आज के समय में खूबसूरती की परिभाषा बदल रही है। बदलती सोच के बीच ही आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो बालों को खूबसूरती का पैमाना मानते हैं। ऐसे में बालों को संभालने के लिए तरह-तरह के उत्पाद - शैंपू, तेल, कंडीशनर, मसाज और न जाने क्या-क्या करते रहते हैं। कुछ लोगों में गंजापन एक उम्र पर जाकर आता है। वहीं, कुछ लोगों के बाल उस उम्र का इंतजार भी नहीं करते और झड़ना शुरू हो जाते हैं।
आज इस लेख में आप उन असली कारणों के बारे में जानेंगे, जिनके चलते गंजेपन का शिकार होना पड़ता है -
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बालों के चरण
इंसान के सिर के बालों को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है, जो इस प्रकार हैं -
- एनाजेन - बाल दो-चार साल के लिए उगते हैं
- कैटाजेन - लंबे समय तक बिना किसी बदलाव के बालों का एक ही अवस्था में रहना
- टेलोजेन - बालों का जड़ों से टूट कर गिरना
रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों के 100 तक की संख्या में बाल गिर सकते हैं। बालों का इस तरह टूटना बिल्कुल प्राकृतिक है।
समय से पहले बाल झड़ने के कारण
जवानी में समय से पहले बाल झड़ने के मुख्य रूप से 6 कारण होते हैं, जिनके बार में नीचे विस्तार से बताया गया है -
आनुवंशिक
बढ़ती उम्र के साथ बालों का झड़ना आम है। वहीं अगर बाल 20 और 30 साल की उम्र से पहले झड़ना शुरू हो जाएं तो इसे हेरेडिट्री गंजापन कहते हैं। ये परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीन्स के जरिए होता है। मेडिकल में इसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेशिआ भी कहते है। ये पुरूषों में गंजेपन का आम कारण है। वहीं महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद बाल झड़ना शुरू होते हैं।
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मेडिकल समस्या
कुछ बीमारियां जैसे सिस्टेमिक ल्युपुस एरिथिमेटोसस जो एक ऑटोइम्यून डिजीज है, सिफिलिस जो सैक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है, थायरॉयड हॉर्मोन में असंतुलन और पुरूष-महिलाओं में सेक्स हॉर्मोन के बिगड़ने से बाल झड़ सकते हैं। ट्राइकोटिल्लोमैनिया एक ऐसी मानसिक स्थिति है जब मरीज अपने बालों को खींचकर और घुमाकर तोड़ता है। जिससे उसके सिर में गंजेपन के पैचेस बनना शुरू हो जाते हैं।
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पोषक तत्वों की कमी
जो लोग अपनी डाइट पर ध्यान नहीं देते। महिलाओं को माहवारी के दौरान ज्यादा रिसाव होने से प्रोटीन, जिंक, आयरन और विटामिन बी7 की कमी हो जाती है, जिससे लगातार बाल गिरते रहते हैं।
(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय और तरीके)
टेलोजेन एफ्फलुवियम
बालों के खास चक्र में एनाजेन चरण में बाल दो से चार साल के लिए उगते हैं। जैसे ही बाल टेलोजेन चरण में आते हैं ये दो से चार महीने के बाद झड़ना शुरू कर देते हैं। इसके बाद उन बालों की जगह नए बाल ले लेते हैं। टेलोजेन एफ्फलुवियम में शारीरिक और किसी तरह की बीमारी के चलते 30 प्रतिशत बाल उगना बंद और बालों का झड़ना दोगुना हो जाता है। टेलोजेन एफ्फलुवियम होने के निम्न कारण हैं -
- तनाव
- क्रैश डाइट और वजन का गिरना
- लंबा बुखार
- खतरनाक इन्फेक्शन
- बच्चे के जन्म के समय मां के हॉर्मोन्स में बदलाव
- सर्जरी
- ट्रॉमा की वजह से खून स्त्राव
- थायरॉयड में असंतुलन
कोई खास दवा
एंटीहाइपरसेंसिटिव जैसे बीटा ब्लॉकर और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर जो ज्यादा बीपी को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल होते हैं व रेटिनॉइड्स (विटामिन ए सप्लीमेंट) बर्थ कंट्रोल पिल्स, पेनकिलर्स आदि का सेवन करने से बाल बहुत गिरते हैं।
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स्कैल्प पर समस्या
कुछ बीमारियां सिर के तल में खाली गड्ढे बना बालों के झड़ने का कारण बनती हैं।
- टीनीआ कैपिटिस - ये रोग ट्राइकोफाइट्न टोनसुरान्स फंफूद की वजह से सिर के तल पर होता है। इसके होने से बाल झुंड में झड़कर सूखे चकत्ते बनाते हैं। इस तरह की बीमारी छोटे बच्चों में तेजी से फैलती है।
- एलोपेशिआ एरिटा - ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें बाल एक साथ झड़ जाते हैं या छोटे-छोटे टापू बना कर झड़ते हैं। इसके लक्षण बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं। बाल झड़ने के साथ, नाखूनों में दर्द इसके कुछ आम लक्षण हैं।
- ट्रोमैटिक एलोपेशिआ - अगर आपको अपने बाल कस कर बांधने की आदत है तो आपको ये बीमारी हो सकती है। इस तरह की बीमारी उन लोगों को होती है जो अपने बालों पर कई तरह के एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं। बाल बनाने से लेकर उन्हें मशीनों से घुमाना, सीधा करना या किसी भी तरह के रंगों और ब्लीच का इस्तेमाल करना।
(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद बाल झड़ने के कारण)
सारांश
कम उम्र में बाल झड़ने की समस्या किसी को भी हो सकती है। अगर इसे समय रहते न रोका जाए, तो गंजेपन का शिकार होना पड़ सकता है। इस गंजेपन के पीछे आनुवंशिक, कोई बीमारी या दवा का सेवन करना है, जो बालों को जड़ों से कमजोर करती हैं। इसलिए, बाल झड़ने की समस्या शुरू होते ही डॉक्टर से सलाह लेकर उचित इलाज किए जाने की जरूरत है।
समय से पहले सिर बन रहा है उजड़ा चमन, तो जानिए असली कारण के डॉक्टर
Dr. Divyanshu Srivastava
डर्माटोलॉजी
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