जाता है. यह एक घाव के रूप में भी नजर आ सकता है, जो ठीक नहीं होता है. ये निशान लाल रंग के धब्बे की तरह दिखाई दे सकते हैं. इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है. स्किन कैंसर से बचाव के लिए अपनी शरीर के सभी हिस्सों पर ध्यान दें.
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सारांश
कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जो सिर्फ महिलाओं को होते हैं और इस अवस्था में नजर आने वाले लक्षण भी अलग होते हैं. इस लेख में हमने इन्हीं लक्षणों के बारे में बताया है. इनमें से एक या अधिक लक्षण दिखने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि कैंसर है. अगर ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहते हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाएं. डॉक्टर ही जांच के जरिए बता सकते हैं कि महिला को कैंसर है या नहीं.
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महिलाओं में कैंसर के लक्षण के डॉक्टर

Dr. Anil Gupta
ऑन्कोलॉजी
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Akash Dhuru
ऑन्कोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Anil Heroor
ऑन्कोलॉजी
22 वर्षों का अनुभव
